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ट्रैक्टर

एक शानदार ट्रैक्टर है मैसी फर्ग्यूसन 241 डीआई महा शक्ति ट्रैक्टर

एक शानदार ट्रैक्टर है मैसी फर्ग्यूसन 241 डीआई महा शक्ति ट्रैक्टर

मैसी फर्ग्यूसन 241 डीआई महा शक्ति ट्रैक्टर (Massey Fergusion 241 DI Maha Shakti Tractor) आधुनिक तकनीक के साथ आने वाला एक शानदार ट्रैक्टर है। जिस प्रकार से कम्पनी ने इस ट्रैक्टर को डिजाइन किया है, उस हिसाब से इस ट्रैक्टर ने खुद की खेती बाड़ी के कार्यों में अपनी उपयोगिता को साबित करके दिखाया है। इस ट्रैक्टर को जिन किसानों ने इस्तेमाल किया है उनकी खेती की लागत में कमी आई है, साथ ही उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई है। मैसी फर्ग्यूसन 241 डीआई महा शक्ति ट्रैक्टर के फीचर्स और माइलेज अन्य ट्रैक्टरों के फीचर्स और माइलेज से बेहतर है।

मैसी फर्ग्यूसन 241 डीआई महा शक्ति ट्रैक्टर एक शानदार ट्रैक्टर है जो 42 एचपी के इंजन के साथ आता है। साथ ही यह 35.7 पीटीओ एचपी के साथ आता है जो इसे अन्य ट्रैक्टरों की अपेक्षा बेहतर बनाता है। इसके साथ ही यदि ट्रैक्टर की शक्ति की बात करें तो यह ट्रैक्टर 2500 सीसी इंजन के साथ आता है। इसके साथ ही इसमें 3 सिलिंडर इंजन दिया जाता है।



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अगर इस ट्रैक्टर में आरपीएम की बात करें तो यह 2100 इंजन रेटेड आरपीएम उत्पन्न करता है। जिसके कारण यह ट्रैक्टर अन्य ट्रैक्टरों की अपेक्षा ज्यादा टिकाऊ होता है। इस ट्रैक्टर में 15 से 20 प्रतिशत तक का टार्क बैकअप प्राप्त होता है।

मैसी फर्ग्यूसन 241 डीआई महाशक्ति ट्रैक्टर के अन्य फीचर्स

मैसी फर्ग्यूसन 241 डीआई महा शक्ति ट्रैक्टर को कम्पनी ने बाजार में ड्यूल क्लच के साथ उतारा है। इसके साथ ही इस ट्रैक्टर में मल्टी डिस्क तेल में डूबे ब्रेक हैं। जो फिसलन के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं साथ ही ये ब्रेक ट्रैक्टर में उचित पकड़ बनाए रखने के लिए उपयुक्त होते हैं। इसके गियरबॉक्स में 8 फॉरवर्ड और 2 रिवर्स गियर होते हैं जिससे गियर्स की शिफ्टिंग बेहद आसान हो जाती है। इस ट्रैक्टर में कुशल जल शीतलन प्रणाली दी गई है जिसके द्वारा ट्रैक्टर के इंजन को ठंडा रखने में मदद मिलती है। इस ट्रैक्टर में 47 लीटर की क्षमता का डीजल टैंक है, जिसमें पर्याप्त ईंधन आ जाता है। इसके साथ ही अगर इसके भार उठाने की क्षमता की बात करें तो यह 1700 किलोग्राम तक का भार उठा सकता है। यह एक टू व्हील ड्राइव ट्रैक्टर है, जिसका कुल वजन लगभग 1875 किग्रा है। इस ट्रैक्टर में चार्जिंग स्लॉट, एडजस्टेबल सीट्स, ऑटोमैटिक डेप्थ कंट्रोलर जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं।



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मैसी फर्ग्यूसन 241 डीआई ट्रैक्टर की कीमत कितनी है

