अब कैक्टस की खेती लाएगी किसानों के चेहरे पर मुस्कान, जाने क्या है सरकार का प्लान

cactus ki kheti आजकल केंद्र सरकार हर तरह की संभव कोशिश कर रही है, जिससे किसानों की जिंदगी आसान हो सके। सरकार किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरह के प्रयास कर रहे हैं और कुछ ना कुछ स्कीम भी ला रहे हैं। ऐसे ही एक प्लान के तहत सरकार ने कैक्टस (cactus) की खेती को बढ़ाने पर जोर दिया है। माना जा रहा है कि कैक्टस की खेती करते हुए किसान अपनी आमदनी को डबल कर सकते हैं।

कैक्टस बनाता है जमीन को उपजाऊ

आजकल अलग अलग जगह कैक्टस की खेती बड़े जोरों शोरों से की जा रही है। माना जाता है, कि कैक्टस की खेती करने से खेत की जमीन पहले से ज्यादा उपजाऊ हो जाती है। कैक्टस एक जेरोफाइटिक पौधा है, एक्सपर्ट का कहना है, कि इसकी बढ़ने की स्पीड बेशक कम है। लेकिन यह नेशनल लेवल पर निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने और विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा। यह पौधा कम उर्वरक क्षमता वाली भूमि का सुधार करने में मदद करेगा।

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देश पर तेल आयात करने का बोझ होगा कम

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री की कही बात माने तो कहा जा रहा है, कि इससे देश में बायो फ्यूल का उत्पादन होगा और देश का फ्यूल इम्पोर्ट बोझ कम होगा। इसके अलावा बहुत सी जगह किसानों को रोजगार और आय में समर्थन प्राप्त होगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और शुष्क भूमि क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र, मध्य प्रदेश में एक पायलट परियोजना स्थापित कर रहे हैं।

मेक्सिको में उगने वाले पौधे से प्रेरित

मेक्सिको के रेगिस्तान में नोपल नाम का एक कैक्टस का पौधा उगता है, जिसे 'हरा सोना' कहा जाता है। ये बंजर जमीन को खूबसूरत तो बनाता ही है, साथ ही इसे सलाद में खाया जा सकता है। इससे चिप्स बनते हैं और लजीज शेक बनाकर भी पिया जाता है। माना जाता है कि नोपल जलवायु परिवर्तन से लड़ने में हमारी मदद कर सकता है। इसी तर्ज पर भारत में भी कैक्टस की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे ना सिर्फ पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी बल्कि किसानों की आमदनी में भी इससे अच्छा खासा मुनाफा होने की संभावना है।