टमाटर की खेती: अचानक बारिश से इस राज्य के किसानों को लगा झटका

अचानक बारिश से इस राज्य के किसानों को लगा झटका

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किसान मोहित वर्मा का कहना है, कि उन्होंने इस बार काफी बड़े स्तर पर टमाटर की खेती की थी। खेत में टमाटर पके हुए थे। बस एक से दो दिन में उसकी तुड़ाई चालू होने वाली थी।

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जनपद में मौसम ने आकस्मिक तौर पर करवट बदली एवं देखते ही देखते आसमान में काले बादल से छा गए। इसके उपरांत तेज हवाओं सहित बारिश का दौर चालू हो गया। इससे लोगों को गर्मी से काफी हद तक राहत तो मिली। परंतु, किसान भाइयों के लिए यह बरसात मुसीबत बन गई। बारिश से खेत में लगी तरबूज, खरबूज और टमाटर की फसल को काफी ज्यादा हानि पहुंची है। विशेष कर बारिश होने से टमाटर सड़ने लग गए हैं। ऐसी स्थिति में किसान काफी चिंताग्रस्त हो गए हैं।

तरबूज, खरबूज और टमाटर की फसल में काफी नुकसान

मीडिया खबरों के अनुसार, किसानों ने बताया है, कि पिछले साल बाजार में तरबूज, खरबूज, टमाटर और खीरा का अच्छा-खासा भाव था। इसके चलते किसानों ने इस बार इन्हीं सब फसलों की खेती की थी, जिससे बेहतरीन आय हो पाए। परंतु, अचानक बारिश आने से सबकुछ बर्बाद हो गया। किसानों ने कहा है, कि बरसात की वजह से टमाटर, तरबूज और खरबूज की फसल में रोग लगना शुरू हो गए हैं। इससे फल सड़ना शुरू हो जाते हैं। साथ ही, तरबूज और खरबूज में दाग- धब्बे आ गए हैं। इससे बाजार में इसकी कीमतों में काफी गिरावट आई है। ऐसे में किसान भाई खर्चा तक भी नहीं निकाल पा रहे हैं।

व्यापारी टमाटर को खरीदने से बच रहे हैं

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि किसान मोहित वर्मा ने कहा है, कि उन्होंने इस बार बड़े स्तर पर टमाटर की खेती की थी। उनके खेत में टमाटर पके हुए थे। बस एक से दो दिन में उसकी तुड़ाई चालू होने वाली थी। परंतु, इससे पहले ही बारिश हो गई, जिसके चलते टमाटर में कीड़े लग गए एवं सड़न भी चालू हो गई। फिलहाल, बाजार में मेरे टमाटर को व्यापारी खरीदने से कतरा रहे हैं। मोहित वर्मा का कहना है, कि इस बार उसने 2 बीघे खेत में टमाटर की खेती की थी। इसके ऊपर 60 हजार रुपये की लागत आई थी। परंतु, फिलहाल ऐसा लग रहा है, कि लागत भी नहीं निकल सकेगी।

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तरबूज और खरबूज की खेती करने वाले किसान ने क्या कहा है

साथ ही, किसान बहादुर ने कहा है, कि इस बार 70 हजार रुपये की लागत से उसने चार बीघे में तरबूज और खरबूज की खेती की थी। परंतु, बारिश के कारण तरबूज और खरबूज के फल सड़ना शुरू हो गए। साथ ही, उसमें दाग- धब्बे भी आ चुके हैं। अब ऐसी स्थिति में मंडी में हमारी फसल की समुचित कीमत नहीं प्राप्त हो पा रही है। यदि मंडी के अंदर यही भाव चलता रहा, तो इस बार तरबूज- खरबूज की खेती में घाटा होगा। बतादें, कि बारिश की वजह से महाराष्ट्र में किसान भाइयों को काफी हानि का सामना करना पड़ा है। सैकड़ों एकड़ में लगी प्याज की फसल को भी क्षति पहुंची है।

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