मैसी फर्ग्यूसन 241 डीआई महा शक्ति ट्रैक्टर बेहद किफायती ट्रैक्टर माना जाता है। इसकी कीमत बाजार में 6.05 से 6.60 लाख रूपये तक है। यह कीमत समय के साथ थोड़ी ऊपर या नीचे भी हो सकती है। इसके अलावा ट्रैक्टर की कीमत टैक्स, स्थान आदि पर भी बहुत ज्यादा निर्भर करती हैं। अगर ट्रैक्टर की ऑन रोड कीमत की बात करें तो ऑन रोड कीमत अलग-अलग राज्यों और शहरों में अलग-अलग होती है, यह वहां पर लगने वाले टैक्स और रियायतों पर निर्भर करता है। ऑन रोड कीमत की सटीक जानकारी के लिए किसान भाई मैसी फर्ग्यूसन की ऑफिसियल वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।

ट्रैक्टर(Tractor) किसान का साथी

ट्रैक्टर(Tractor) किसान का साथी

ट्रैक्टर(Tractor) और किसान एक दूसरे के साथी हैं या आप कह सकते है की किसान बिना ट्रेक्टर(Tractor) के अधूरा ही होता है.पुराने समय में लोग हल बैल से खेती करते थे तो सारी जमीं में बुआई नहीं कर पाते थे जिससे की जमीं पड़ी रह जाती थी और उसकी वजह से हम अपने खाद्यान्य के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहते थे. पहले हालत ये थे की एक जोड़ी ( दो बैल ) बैल रखना ही हो पाता था और जिस किसान के पास तीन से चार जोड़ी बैल होते थे वो आज के किसी 70HP ट्रेक्टर से कम नहीं माने जाते थे यानि जिस किसान के पास एक से अधिक बैलों की जोड़ी होती थी वो जमींदार होते थे, पैसे वाले और उन्नत किसानों में उनकी गिनती होती थी. फसल के उत्पादन का आलम ये था की अगर किसी की 100 मन ( 40 कुंतल) पैदावार हो जाये तो लोगों में उसका अलग ही सम्मान होता था. बोलते थे " देखो उसका सेकरा पूज गया" यानि उसके पास 100 मन अनाज हो गया.धीरे धीरे समय बदला और आज 100 मन गेंहूं 10 बीघे ( छोटा बीघा) खेत में ही हो जाते हैं और आज हल बैलों की जगह ट्रैक्टर(Tractor) ने लेली और बड़े से बड़ा काम एक अकेला आदमी करने लगा.

ट्रैक्टर(Tractor) का काम:

आज ये कहना की ट्रैक्टर का क्या काम है तो बहुत ही अलग हो जायेगा, आज हम ये कह सकते हैं की क्या काम नहीं कर सकता. आज हर छोटे या बड़े किसान की जरूरत है एक
ट्रेक्टर(Tractor) के आने से किसान अब सारी जमीन पर खेती करने लगा है और अब तो जो ग्राम समाज की जमीन पर भी कब्ज़ा करके उसमे भी खेती करने लगा है. कई ऐसे किसान होते है जिन पर हकीकत में जमीन न के बराबर होती है और वैसे उनके पास ग्राम समाज की बहुत जमीन होती है. ट्रैक्टर(Tractor) से आप जुताई , बबाई, पानी , नराई, फसल काटना ,भूसा बनाने से लेकर खेत को समतल करना , मेढ़बंदी करना यानि आप जो सोच सकते है वो काम आप ट्रेक्टर से ले सकते है.

किस किसान के लिए कौन सा ट्रेक्टर(Tractor) :

वैसे तो आजकल 35HP से कम का ट्रैक्टर कोई किसान लेना पसंद नहीं करता लेकिन ट्रेक्टर का चुनाव कई बातों को देख कर करना चाहिए, जैसे: जमीन की मिट्टी, फसल , और कितनी जमीन पर काम करना है.मसलन आपके पास 100 बीघा जमीं है तो आपको 35HP से 45HP का ट्रेक्टर काम दे देगा. और आपको पानी भी अपने ट्रैक्टर से निकालना है तो आप 20HP से 25HP तक भी जा सकते हो इसमें आपको ज्यादा खर्चा नहीं पड़ेगा. अगर आपके पास जमीन भी ज्यादा है और आप काम भी उससे ज्यादा लेना चाहते है तो आपको 50HP से 60HP का ट्रेक्टर लेना होगा जिससे आप कटर, रीपर , रोटाबेटर , और कंप्यूटर मांझा चला सकते हो अगर आप इससे ऊपर भी जाना चाहते हो तो आप कंबाइन और JCB चलना चाहते हो तो आपको 60HP के ऊपर का ट्रेक्टर चाहिए होगा. जितने बड़ा हॉर्स पावर उतना ही ज्यादा डीज़ल का खर्चा. मेरा अपना मानना है की अगर आपका ज्यादा बड़ा काम नहीं है तो आप 35HP से 50HP का ट्रैक्टर(Tractor) ले सकते है और अपने सारे छोटे बड़े काम कर सकते हैं. ये भी पढ़े: ट्रैक्टर Tractor खरीदने पर मिलेगी 50 फीसदी सब्सिडी(subsidy), ऐसे उठा सकते हैं इस योजना का लाभ

