इस तकनीक का प्रयोग कर बिना मुर्गीफार्म, मुर्गीपालक कमा सकते हैं बेहतर मुनाफा

अभी के समय में किसान खेती के साथ साथ अब पशुपालन में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं और आपको जान कर हैरानी होगी कि आज के समय में किसानों के बीच पशु पालन में मुर्गी पालन सबसे ज्यादा लोकप्रिय हो रहा है। लेकिन आज भी किसान इस बात से बहुत हैरान हैं कि इस व्यवसाय में काफी लागत है, जैसे की मुर्गी फार्म बनाने के लिए जमीन और पैसा। लेकिन आज इस लेख में जो मैं बताने जा रहा हूं उसको जान कर आप हैरान हो जाएंगे, अब आप कम लागत में भी अपने घर के पास बैकयार्ड में भी मुर्गी पालन कर सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते है। यह किसानों के लिए काफी किफायती साबित हो रहा है।

अगर आप भी अभी तक परेशान थे कि मुर्गीपालन के लिए बहुत जगह और पैसे की आवश्यकता है, तो अब इस बात को दिमाग से निकाल दें। अब कम जगह में मुर्गी पालन कर भी कमा सकते हैं पैसा। अगर आपके घर के बगल में है खाली जगह, तो वहाँ पर आप मुर्गियों के लिए बेड़े बना सकते हैं और उसमें मुर्गी पालन कर सकते हैं।

ये भी पढ़ें भेड़, बकरी, सुअर और मुर्गी पालन के लिए मिलेगी 50% सब्सिडी, जानिए पूरी जानकारी

आपको यह भी बता दें की घर के आस पास जगह होने से घरेलू लोग भी आसानी से उसमे काम कर सकते हैं और इससे आपका मजदूरी भी बचेगा जिससे आपको मुनाफा होगा। लेकिन इन सब बातों के अलावा जो सबसे महत्वपूर्ण बात है वह है मुर्गी के सही नस्लों को चुनना, जो आपके बेड़े में आसानी से रह सकें व उसको आसानी से पाला जा सके। गौरतलब है की पुरे भारत में मुर्गी के सैकड़ो प्रकार की नस्ल पाली जाती हैं। लेकिन आज कल जो सबसे प्रचलित और सबसे जयादा मुनाफा देने वाली नस्ल कड़कनाथ, केरी श्याम, स्वरनाथ, ग्रामप्रिये, वनराज आदि हैं। अगर आप भी मुर्गी पालन से कमाना चाहते हैं तो इसी सब नस्ल के मुर्गी का पालन करें। आपको यह भी बता दें की मुर्गीपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार के तरफ से बहुत सारे ऋण की भी सुविधा उपलब्ध है। साथ ही आपको यह जान कर हैरानी होगी की ये जो ऋण है उसका दर भी बहुत कम है और उसमे अनेक प्रकार के सब्सिडी की भी सुविधा सरकार के तरफ से किसानों को दी जा रही है।

ये भी पढ़ें: मुर्गी पालन की आधुनिक तकनीक (Poultry Farming information in Hindi)

क्या क्या है सब्सिडी

आपको बता दें की मुर्गी पालन पे नेशनल लाइवस्टॉक मिशन स्कीम के तहत किसानो को 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है। इसके आलावा नाबार्ड के द्वारा भी मुर्गी पालन के लिए किसानों को बेहतर सब्सिडी की सुविधा दी जाती है। इस सब्सिडी के अंतर्गत मुर्गी के स्वास्थ से लेकर मुर्गीफार्म के सुरक्षा तक पर सरकार के द्वारा बेहतर सब्सिडी दी जाती है।

कम लागत में बम्पर मुनाफा कम सकते हैं किसान

उपरोक्त सभी नस्लों के अलावा देसी मुर्गीपालन पर भी किसानों को काफी ध्यान है, जिसमें किसान देसी मुर्गी के एक चूजे को लगभग 50 रूपए में खरीदते हैं और वह मुर्गी साल भर बाद लगभग 200 अंडे देती है। अभी एक अंडे का कीमत कम से कम 7 रूपए है, अगर किसान इस तरीके से अच्छी खासी संख्या में मुर्गीपालन करते हैं, तो सालाना लाखों कमा सकते हैं। जब वह अंडा देना बंद कर दे तो इसके मांस को बेचकर भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।