पिछले साल की तुलना में चावल का रकबा 47.60 लाख हेक्टेयर अधिक रहा

By: MeriKheti
Published on: 12-Aug-2020

भारत सरकार का कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग कोविड-19 महामारी के दौरान प्रक्षेत्र स्तर पर किसानों एवं कृषक गतिविधियों को सुगम बनाने के लिए कई कदम उठा रहा है। खरीफ फसलों के तहत बुवाई कवरेज क्षेत्र में संतोषजनक प्रगति हुई है जिसकी स्थिति नीचे दी गई है:

चावल:

पिछले वर्ष की इस अवधि के 274.19 लाख हेक्टेयर की तुलना में चावल के तहत लगभग 321.79 लाख हेक्टेयर कवरेज क्षेत्र। इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में 47.60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र अधिक कवर किया गया है।

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दलहन:

पिछले वर्ष की इस अवधि के 114.77 लाख हेक्टेयर की तुलना में दलहन के तहत लगभग 119.59 लाख हेक्टेयर कवरेज क्षेत्र। इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में 4.82 लाख हेक्टेयर क्षेत्र अधिक कवर किया गया है।

मोटे अनाज:

पिछले वर्ष की इस अवधि के 154.77 लाख हेक्टेयर की तुलना में मोटे अनाज के तहत लगभग 160.43 लाख हेक्टेयर कवरेज क्षेत्र। इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में 5.66 लाख हेक्टेयर क्षेत्र अधिक कवर किया गया है।

तिलहन:

पिछले वर्ष की इस अवधि के 156.75 लाख हेक्टेयर की तुलना में तिलहन के तहत लगभग 181.07 लाख हेक्टेयर कवरेज क्षेत्र। इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में 24.33 लाख हेक्टेयर क्षेत्र अधिक कवर किया गया है।

गन्ना:

पिछले वर्ष की इस अवधि के 51.33 लाख हेक्टेयर की तुलना में गन्ना के तहत लगभग 51.95 लाख हेक्टेयर कवरेज क्षेत्र। इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में 0.62 लाख हेक्टेयर क्षेत्र अधिक कवर किया गया है।

जूट एवं मेस्टा:

पिछले वर्ष की इस अवधि के 6.85 लाख हेक्टेयर की तुलना में जूट एवं मेस्टा के तहत लगभग 6.95 लाख हेक्टेयर कवरेज क्षेत्र। इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में 0.10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र अधिक कवर किया गया है।

कपास:

पिछले वर्ष की इस अवधि के 118.73 लाख हेक्टेयर की तुलना में कपास के तहत लगभग 123.64 लाख हेक्टेयर कवरेज क्षेत्र। इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में 4.90 लाख हेक्टेयर क्षेत्र अधिक कवर किया गया है। 06.08.2020 तारीख तक, देश में प्राप्त वास्तविक वर्षा 505.7 एमएम है जबकि 01.06.2020 की अवधि के दौरान सामान्य वर्षा 507.3 एमएम है और केंद्रीय जल आयोग द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार, देश के 123 जलाशयों में उपलब्ध जल भंडार पिछले वर्ष की इस अवधि के जल भंडार की तुलना में 108 प्रतिशत है तथा पिछले 10 वर्षों के औसत भंडारण का 94 प्रतिशत है।

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