महिला किसानों के लिए कृषि करना हुआ बेहद आसान, जाने कैसे काम करेंगे स्मार्ट कृषि यंत्र

By: MeriKheti
Published on: 18-Dec-2022

भारत में बहुत सी ऐसी जगह है, जहां पर महिलाएं भी बढ़-चढ़ कर खेती-बाड़ी में लगी हुई है। घर के साथ-साथ खेतों को संभालना बहुत पुराने समय से चला आ रहा है। आंकड़ों की मानें तो लगभग 60 प्रतिशत औरतें खेती बाड़ी का काम करती हैं। यहां पर एक समस्या है, कि महिलाओं द्वारा कृषि करने के पारंपरिक तरीके ही ज्यादातर अपनाए जाते हैं। इसमें पैसा भी ज्यादा लगता है और साथ ही अधिक मेहनत भी लगती है। ऐसी दिक्कत को देखते हुए कुछ इस तरह के स्मार्ट कृषि यंत्र बाजार में लाए जा रहे हैं, जिससे मेहनत भी बचती है और दिनों का काम कुछ घंटों में ही निपटाया जा सकता है। ऐसे में महिलाएं कृषि क्षेत्र में और ज्यादा हिस्सेदारी बढ़ा सकती हैं और मुनाफा भी कमा सकती हैं। आइए जानते हैं, ऐसे कौन से कृषि यंत्र हैं जो महिलाओं के लिए खेती करना आसान बना सकते हैं।

पैडी ट्रांसप्लांटर

बहुत से राज्य ऐसे हैं, जिनमें साल भर धान की खेती की जाती है। हम जानते हैं, कि धान की रोपाई करने में बहुत ज्यादा समय लग जाता है। रोपाई में ज्यादा समय लगने के कारण बहुत ज्यादा उत्पादन भी नहीं मिल पाता है। साथ ही, यह बहुत ज्यादा मेहनत का काम है और अगर महिलाएं इसे करती हैं, तो उनके लिए यह और ज्यादा परेशानी का कारण बन जाता है। लंबे समय तक यही काम करते रहने से उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी हुई कई समस्याएं होने का खतरा होता है। धान की रोपाई को आसान बनाने के लिए भी बाजार में बेहद सस्ता पैडी ट्रांसप्लांटर मौजूद हैं, जो एक लाइन से चटाई की तरह धान की रोपाई कर देती है। इस मशीन में धान पौध खिसकाने वाली ट्रे, हत्था, पौध पकड़ने वाली ट्रे और गहराई कंट्रोल पैनल भी लगा है। इस कृषि उपकरण की मदद से झुककर धान की बुवाई करने का झंझट खत्म हो जाता है और जब कतारों में धान की रोपाई होती है। तो निराई-गुडाई, निगरानी, छिड़काव जैसे काम भी आसान हो जाते हैं।


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गन्ना चिपर

गन्ने के उत्पादन में भारत विश्व में दूसरे नंबर पर आता है। गन्ने के उत्पादन में सबसे बड़ी समस्या है, कि ज्यादातर लोग आज भी इसके रोपण के लिए पारंपरिक तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। गन्ने की रोपाई कुछ ऐसी फसलों में से एक है जो काफी ज्यादा मुश्किल होती है। इसलिए महिलाएं या फिर किसान इसके रोपण के लिए गन्ना बड चिपर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस यंत्र के साथ लगभग 1 घंटे में 100 से ज्यादा गन्ने रोपित किए जा सकते हैं।


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दांतेदार हंसिया

फसलों को लगाने में जितनी मेहनत लगती है, उससे कहीं ज्यादा मेहनत फसलों को काटने में भी लग जाती है। जमीन पर बैठे-बैठे फसलों को काटते रहने से कमर से जुड़ी हुई कई तरह की समस्याएं होने का डर रहता है। ऐसे में कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल ने उन्नत दांतेदार हंसिया यानी सिकल विकसित किया है। जो गेहूं से लेकर सोयाबीन, धान, चना, सरसों और घास आदि पतले डंठल वाली फसलों की कटाई आसानी से कर देता है। इस कृषि यंत्र में दांतेदार ब्लेड, सामी और लकड़ी के हैंडल लगे होते हैं। सबसे अच्छी बात यह है, कि इस स्मार्ट टूल का वजन सिर्फ 180 ग्राम होता है, जिससे कटाई करने पर कलाई पर भी ज्यादा बोझ नहीं पड़ता।


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सीड ड्रिल मशीन (Seed Drill Machine)

पारंपरिक तरीके से बीज उगाने के लिए उन्हें हाथ में लेकर जमीन पर फेंक दिया जाता है। ऐसा करने का सबसे बड़ा नुकसान है, कि इसमें बीजों की खपत भी ज्यादा लगती है और साथ ही उत्पादन भी बहुत ज्यादा नहीं हो पाता है। ऐसे सीड ड्रिल मशीन की मदद से आप एक लाइन में अच्छी तरह से बीज लगा सकते हैं। इस मशीन के जरिए गेहूं से लेकर सोयाबीन, मक्का, चना, और अरहर के बीजों की कतारों की बुवाई कर सकते हैं। इस तरह से इन सभी मशीनों का प्रयोग करते हुए महिला अपनी मेहनत को बचा सकती हैं और मुनाफे को बढ़ा सकती हैं।

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