दूधिया मशरूम की खेती करके आप भी कमा सकते हैं लाखों रुपये

Published on: 22-Jul-2024
Updated on: 22-Jul-2024

वर्तमान में देश के किसान विभिन्न प्रकार की खेती कर अधिक लाभ कमाने में रुचि दिखा रहे हैं। पिछले कुछ सालों में किसानों ने मशरूम की खेती की ओर रुचि दिखाई है।

हालांकि मशरूम की कई किस्में होती हैं, लेकिन भारत में बटन मशरूम के बाद दूधिया मशरूम, जिसका वैज्ञानिक नाम कैलोसाईबीइंडिका (Calosibindica) है, सबसे ज्यादा उगाया जाता है।

दूधिया मशरूम बटन मशरूम की तरह दिखता है, लेकिन इसका तना मोटा, भारी और लंबा होता है।

इसमें बहुत सारे विटामिन, खनिज और प्रोटीन होते हैं, और यह कम जगह पर अधिक मुनाफा देने वाली फसल है, जिसको लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है।

दूधिया मशरूम की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु

दूधिया मशरूम को अधिक तापमान चाहिए। इसलिए इसे अधिक तापमान वाले स्थानों पर उगाना चाहिए। इसकी खेती के लिए कवकों के प्रसार और बीज उगाने के लिए 25-35 डिग्री तापमान और 80 से 90 प्रतिशत नमी की आवश्यकता होती है।

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मशरूम को केसिंग परत लगाने और उत्पादन करने के लिए 30 से 35 डिग्री तापमान और 80 से 90 प्रतिशत नमी चाहिए। उच्च तापमान पर दूधिया मशरूम की पैदावार अच्छी होती है। 38 से 40 डिग्री तक का तापमान इसके लिए सबसे अच्छा होता है।

भूसा या पुआल पर कर सकते हैं खेती

दूधिया मशरूम भी विभिन्न प्रकार की फसलों के अवशेषों पर आसानी से उगाया जा सकता है, जैसे ज्वार, पुआल, गन्ने की खोई, बाजरा, मक्का की कड़वी और भूसा।

ध्यान रहे कि अवशेष भीगे न हों, इसकी खेती सूखे अवशेषों पर करें।

दूधिया मशरूम की खेती में भूसा या पुआल का अधिक उपयोग होता है। उत्पादन कक्ष की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें।

कमा सकते हैं लाखों का मुनाफा

जब दूधिया मशरूम की टोपी 5 से 6 से.मी. मोटी हो जाए, तो उसे पका हुआ मान लें और घुमाकर तोड़ें। तने के मिट्टी लगे निचले हिस्से को काट लें और पॉलिथीन बैग में चार से पांच छेद करके पैक करें।

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1 किलोग्राम सूखे भूसे से 1 किलोग्राम ताजा मशरूम तैयार होता है। इसकी खेती की लागत 10 से 15 रुपये प्रति किलोग्राम होती है, जबकि बाजार मूल्य 150 से 250 रुपये प्रति किलो है। इस प्रकार किसान कम लागत पर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

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