इस राज्य में उर्वरकों का पर्याप्त मात्रा में हुआ भंडारण, किसानों को चिंतित होने की कोई जरूरत नहीं

By: MeriKheti
Published on: 05-May-2023

उत्तर प्रदेश में विगत साल 2022 में उर्वरक की खपत में काफी देखने को मिली थी। साथ ही, इस साल प्रदेश सरकार पहले ही बड़ा कदम उठा रही है। उर्वरकों का अभी से भंडारण करना शुरू कर दिया है। रबी सीजन की फसलें काटकर किसान बेचने के लिए मंडी पहुँचाने लगे हैं। गेहूं से भारत के विभिन्न राज्यों में मंडियां भरी पड़ी हैं। किसानों ने रबी सीजन की फसलें काट ली हैं। उन्होंने नए सीजन की फसलों की बुआई की तैयारी शुरू कर दी है। जिस तरह अच्छी फसल पाने के लिए अच्छे बीज का होना जरूरी है। इस प्रकार उर्वरक भी खेत के लिए समान उपयोगी है। रबी सीजन में उत्तर प्रदेश में उर्वरक संकट गहरा गया था। पूर्वांचल में किसानों को डीएपी, यूरिया प्राप्त करने के लिए इधर उधर चक्कर काटना पड़ता था। परंतु, इस वर्ष किसानों के समक्ष यह संकट नहीं उत्पन्न होने वाला है। इस बार प्रदेश सरकार द्वारा संपूर्ण तैयारी कर ली गई है।

साल 2022 में धान, यूरिया की कितनी खपत हुई

किसी भी फसल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए फर्टिलाइजर का इस्तेमाल किया जाता है। साल 2022 में उत्तर प्रदेश में उर्वरक की खपत काफी ज्यादा हुई थी। प्रदेश के किसानों ने निजी खेत में 37 लाख मीट्रिक टन यूरिया एवं 8.5 लाख मीट्रिक टन डीएपी लगाया। ज्यादा डीएपी और यूरिया का उपयोग होने के कारण प्रदेश में इसकी कमी हो गई थी। परंतु, वर्तमान में प्रदेश सरकार अभी से इसका भंडारण करने में लग गई है।

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यूरिया और डीएपी का कितना भंडारण हुआ है

मीडिया खबरों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से 13.24 लाख मीट्रिक टन यूरिया के साथ 3.28 लाख मीट्रिक टन डीएपी का भंडारण कर लिया गया है। प्रदेश सरकार के अधिकारियों के बताने के मुताबिक, साल 2022 में किसानों ने यूरिया एवं डीएपी की खपत खूब हुई थी। परंतु, इस बार संपूर्ण हालत को देखते हुए पूर्व से ही बंदोवस्त कर लिया है।

डीएपी, यूरिया की खेत में कितनी आवश्यकता है

एक रिपोर्ट के मुताबिक, खेतों में डीएपी का इस्तेमाल करने के लिए मानक तय हैं। बतादें कि धान में प्रति एकड़ 110 किलोग्राम यूरिया की खपत हो जाती है। डीएपी की 52 किलोग्राम तक खपत हो जाती है। इसके साथ-साथ 40 किलोग्राम पोटाश का भी इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल, उर्वरकों के उपयोग की मात्रा तक भी तय है। किसान के द्वारा निर्धारित मात्रा में उर्वरकों के इस्तेमाल से अच्छी पैदावार भी अर्जित की जा सकती है।

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