Cloud Seeding: IIT कानपुर ने 5 हजार फीट ऊँचे बादलों पर केमिकल गिराकर की बारिश

IIT कानपुर ने 5 हजार फीट ऊँचे बादलों पर केमिकल गिराकर की बारिश

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जानकारी के लिए बतादें कि आईआईटी कानपुर 2017 से इस प्रॉजेक्ट पर कार्यरत रहा है। परंतु, बहुत सालों से डीजीसीए से अनुमति ना मिलने पर मामला लंबित था। संपूर्ण तैयारियों के पश्चात विगत दिनों डीजीसीए ने टेस्ट फ्लाइट की मंजूरी दे दी।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के छात्रों द्वारा नवीन कीर्तिमान स्‍थापित किया है। दीर्घ काल से क्‍लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) के माध्यम से बारिश कराने की कोशिश में लगे कानपुर आईआईटी के छात्रों के हाथ बड़ी सफलता लगी है। यहां के छात्रों ने 5 हजार फीट की ऊंचाई से बादलों पर केमिकल गिराकर बारिश कराने में सफल हुए हैं। इस परीक्षण से कृत्रिम वर्षा कराने की आशा लगी है।

काफी समय से परीक्षण चल रहा था

आईआईटी कानपुर 2017 से इस प्रॉजेक्ट पर कार्य कर रहा है। परंतु, विगत काफी सालों से डीजीसीए से स्वीकृति मिलने पर मामला बाधित था। समस्त तैयारियों के पश्चात विगत दिनों डीजीसीए ने टेस्ट फ्लाइट की स्वीकृति दे दी है। उत्तर प्रदेश सरकार विगत दोनों पूर्व क्लाउड सीडिंग के परीक्षण की अनुमति दे दी थी।

इस तरह परीक्षण किया गया

जानकारी के अनुसार, आईआईटी की हवाई पट्टी से उड़े सेसना एयरक्राफ्ट ने 5 हजार फीट की ऊंचाई पर घने बादलों के मध्य दानेदार केमिकल पाउडर फायर किया। यह सब कुछ बिल्कुल आईआईटी के ऊपर ही किया गया था। केमिकल फायर करने के पश्चात तुरंत बारिश शुरू हो गई। जानकारों का कहना है, कि क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) के लिए सर्टिफिकेशन नियामक एजेंसी डीजीसीए ही देता है।  इस सफल परीक्षण फ्लाइट के परिणामों का आकलन करने के पश्चात निर्धारित किया जाएगा कि आगे और टेस्ट किए जाए अथवा नहीं। इस दौरान आईआईटी व उसके आसपास तीव्र बारिश हुई।

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सूखा जैसे हालातों से जूझा जा सकता है

क्‍लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) में बारिश की संभावना को बढ़ाने के मकसद से विभिन्‍न रासायनों जैसे कि सिल्‍वर, आयोडाइड, सूखी बर्फ, नमक एवं अन्‍य तत्‍वों को शम्मिलित किया गया है। आईआईडी कानपुर के इस परीक्षण में सेना के विमान का उपयोग किया गया था। कानपुर आईआईटी के प्रोफेसर का कहना है, कि क्‍लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) परीक्षा सफल रहा है। इससे आगामी समय में वायु प्रदूषण एवं सूखा जैसे हालातों से निपटा जा सकेगा। कृत्रिम बारिश से आम लोगों को काफी सहूलियत मिल पाएगी। किसानों की फसलों का बचाव किया जा सकेगा।

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