IIT मद्रास ने मिलावटी दूध की पहचान करने विकसित की मिल्क किट 

IIT मद्रास ने मिलावटी दूध की पहचान करने विकसित की मिल्क किट 

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आज कल दूध में मिलावट की आए दिन सामने आने वाली खबरों को ध्यान में रखते हुए। IIT मद्रास मिल्क किट दूध मिलावट की जानकारी प्रदान करने के लिए एक किट तैयार की है।

पूरे भारत में दूध की बढ़ती मांग के चलते इसमें मिलावट की दिक्कतें भी आम होती जा रही है। स्वस्थ जीवनयापन करने के लिए हर कोई दूध का सेवन करता है। परंतु, बाजार में मिल रहे मिलावटी दूध से स्वास्थ्य ठीक होने की जगह और खराब हो सकती है। अब सबसे बड़ी दिक्कत यही है, कि मिलावटी दूध की पहचान करें तो किस तरह करें। आईआईटी मद्रास ने इस परेशानी का समाधान निकाल लिया गया है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT Madras) के शोधकर्ताओं ने एक 3डी पेपर आधारित पोर्टेबल डिवाइस विकसित किया है। जो 30 सैकेंड के भीतर दूध की जांच पड़ताल करके बता देगा कि इसमें क्या तत्व मिला हुआ है। आपकी जानकारी के लिए बतादें कि केवल दूध के साथ-साथ इस उपकरण से विभिन्न तरह के ड्रिंक्स में मिलावट की पहचान की जा सकती हैं।

मिल्क किट किस प्रकार अपना कार्य करती है

दूध की शुद्धता की पहचान करने के लिए आईआईटी मद्रास ने विकसित की मिल्क किट एक 3-D पेपर-आधारित पोर्टेबल डिवाइस है। ये डिवाइस आपको घर बैठे दूध में सोडियम-हाइड्रोजन-कार्बोनेट, नमक, यूरिया, डिटर्जेंट, साबुन, स्टार्च, हाइड्रोजन पर ऑक्साइड या किस तत्व की मिलावट की जानकारी दे देता है।

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मिलावटी तत्वों की जानकारी प्रदान करने के लिए डिवाइस में 8 सेक्शन दिए हैं, जो बाजार में सामान्य तौर पर मिलाई जाने वाली घातक चीजों की पहचान करने में सक्षम हैं। शीघ्र सरकार की स्वीकृति के उपरांत इस मिल्क टेस्टिंग डिवाइस को बाजार में मुहैय्या कराया जाएगा।

अब कम खर्च और आसानी से होगी मिलावटी दूध की पहचान

सीधी सी बात यह है, कि दूध की पहचान करने के लिए बहुत वर्षों से लैब पर निर्भरता बरकरार है। परंतु लैब में दूध की जांच-पड़ताल करवाने की प्रक्रिया बेहद लंबी एवं खर्चीली होती है। वहीं, आईआईटी मद्रास के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित की गई यह डिवाइस सस्ती है एवं केवल 1 मिली दूध की टेस्टिंग करके 30 सैकेंड में नतीजा सामने दिख जाता है।

फिलहाल आज तक बैंगलोर, जयपुर, गुरुग्राम, चेन्नई, दिल्ली, मुंबई की भांति के बड़े शहरों में मिलवटी दूध के कई मामले सामने आते हैं। कई बार तो लोग दूध की पहचान नहीं कर पाते एवं जहरीला दूध पीकर बीमार हो जाते हैं। ऐसी परिस्थितियों में आईआईटी मद्रास की डिवाइस लोगों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है।

इस डिवाइस के शोधकर्ता डॉ. पल्लब सिन्हा महापात्रा ने कहा है, कि इन मिल्क किट का उपयोग मिल्क पॉइट, घर, डेयरी, मिल्क कलेक्शन सेंटर पर दूध की जांच-पड़ताल करने के लिए किया जा सकता है। इस मिल्क किट की सहायता से ताजा जूस, मिल्क शेक के साथ जल में भी मिलावटी तत्वों की पहचान की जा सकती है।

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