केंद्र सरकार की पहल से हर राज्य में किसानों को खरीफ बीज उपलब्ध कराया जाएगा

By: MeriKheti
Published on: 10-May-2023

मौसम विभाग द्वारा मई माह में भारत के अंदर अलनीनो प्रभाव की आशंका जताई है। इससे विभिन्न स्थानों पर अत्यधिक बारिश तो कहीं सूखे की स्थिति बन सकती है। किसानों को सतर्क रहना बेहद आवश्यक है। रबी सीजन की फसल कटकर मंडी में पहुंच चुकी है। थोड़ी-बहुत जो फसल बच गई है। उसका कटान निरंतर चालू है। ऐसी स्थिति में किसानों ने हाल ही में खरीफ सीजन को लेकर तैयारियां चालू कर दी हैं। साथ ही, खेतों में बीजों की उपलब्धता एवं बुवाई से जुड़े सभी मामलों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के स्तर से कवायद की जा रही है। ताकि खेतों में बुवाई से संबंधित किसी प्रकार का संकट न खड़ा हो सके।

देश में अलनीनो का क्या असर हो सकता है

साथ ही, इस वर्ष भारत में अलनीनो का प्रभाव भी देखने को मिल सकता है। प्रशांत महासागर में पेरू के समीप समुद्री तट के गर्म होने की घटना को अल-नीनो कहा जाता है। इसको हम ऐसे समझ सकते हैं, कि समुद्र के तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में जो परिवर्तन देखने को मिलते हैं। उस समुद्री घटना को अल नीनो कहा जाता है। सामान्य परिवर्तन होता है, तो समुद्र के तापमान में 2 से 3 डिग्री तक वृद्धि होती है। वहीं ज्यादा अल नीनो का असर दिखता है, तो तापमान 4-5 डिग्री या इससे और ज्यादा बढ़ सकता है। अल नीनो का प्रभाव विश्व भर में देखने को मिलता है। इससे बहुत सारे स्थानों पर सूखा, लू जैसी परिस्थितियां तो विभिन्न जगहों पर बारिश होने का अनुमान ज्यादा होता है। ये भी पढ़े: जानें इस साल मानसून कैसा रहने वाला है, किसानों के लिए फायदेमंद रहेगा या नुकसानदायक

किसानों को खरीफ बीज मुहैय्या कराया जाएगा

केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है, कि मौसम की वजह से होने वाली प्रतिकूल परिस्थिति को लेकर राज्य सरकार हर स्तर पर तैयार रहें। कम बारिश होने की स्थिति में राज्यों में कृषकों के लिए बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। बतादें, कि राज्यों में बीज की उपलब्धता देखने, सिंचाई का मूल्यांकन करने के लिए कहा गया है। इसी के आधार पर किसानों की सहायता की जा सकेगी।

कृषकों की आय में वृद्धि करने पर बल दिया जाए

खरीफ बुवाई सत्र 2023-24 को लेकर केंद्र सरकार तैयारी कर रही है। इसको लेकर हाल ही में एक सम्मेलन का आयोजन भी किया गया। सम्मेलन में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि राज्यों को कृषि क्षेत्र में कच्चे माल की लागत में कटौती, उत्पादन और किसानों की इनकम बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन दिया जाए। किसानों को गारंटीशुदा फायदे की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।

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