मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बढ़ती जनसंख्या में खाद्य सुरक्षा के लिए आगाह किया

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बढ़ती जनसंख्या में खाद्य सुरक्षा के लिए आगाह किया

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जनपद के सौंसर विकासखंड में विकास यात्रा के चलते मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने कृषि विभाग के माध्यम से आयोजित श्रीअन्न (Millets) और प्राकृतिक खेती के उत्पादों जिनमें मिलेट्स से बने कुकीज़, बिस्कुट व्यंजन के स्टॉल का नजारा लिया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विभाग लाभान्वित हितग्राही को मंच से हितलाभ मुख्यमंत्री जी के माध्यम से वितरित किये गये।

इस उपलक्ष्य पर कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले, उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र सिंह और जनप्रतिनिधि मौजूद थे। मुख्यमंत्री जी को मिलेट्स से निर्मित उत्पादों के स्टाल पर सूचना व जानकारी उप परियोजना संचालक आत्मा श्रीमती प्राची कौतू ने प्रदान की। विभाग के सहायक संचालक श्री धीरज ठाकुर, श्री दीपक चौरसिया, श्री चौकीकर, श्रीमती सरिता सिंह, श्री सचिन जैन, श्री नीलकंठ पटवारी समेत बाकी अधिकारी मौजूद थे।

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अंतर्राष्ट्रीय फलक पर मध्यप्रदेश एवं इंदौर धूमकेतु की भाँति चमक रहा है। हाल ही में इंदौर में जी-20, कृषि कार्य समूह की प्रथम बैठक 13 से 15 फरवरी को समापन हुई। बैठक की शुरुआत सोमवार को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। इसके चलते कृषि पर ध्यान से विचार-विमर्श किया। आखरी दिन चार तकनीकी विषयों ‘खाद्य सुरक्षा एवं पोषण’ ‘जलवायु स्मार्ट दृष्टिकोण सहित सतत कृषि ’, ‘समावेशी कृषि मूल्य श्रृंखला एवं खाद्य प्रणाली’, एवं ‘कृषि परिवर्तन हेतु डिजिटलीकरण’ पर चर्चा हुई।

जनसँख्या में वृद्धि की वजह से खाद्य सुरक्षा व्यवस्थित होनी अति आवश्यक है

स्वयं के उद्घाटन भाषण के दौरान मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जनसँख्या वृद्धि की वजह खाद्य सुरक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि दुनिया का केवल 12 फीसद भू-भाग कृषि के लायक है। साल 2030 तक खाद्यान्न की मांग 345 बिलियन टन तक पहुँच जाएगी। वहीं साल 2000 में यह मांग 192 बिलियन टन पर थी। जाहिर है, कि ना तो खेती की भूमि में बढ़ने वाली है एवं ना ही हमारे प्राकृतिक संसाधनों में वृद्धि होनी है। ऐसी स्थिति में कृषि लायक जमीन का समुचित इस्तेमाल एवं कृषि भूमि की पैदावार को बढ़ाने हेतु कोशिश करनी होगी।

कृषि उत्पादन बढ़ाना है, तो डिजिटलाइजेशन, नवीन तकनीक मैकेनाइजेशन एवं नव बीज के इस्तेमाल को लगातार बढ़ावा देना होगा। पैदावार में वृद्धि सहित उत्पादन का खर्च कम करना भी बेहद जरुरी है। मुख्यमंत्री जी का कहना है, कि विश्व मे प्रत्येक चीज का विकल्प हो उपस्थित है। परंतु फल, सब्जी और अनाज का कोई विकल्प नहीं है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा भी इस साल को मिलेट ईयर के तौर पर घोषित किया गया है। कोशिश करें कि यह पोषक अनाज भूमि से गायब न हो जाए। प्राकृतिक खेती की तरफ रुख करना बेहद आवश्यक है।

कृषि क्षेत्र के विकास हेतु यह तीन एस बेहद महत्वपूर्ण हैं

आपको बतादें कि 14 फरवरी की बैठक में कृषि पर विमर्श के सत्र में नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा उनके उद्घाटन भाषण के दौरान खेती किसानी में विकास हेतु 3एस टेम्पलेट – स्मार्ट, सर्व आल और सस्टेनेबल के विषय में चर्चा की। उन्होंने भारत की कृषि विकास चर्चा में ड्रोन की अहमियत पर भी ध्यान दिया।

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इश्यू नोट प्रस्तुति के चलते केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सचिव श्री मनोज आहूजा ने मुख्य भाषण प्रस्तुत किया। खाद्य सुरक्षा एवं पोषण, जलवायु स्मार्ट दृष्टिकोण सहित अड़िग कृषि, समावेशी कृषि मूल्य श्रृंखला एवं खाद्य प्रणाली और कृषि परिवर्तन हेतु डिजिटलीकरण के चार मुख्य विषयों को शम्मिलित करते हुए एडब्ल्यूजी हेतु इश्यू नोट पर प्रस्तुतियां व्यक्त की गईं। आमंत्रित देशों, सदस्य देशों एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने इश्यू नोट पर स्वयं की भावना व्यक्त की। जी- 20 सदस्य देशों एवं अतिथि देशों द्वारा भी जी- 20 कृषि एजेंडे पर विशेष गौर करते हुए द्विपक्षीय बैठकें कीं।

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