जानें क्या रहेगा आने वाले पांच दिनों में मथुरा का मौसम, क्या सावधानी बरतें किसान - Meri Kheti

जानें क्या रहेगा आने वाले पांच दिनों में मथुरा का मौसम, क्या सावधानी बरतें किसान

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भारतीय मौसम विभाग से प्राप्त मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार मथुरा में अगले पांच दिनों में हल्के बादल छाये रहेंगे और बारिश की कोई सम्भावना नहीं है। अधिकतम तापमान ३२ – ३६ और न्यूनतम तापमान २४ – २६ डिग्री सेल्सियस के बीच है। सापेक्षिक आद्रता (relative humidity) अधिकतम और न्यूनतम सीमा ६६-७७ और ३६-४२% के बीच है। हवा की दिशा उत्तर से पश्चिम और हवाओं की गति ६ – १३ किमी प्रति घंटे चलने की सम्भावना है।

हालाँकि कुछ दिन पूर्व, उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अत्यधिक बारिश के चलते किसानों की पूरी फसल को ही जलमग्न कर दिया, जिससे किसानों को बहुत हानि हुई है। इस सन्दर्भ में उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने किसानों को कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए, जिसमें उन्होंने कहा कि अत्यधिक जलभराव की हालत में किसान मेड़ काटकर पानी को अन्य किसी रास्ते से बाहर निकाल दें।

कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने किसानों के लिए कुछ सलाहें दीं

खरीफ की परिपक़्व फसलों की कटाई एवं मड़ाई के लिए मौसम अनुकूल है तथा खाली खेतों में, रबी की बोई जाने वाली फसलें जैसे – तोरिया, आलू, चना, मटर और मसूर आदि की बुवाई के लिए खेतों की तैयारी करें।

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हवा की विपरीत दिशा में खड़े होकर कीटनाशकों, रोगनाशी और खरपतवार नाशकों का स्प्रे न करें।
छिड़काव शाम को ही किया जाना चाहिए, साथ ही एतिहात बरतते हुए हाथों को अच्छी तरह धोना अति आवश्यक है।

पशुओं से सम्बंधित क्या सलाह दी गयी है ?

पशुओं से सम्बंधित यह सलाह दी गयी है कि किसान, गर्भवती गायों एवं भैंसों को ढलान वाले स्थान पर न बांधें। साथ ही उनको पौष्टिक चारा एवं दाना खिलाएं तथा नवजात बच्चे को तीन दिन तक खिस अवश्य पिलायें। पशुओं को साफ़ सुधरे स्थान पर रखें व मक्खी और मच्छरों से उनका बचाव करें। आजकल लम्पी स्किन डिजीज जैसे संक्रामक रोग पशुओं को अपनी चपेट में ले रहें हैं, इस वजह से किसान व पशुपालकों को अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

बागवानी के सन्दर्भ में क्या-क्या मुख्य सलाह दी हैं ?

आलू की अगेती किस्म कुफरी अशोका, कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी जवाहर आदि की बुवाई के लिए खाद एवं बीज की व्यवस्था करें तथा बुवाई का कार्य करें।

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पत्तागोभी एवं फूलगोभी की नर्सरी डालें तथा तैयार पौध की रोपाई करें। सब्जी, मटर, मूली, शलजम, पालक, सोया एवं मेंथी की बुवाई प्रारम्भ करें।

आम में पत्ती काटने वाले कीट की रोकथाम हेतु २ % कार्बरिल १.५ % धूल का बुरकाव करें।

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