कृषि वानिकी से आएगी समृद्धि

By: MeriKheti
Published on: 09-Jun-2020

खेती अब घाटे का सौदा होती जा रही है।कारण यह है कि खेती की लागत कई गुना बढ़ी है और किसान को उनके उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल पाता।खेती में यदि मुनाफा बढ़ाना है तो किसानों को कृषि वानिकी को अपनाना पड़ेगा। यह दो तरह की हो सकती है। फलदार वृक्षों की और व्यावसायिक उपयोग में आने वाले पौधों को लगाकर खेती की आमदनी बढ़ाई जा सकती है। 

कृषि वानिकी को खेती के साथ कई तरह से अपनाया जा सकता है। सबसे सरल तरीका खेतों की मेड़ों पर पौधों को रोक कर वानिकी कार्य करके किया जा सकता है। इसमें कृषि भूमि का एक अंश भी उपयोग में नहीं आता और कुछ साल बाद लाखों रुपए की इकट्ठी आए पौधों से हो जाती है। दूसरे तरीके से की गई मानी की मैं खेत के अंदर नियत दूरी पर ट्रैक्टर से खेत को जोतने लायक जगह छोड़कर पौधे लगाए जाते हैं।इनमें इमारती लकड़ी के अलावा फल वृक्षों को भी लगाया जा सकता है।

मेनू पर पॉपुलर जैसे लंबे बढ़ने वाले पौधे लगाकर बगैर किसी अतिरिक्त खर्चे के आए बढ़ाई जा सकती है। फल वृक्षों को लगाने के लिए कृषि इस समय अपने जनपद के जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय से संपर्क कर वहां से और दैनिक मिशन एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना जैसी योजनाओं में निशुल्क पौधे और उन्हें लगाने की धनराशि भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा बाल लगाने के लिए निर्धारित धनराशि खर्चे के लिए सरकार द्वारा दी जाती है।

अमरूद और आंवला के पौधे लगाकर 3 साल तक बाग तैयार होने तक से फसली खेती भी की जा सकती है। इसके अलावा पपीता नींबू करौदा आदि के पौधों को भी खेती के साथ लगाया जा सकता है। पौधे लगाने के लिए मई जून के महीने में 1 मीटर गहरा और 1 मीटर चौड़ा गड्ढा उचित दूरी पर पंक्ति में खुद देना चाहिए। गड्ढे में निकली डेढ़ फिट मिट्टी को एक तरफ और नीचे की डेटशीट मिट्टी को दूसरी तरफ डालना चाहिए।कुछ दिन बाद धूप में अच्छी तरह से कई होने के उपरांत गड्ढे से खुद ही गई ऊपरी डेढ़ फीट मिट्टी में गोबर की खाद मिलाकर गड्ढे को आधा भर देना चाहिए। यदि क्षेत्र में दिमाग की समस्या हो तो वह की खाद के साथ दीमक मारने की दवा मिला देनी चाहिए। इसके बाद जैसे ही बरसात शुरू हो 1-2 बरसात होने के बाद पौधे रोप देने चाहिए। जुलाई के पहले हफ्ते में मानसूनी बारिश के बाद पौधे रोपने से पौधे तत्काल जम जाते हैं। उनकी मृत्यु दर बेहद कम हो जाती है। 

  क्या होता है लाभ

  • वानिकी से खेती से अतिरिक्त आय मिलती है।
  • खेत से ही चारा लकड़ी आदि मिल जाता है।
  • खेती के साथ पौधे लगाने से मृदा सुधार होता है।
  • पौधों को कभी भी काट छांट कर आर्थिक तंगी दूर की जा सकती है।
  • फौजी फसल को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने का काम करते हैं।
  • मीणा पर पौधे लोगों से मीणा कटान से होने वाले आपसी झगड़े नहीं होते।

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