केंद्र ने दिया किसानों को फसल के उचित मूल्य का उपहार

By: MeriKheti
Published on: 21-Oct-2022

आज सरकार ने किसानों को दिवाली का गिफ्ट देते हुए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी का ऐलान किया है। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया के साथ साझा की। अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार ने रबी की 6 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 3 से लेकर 9 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी की है। नई फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भी जारी कर दिया गया है। अनुराग ठाकुर ने बताया कि गेहूं की फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 110 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई है, जिसके बाद अब गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 2125 रूपये प्रति क्विंटल हो गया है। इसी प्रकार से जौ के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी 100 रुपये की वृद्धि की गई है। वृद्धि के बाद अब जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1635 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 1735 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। इन फसलों के साथ ही चने के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 105 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। अब चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5230 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 5335 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। चौथी फसल है मसूर, जिसके न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की गई है। मसूर के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 500 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है, जिसके बाद अब मसूर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5500 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 6,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।

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इस लिस्ट में पांचवां नाम है सरसों का, जिसके न्यूनतम समर्थन मूल्य में 400 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। अब न्यूनतम समर्थन मूल्य के हिसाब से सरसों 5050 रुपये प्रति क्विंटल की जगह 5450 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बिकेगा। सरसों के साथ ही सूरजमुखी के दाम में 209 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई है। अब सूरजमुखी 5,441 रुपये प्रति क्विंटल की जगह पर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बिकेगा। इसके पहले खरीफ के सीजन को देखते हुए सरकार ने खरीफ की फसलों में भी न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का ऐलान किया था। जिसके कारण सरकार का न्यूनतम समर्थन मूल्य का बजट बढ़कर 1 लाख 26 हजार करोड़ रुपये हो गया था। खरीफ की फसल में सरकार ने 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी की थी। केंद्र सरकार ने धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 100 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की थी। जिसके बाद धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,040 रुपये प्रति क्विंटल हो गया था। धान के साथ ही तिल, तुअर और उड़द जैसी फसलों में भी 300 से लेकर 500 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई थी। अगर हम पिछले साल की रबी फसलों की बात करें तो पिछले साल भी सरकार ने सरसों और मसूर में सबसे ज्यादा 400-400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की थी। इनके अलावा गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों और सूरजमुखी के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी की गई थी। पिछले साल सबसे कम बढ़ोत्तरी जौ के समर्थन मूल्य में की गई थी। यह मात्र 35 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी थी। पिछले साल जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1635 रुपये प्रति क्विंटल था। जौ के साथ चने के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 130 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई थी।

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