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अतिवृष्टि

बारिश के चलते बुंदेलखंड में एक महीने लेट हो गई खरीफ की फसलों की बुवाई

बारिश के चलते बुंदेलखंड में एक महीने लेट हो गई खरीफ की फसलों की बुवाई

झांसी। बुंदेलखंड के किसानों की समस्या कम होने की बजाय लगातार बढ़ती जा रहीं हैं। पहले कम बारिश के कारण बुवाई नहीं हो सकी, अब बारिश बंद न होने के चलते बुवाई लेट हो रहीं हैं। इस तरह बुंदेलखंड के किसानों के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। मौसम खुलने के 5-6 दिन बाद ही मूंग, अरहर, तिल, बाजरा और ज्वर जैसी फसलों की बुवाई शुरू होगी। लेकिन बुंदेलखंड में इन दिनों रोजाना बारिश हो रही है, जिससे बुवाई काफी पिछड़ रही है।

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बारिश से किसानों पर पड़ रही है दोहरी मार

- 15 जुलाई को क्षेत्र के कई हिस्सों में करीब 100 एमएम बारिश हुई, जिससे किसानों ने थोड़ी राहत की सांस ली और किसान खेतों में बुवाई की तैयारियों में जुट गए। लेकिन रोजाना बारिश होने के चलते खेतों में अत्यधिक नमी बन गई है, जिसके कारण खेतों को बुवाई के लिए तैयार होने में वक्त लगेगा। वहीं शुरुआत में कम बारिश के कारण बुवाई शुरू नहीं हुई थी। इस तरह किसानों को इस बार दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।

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नमी कम होने पर ही खेत मे डालें बीज

- खेत में फसल बोने के लिए जमीन में कुछ हल्का ताव जरूरी है। लेकिन यहां रोजाना हो रही बारिश से खेतों में लगातार नमी बढ़ रही है। नमी युक्त खेत में बीज डालने पर वह बीज अंकुरित नहीं होगा, बल्कि खेत में ही सड़ जाएगा। इसमें अंकुरित होने की क्षमता कम होगी। बारिश रुकने के बाद खेत में नमी कम होने पर ही किसान बुवाई कर पाएंगे।

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रबी की फसल में हो सकती है देरी

- खरीफ की फसलों की बुवाई लेट होने का असर रबी की फसलों पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है। जब खरीफ की फसलें लेट होंगी, तो जाहिर सी बात है कि आगामी रबी की फसल में भी देरी हो सकती है।
महाराष्ट्र राज्य के कृषि मंत्री ने बारिश से तबाह हुई फसलों का मुआयना करने के बाद किसानों की सहायता करने का आश्वासन दिया।

महाराष्ट्र राज्य के कृषि मंत्री ने बारिश से तबाह हुई फसलों का मुआयना करने के बाद किसानों की सहायता करने का आश्वासन दिया।

बारिश की मार से परेशान किसानों को दिया महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने अतिशीघ्र मुआवजा देने का आश्वासन, साथ ही मुआवजा देने के लिए अधिकारियों को जल्दी सर्वे करने का आदेश दिया गया। महाराष्ट्र में बारिश के कारण हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है, साथ ही प्राकृतिक आपदा के चलते सैकड़ों किसान आत्महत्या कर चुके हैं। प्रदेश की इतनी गंभीर स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार जल्द से जल्द किसानों को राहत राशि प्रदान करने की कोशिश कर रही है, जिससे किसान हताश होकर आत्महत्या जैसे कदम न उठा पाएं। हालाँकि किसानों को किसी भी आर्थिक सहायता की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही थी। लेकिन अब स्वयं महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार द्वारा फसल अतिवृष्टि का दौरा करने के एवं आर्थिक सहायता का आश्वासन देने के बाद किसानों के अंदर ढांढ़स बंधी है।


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कृषि मंत्री द्वारा क्या क्या निर्देश दिए गए ?

कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार द्वारा अतिशीघ्र फसल के नुकसान का सर्वे करने का निर्देश देते हुए कहा गया कि, कोई भी किसान जिसकी फसल प्राकृतिक आपदा के चलते नष्ट हो चुकी है, वह सर्वे या किसी भी लापहरवाही के चलते आर्थिक सहायता के लाभ से छूटना नहीं चाहिए। कृषि मंत्री सत्तार ने जिले के नंदुरधोक, वैजापुर तालुका, रंजन गॉव एवं कापू वडगांव गए और वहां जाकर किसानों को सांत्वना दी एवं उनकी भरपूर मदद करने का वादा किया।

कब तक होगा अतिवृष्टि फसलों का सर्वे, आखिर कब मिलेगा मुआवजा ?

महाराष्ट्र में अक्टूबर की शुरुआत में भीषण जलधारा के चलते किसानों को बेहद नुकसान हुआ है। इसी सन्दर्भ में महाराष्ट्र के कृषि मंत्री ने जल्द से जल्द सही व सटीक, बर्बाद फसलों का पूर्णतया सर्वे करने के उपरांत, तुरंत किसानों को मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। किसानों को भी कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने बोला है कि चिंता करने की कोई बात नहीं, सरकार किसानों की मुश्किल घड़ी में हमेशा साथ खड़ी है।

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार के दौरे के समय कौन कौन लोग उपस्थित रहे ?

महाराष्ट्र राज्य के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार द्वारा फसल अतिवृष्टि के दौरे के समय वैजापुर तालुका के कृषि अधिकारी अशोक अधव, गंगापुर समूह विकास अधिकारी विजय परदेशी, वैजापुर तालुका के विधायक रमेश बोरवने, गंगापुर के तहसीलदार सतीश सोनी, गंगापुर तालुका के कृषि अधिकारी ज्ञानेश्वर तरगे, वैजापुर समूह विकास अधिकारी हरकल सहित किसान, कृषि सहायक एवं बोर्ड अधिकारी भी रहे।