इतने हजार रुपये तक बढ़ सकते हैं गेंहू के दाम, आम लोगों का बिगड़ सकता है बजट

By: MeriKheti
Published on: 20-Dec-2022

मई माह में निर्यात को नियंत्रित करने के उपरांत से स्थानीय गेहूं के भाव तकरीबन 28 प्रतिशत तक बढ़ता हुआ देखा गया है। मंगलवार को गेहूं के भाव 26,785 रुपये प्रति टन था। नवीन सीजन में गेहूं की पैदावार में सामान्य स्तर तक की वृध्दि हो होगी, परंतु अप्रैल माह से नवीन सीजन की आपूर्ति में तीव्रता आने तक भाव ऊँचा ही रहेगा। नव वर्ष में आम लोगों लायक कोई खाश खुशखबरी नहीं है। भारत के लोगों का बजट जनवरी के माह में खराब होने की आशंका है। इसकी मुख्य वजह है, जनवरी माह में गेहूं के भाव, में 2 हजार रुपए प्रति टन की वृध्दि होना है। विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत का गेहूं भंडार दिसंबर के माह में 6 वर्ष के निचले स्तर पर पहुंच गया है, एवं आगामी दिनों में कोई नवीन आपूर्ति होने की संभावना नहीं है। इसकी वजह से गेहूं के भावों में अधिक वृध्दि देखने को मिल सकती है।

ये भी पढ़ें: इस खाद्य उत्पाद का बढ़ सकता है भाव प्रभावित हो सकता है घरेलु बजट

6 वर्षों में किस स्तर पर है गेहूं भंडार

दिसंबर हेतु सरकारी गोदामों में भंडारण करने के लिए भारतीय गेहूं भंडार छह वर्षों में सर्वाधिक कम हो गया है। इसकी वजह बढ़ती मांग एवं कम होते भंडारण के कारण से मूल्यों में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं। इस माह के आरंभ में भंडार में गेहूं का भंडारण कुल १९ मिलियन टन था, जो 1 दिसंबर, 2021 को 37.85 मिलियन टन था। दिसंबर हेतु मौजूदा स्टॉक 2016 के उपरांत बहुत घटा है, जब 2014 और 2015 में बैक-टू-बैक सूखे की वजह से गेहूं की पैदावार कम हो गयी थी। भंडारण में गिरावट 16.5 मिलियन टन तक आ गई थी।

2 मिलियन टन से ज्यादा नहीं

मुंबई में उपस्थित एक डीलर ने पत्रकारों को बताया है, कि नवीन फसल की आपूर्ति 4 माह के उपरांत ही आरंभ होगी। मूल्यों को नियंत्रित रखना सरकार के लिए हर माह कठिन होता जा रहा है। उनका कहना है, कि मूल्यों को कम करने हेतु सरकार एक माह में 2 मिलियन टन से ज्यादा जारी नहीं कर पायेगी। बाजार को अधिक ज्यादा की आवश्यकता है, क्योंकि किसानों की आपूर्ति तकरीबन समाप्त हो गई है एवं व्यापारी धीरे-धीरे भंडारण जारी कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें: भारत में अब भर जाएंगें अन्न भंडार, जाने सरकार किस योजना पर कर रही है काम

फिलहाल रिकॉर्ड स्तर पर मूल्य

भारतीय खाद्य निगम के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर माह में सरकारी भंडार तकरीबन 2 मिलियन टन कम हो गया है। विश्व का दूसरे सर्वोच्च अनाज उत्पादक देश भारत में मई में निर्यात पर रोक लगाने के बावजूद देश में गेहूं के भावों में तीव्रता आई है। क्योंकि फसल की पैदावार में आकस्मिक घटोत्तरी आई थी। मई में निर्यात पर रोक के उपरांत से क्षेत्रीय गेहूं के भाव करीब 28 प्रतिशत तक बढ़ते हुए दिखाई दिए हैं। मंगलवार को गेहूं का भाव 26,785 रुपये प्रति टन पर थे। नई दिल्ली के एक व्यापारी ने कहा है, कि नवीन सीजन में गेहूं की पैदावार में सामान्य स्तर तक की वृद्धि होगी। परंतु अप्रैल से नए सीजन की आपूर्ति में तेजी आने तक मूल्यों में उछाल बना रहेगा।

श्रेणी