अदरक की इन उन्नत प्रजातियों की जुलाई-अगस्त में बुवाई कर अच्छा उत्पादन उठा सकते हैं

अदरक की इन उन्नत प्रजातियों की जुलाई-अगस्त में बुवाई कर अच्छा उत्पादन उठा सकते हैं

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अथिरा: अथिरा अदरक की एक बेहतरीन प्रजाति है। बुवाई करने के उपरांत 220 से 240 दिन में इसकी फसल तैयार हो जाती है। अगर आप एक एकड़ में अथिरा किस्म की खेती करते हैं, तो 84 से 92 क्विंटल तक अदरक की पैदावार हो सकती है।

अदरक एक औषधीय श्रेणी में आने वाली फसल है, जिसका इस्तेमाल खाने के साथ-साथ औषधियां बनाने में भी किया जाता है। यह सालों साल सुगमता से बाजार में मिल जाता है। हालांकि, मौसम के हिसाब से इसका भाव ऊपर- नीचे अस्थिर होता रहता है। परंतु, वर्तमान में अदरक ने महंगाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इसकी कीमत 250 से 300 रुपये किलो के मध्य पहुंच गई है। हालांकि, ऐसे इसका भाव 100 से 120 रुपये किलो के आसपास ही रहता है। ऐसी स्थिति में बहुत सारे किसान अदरक बेचकर लखपति बन चुके हैं। यदि आप अदरक की खेती करने के विषय में सोच रहे हैं, तो आज हम आपको इसकी चार ऐसी प्रजातियों के विषय में बताएंगे, जिससे बंपर उत्पादन मिलेगा।

अदरक की बुवाई किस प्रकार की जाती है

सामान्य तौर पर अदरक की बुवाई अप्रैल से मई महीने के दौरान की जाती है। अधिकतर किसान इन्हीं दो महीनों में अदरक की खेती करते हैं। परंतु, वर्तमान में मानसून की दस्तक के उपरांत भी इसकी बुवाई की जाने लगी है। यदि आप चाहते हैं, तो जुलाई और अगस्त माह के दौरान भी इसकी बुवाई की जा सकती है। इस वजह से अदरक की खेती करने वाले किसान इसकी बुवाई करने से पूर्व नीचे दी गई बेहतरीन किस्मों का चयन जरूर करें। यदि आप खरीफ सीजन में वैज्ञानिक विधि से इन प्रजातियों की खेती करते हैं, तो अच्छी आमदनी होगी।

अदरक की कुछ प्रमुख किस्में

सुप्रभा: सुप्रभा प्रजाति का छिलका सफेद और चमकीला सा होता है। यह कम समयावधि में पककर तैयार होनी वाली प्रजाति है। इसकी बुवाई करने पर आप 225 से 230 दिनों में फसल की पैदावार कर सकते हैं। विशेष बात यह है, कि इस प्रजाति में प्रकंद विगलन रोग नहीं लगता है। क्योंकि, इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा विघमान होती है। इसका उत्पादन 80 से 92 क्विंटल प्रति एकड़ है।

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सुरुची: इसी प्रकार सुरुचि किस्म का कोई तोड़ ही नहीं है। यह एक प्रकार की अगेती प्रजाति है। रोपाई करने के 200 से 220 दिन के समयांतराल पर फसल तैयार हो जाती है। बतादें कि इसकी औसतन ऊपज 4.8 टन प्रति एकड़ होती है।

नदिया: नदिया किस्म की खेती सबसे अधिक उत्तर भारत के किसान करते हैं। इसकी फसल को तैयार होने में काफी वक्त लगता है। लगभग 8 से 9 महीने में नदिया किस्म की फसल पक कर तैयार हो जाती है। साथ ही, इसकी औसत पैदावार 80 से 100 क्विंटल प्रति एकड़ है।

अथिरा: अथिरा अदरक की एक बेहतरीन प्रजाति है। बुवाई करने के पश्चात 220 से 240 दिन में इसकी फसल तैयार हो जाती है। यदि आप एक एकड़ में अथिरा प्रजाति की खेती करते हैं, तो 84 से 92 क्विंटल तक अदरक का उत्पादन हो सकता है। इससे लगभग 22.6 प्रतिशत सूखी अदरक 3.4 प्रतिशत कच्चे रेशे और 3.1 प्रतिशत तेल की मात्रा प्राप्त होती है। अधिकांश किसान इसी प्रजाति की खेती करते हैं।

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