पीले तरबूज का स्वाद लोगों को लाल तरबूज से ज्यादा पसंद आ रहा है, मुनाफा भी मिल रहा है।

पीले तरबूज का स्वाद लोगों को लाल तरबूज से ज्यादा पसंद आ रहा है, मुनाफा भी मिल रहा है।

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आजकल नई नई तकनीक और फसलों की विभिन्न नई किस्में विकसित हो रही हैं। पीला तरबूज इस भूमि पर सिर्फ आज से नहीं बल्कि 5 हजार वर्ष पूर्व से है। पहले यह केवल अफ्रीका के अंदर ही की जाती था। परंतु, अब इसको पूरे विश्व में उत्पादित किया जाता है।

गर्मियों का मौसम आते ही तरबूजों की मांग बाजार में काफी बढ़ जाती है। यदि आप भी तरबूजों को पसंद करते हैं, तो गर्मी में लाल-लाल तरबूज खाने से स्वयं को रोक नहीं सकते हैं। लेकिन हम आज लाल तरबूज के नहीं पीले तरबूज के विषय में चर्चा कर रहे हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि लाल तरबूज से कहीं अधिक अच्छा होता है पीला तरबूज। बाजार में भी फिलहाल लाल तरबूज की भांति पीले तरबूज की भी मांग बढ़ी है। अधिकांश लोग फिलहाल इस तरबूज को बेहद अच्छा मानते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके अंदर विघमान गुण इसे औषधीय रूप से लाल तरबूज से बेहतर बताते हैं। इसके साथ ही आपकी जानकारी के लिए बतादें पीले तरबूज का स्वाद भी लाल तरबूज से अच्छा होता है।

पीला तरबूज किस जगह से आया है

पीला तरबूज इस धरती पर सिर्फ अभी ने नहीं बल्कि 5 हजार वर्ष पहले से मौजूद है। पूर्व में यह केवल अफ्रीका में पैदा किया जाता था। अब इसको संपूर्ण विश्व में उत्पादित किया जाता है। अमेरिका, चीन और बाकी बहुत सारे देशों में इस तरबूज की मांग में वृद्धि हुई है। भारतीय बाजारों में भी गिने-चुने कुछ स्थानों पर यह मौजूद है। दरअसल, आजतक यह लोकल बाजारों में आवक नहीं हुई है। परंतु, धीरे-धीरे यह तीव्रता से लोकल बाजारों में भी पहुंच जाएगा।

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किस वजह से तरबूज का रंग पीला होता है

विज्ञान के मुताबिक, तरबूजों का रंग किस प्रकार का होगा यह निर्धारित करता है, लायकोपीन नाम का एक रसायन। जिस तरबूज में यह रसायन अधिक होता है, उस तरबूज का रंग उतना ही ज्यादा लाल होता है। पीले तरबूज में यह रसायन मौजूद नहीं होता है। यही वजह है, कि इस तरबूज का रंग पीला होता है। हालांकि, पीला तरबूज लाल तरबूज की तुलना में अधिक मीठा होता है। इसे खाने वाले लोग कहते हैं, कि इसका स्वाद बिल्कुल शहद की भांति होता है। इस तरबूज में विटामिन ए की मात्रा प्रचूर मात्रा में पायी जाती है।

यह तरबूज मुख्यत कहा उगाया जा सकता है

यह तरबूज हर एक जगह पर उत्पादित नहीं किया जा सकता। इनको डेजर्ट किंग भी कहा जाता है, मतलब कि रेगिस्तान का राजा। यह केवल रेगिस्तानी क्षेत्र में ही पाए जाते हैं। यदि आप पीले तरबूजों की खेती करना चाहते हैं, तो भारत में यह केवल गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों में ही संभव है।

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