पीएम कुसुम योजना में पंजीकरण करने का दावा कर रहीं फर्जी वेबसाइट को लेकर नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने जारी की अपनी एडवाइजरी नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ( एमएनआरई ) ( Ministry of New and Renewable Energy (MNRE) ) ने अपना सुझाव देते हुए कहा है कि अपने व्हाट्सएप/एसएमएस पर ऐसी किसी भी लिंक पर क्लिक ना करें जो प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना के लिए पंजीकरण का दावा करते हैं अन्यथा इससे आपको भरी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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जिससे आपको अधिक रुपए खर्च करने की जरूरत नहीं होगी। लेकिन इस योजना के लागू होने के बाद से ही कई सारी फर्जी वेबसाइट पीएम कुसुम योजना में पंजीकरण करने दावा कर रहीं हैं जिसका नुकसान कई बार आम लोगों को उठाना पड़ता है।
इन फर्जी वेबसाइट के माध्यम से आम जनता को नुकसान ना हो इसके लिए मंत्रालय-एमएनआरआई परामर्श जारी किया गया है।
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ऐसी वेबसाइट लोगों को आर्थिक नुकसान पहुंचा रही हैं जो लोग इन वेबसाइट में रुचि लेते हैं उन लोगों से यह वेबसाइट धन की वसूली कर रही हैं और उनके बारे में जानकारी एकत्र कर रही हैं।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा वेबसाइटों से होने वाले नुकसान को टालने के लिए पहले भी सार्वजनिक नोटिस जारी करके लोगों को सलाह दी थी कि वे इस तरह की वेबसाइटों में पंजीकरण फीस न जमा करें और ना ही उन्हें अपनी जानकारी दें।
जिसके चलते शिकायतें प्राप्त होने पर इन फर्जी वेबसाइटों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और अनेक पंजीकरण पोर्टलों को ब्लॉक कर दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद भी व्हाट्सएप और अन्य साधनों के द्वारा लाभार्थियों को बहकाया जा रहा है।
इसलिए मंत्रालय यह परामर्श देता है कि इस योजना में रुचि रखने वाले लोग ऐसी किसी भी फर्जी वेबसाइट में जाकर व्यक्तिगत जानकारी देने या धन जमा करने से बचें और वेबसाइट के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करके उसकी प्रमाणिकता की जांच करें।
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मंत्रालय प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान योजना लागू कर रहा है जिसके अंतर्गत कृषक को सोलर पंप स्थापित करने और कृषि पंपों के सौरकरण के लिए सब्सिडी दी जाती है।
किसान 2 मेगावाट तक ग्रिड से जुड़े सौर विद्युत संयंत्रों को भी स्थापित कर सकते हैं। यह योजना राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित विभागों के द्वारा लागू की जा रही है जिसकी संपूर्ण जानकारी एमएनआरआई की वेबसाइट www.nmre.gov.in. पर उपलब्ध है।
योजना में भाग लेने के लिए पात्रता और क्रियान्वयन प्रक्रिया संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए मंत्रालय द्वारा जारी की गई वेबसाइट http://www.mnre.gov.in या पीएम-कुसुम सेंट्रल पोर्टल https://pmkusum.mnre.gov.in पर उपलब्ध है और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए टोल फ्री नंबर 1800-180-3333 डायल करके इस योजना संबंधी संपूर्ण जानकारी आप प्राप्त कर सकते हैं।
खरीफ सीजन की बुआई के साथ ही पुरे देश में फसलों का बीमा की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। फसलों का बीमा कराने के लिए पंजीयन करने का काम शुरू हो गया है। फसल बीमा योजना का लाभ किसानो को अधिक से अधिक मिले, इसके लिये सरकारी स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। अधिक से अधिक किसान योजना के तहत अपनी फसलों का बीमा करवाएँ, इसी को लेकर विभिन्न राज्य सरकारों के साथ ही केंद्र सरकार द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana - PMFBY) को लेकर जागरूकता अभियान के तहत ही देशभर में 7 जुलाई तक फसल बीमा सप्ताह मनाया जा रहा है।
शुक्रवार को राजस्थान के कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने 35 फसल बीमा वाहनों को हरी झण्ड़ी दिखाकर रवाना किया। मौके पर कृषि मंत्री श्री कटारिया नें कहा कि इस वैन केम्पेन द्वारा राज्य के दूर-दराज के गांवों एवं किसानों तक कृषक बीमा पॉलिसी का प्रचार-प्रसार किया जायेगा और जानकारी पहुंचाई जाएगी।
कृषि मंत्री श्री कटारिया ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत पिछले साढे तीन वर्षों में अनावृष्टि, अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ था, जिसकी भरपाई के लिए 149 लाख फसल बीमा पॉलिसी धारक किसानों को तकरीबन 15 हजार 800 करोड़ रूपये का फसल बीमा क्लेम वितरित किये गये हैं। फसल बीमा क्लेम में खरीफ 2021 में 39 लाख 56 हजार तथा रबी 2021-22 में 25 लाख कृषक बीमा पॉलिसियों का वितरण किया गया है।
कृषि मंत्री श्री कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खरीफ 2021 में गांव-गांव में कैम्प लगाकर पॉलिसी वितरित करने के निर्णय लिया गया था।
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इसकी प्रशंसा करते हुए केन्द्र सरकार ने भी पूरे देश में फसल पॉलिसियां वितरण करने के लिये एक अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। इस अभियान का नाम ‘‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ‘‘ ('Meri Policy Mere Haath' Campaign) है। उन्होंने बताया कि 2022 खरीफ में कुल 284 वाहनों के माध्यम से राज्य के सभी गाँव और तहसीलों में किसानों को फसल बीमा की जानकारियां दी जायेंगी। इसी अभियान के तहत सभी जिलों कलेक्टरों द्वारा 204 फसल बीमा रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है। बीमा रथ के माध्यम से किसानों को सरल भाषा में पॉलिसी के बारे में बताया जाएगा। वहीँ किसान पाठशाला के माध्यम से भी प्रचार-प्रसार किया जायेगा। अभियान के दौरान 1 से 31 जुलाई तक किसानों को बीमा राशि, बीमित फसलों के प्रकार तथा कुल बीमित क्षेत्र आदि की जानकारी दी जाएगी।
ज्ञात हो कि फसल बीमा योजना को लेकर किसान भी बहुत जागरूक हैं और चाहते हैं की फसल बीमा करायें। क्योंकि जलवायु के बदलते मिजाज और बाढ़ और सुखा से फसलों को होने वाली क्षति की भरपाई के लिये फसल बीमा बहुत जरूरी है। पिछले वर्ष अतिवृष्टि और अनावृष्टि के कारण फसलों को काफी क्षति हुई थी ऐसे में फसल बीमा किसानो का सबसे बड़ा सहारा बना।
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राजस्थान राज्य के कोटा जनपद में पशुओं के टीकाकरण से संबंधित यह शर्त रखी गई है, कि यहां तकरीबन 2.5 लाख गौवंश एवं भैंस है, उन सबका टीकाकरण कराना अति आवश्यक है। अभी तक 20,000 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। लंपी के संक्रमण की वजह से पशुओं के टीकाकरण के अधूरे लक्ष्य को जल्द पूर्ण किया जायेगा।
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