ट्रेक्टर(Tractor) कैसे लें:

Tractor ट्रैक्टर आप दो तरह से ले सकते है, आप ज्यादा ट्रैक्टर के बारे में नहीं जानते और 8 से 10 साल तक चिंता मुक्त होना चाहते हैं तो नया ट्रैक्टर ही लें और अगर आप थोड़ी भी जानकारी रखते हैं और कोई छोटी मोटी समस्या आती है और उसको अपने आप भी देख सकते हैं तो आप पुराना ट्रैक्टर(Tractor) भी ले सकते हैं. ये भी पढ़े: खेती करो या उठाओ भार,एस्कॉर्टस ट्रैक्टर रहे हमेशा तैयार

लोन(Loan) कहाँ से मिलेगा:

जैसा की सभी जानते है किसान के पास इतना पैसा नहीं होता की वो नगद पैसा से कृषि यंत्र खरीद सके तो उसको लोन(Loan) के लिए जाना ही पड़ता है. ज्यादातर किसान बिचौलियों के चक्कर में आकर प्राइवेट कर्ज ले लेते है जिसे पुराने समय में पूंजीपति के कर्ज में किसान फसता था वही आजकल ये प्राइवेट वाले कर रहे है. किसान को कर्ज देने में सरकार कई योजनाए ला रही है जैसे KCC पर लोन , आप SBI , HDFC , ICICI Bank से भी लोन(Loan) ले सकते है. कोशिश करें की आप किसी सरकारी बैंक से ही लोन लेकर ट्रैक्टर(Tractor) लें.आजकल बैंक किसान को कृषि यंत्रों पर भी कर्ज दे रही है. आप ज्यादा जानकारी के लिए निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पाता कर सकते हैं या आप हमारे कमेंट बॉक्स में भी पूछ सकते है हम आपकी पूरी सहायता करने की कोशिश करेंगें. SBI: https://sbi.co.in/web/agri-rural/agriculture-banking/farm-mechanization-loan/tractor-loan
आप कृपया कमेंट बॉक्स में बताएं अगली जानकारी किस बारे में चाहते है.
ट्रैक्टर Tractor खरीदने पर मिलेगी 50 फीसदी सब्सिडी(subsidy), ऐसे उठा सकते हैं इस योजना का लाभ

ट्रैक्टर Tractor खरीदने पर मिलेगी 50 फीसदी सब्सिडी(subsidy), ऐसे उठा सकते हैं इस योजना का लाभ

खेती करने के लिए किसानों को ट्रैक्टर (Tractor) की जरूरत होती है। ऐसे में कुछ किसान तो किराए पर ट्रैक्टर(Tractor) लेकर अपनी खेती कर लेते हैं तो कुछ किसान बैलों के जरिए खेती करते हैं। लेकिन वे किसान जो आर्थिक तंगी के कारण ट्रैक्टर नहीं ले पाते हैं और ना ही इन्हें आसानी से बेल की सुविधा मिल पाती है। ऐसे किसानों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक स्पेशल योजना निकाली है जिसके चलते 50% सब्सिडी(subsidy) पर कोई भी किसान ट्रैक्टर खरीद सकता है। जी हां यह सब्सिडी(subsidy) 'पीएम किसान ट्रैक्टर(Tractor) योजना' के जरिए दी जाएगी।

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दरअसल, पीएम किसान के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं जिसके चलते किसान को खेती करने में आसानी हो। इतना ही नहीं बल्कि वे लगातार किसानों के लिए नई-नई योजनाएं लेकर आ रहे हैं। बता दें, पीएम किसानों के खाते में हर साल 6 हजार रुपए भी देते हैं। ताकि हर किसान अपनी खेती के लिए बीज, खाद और इस तरह की मशीनें की जरूरत पूरी कर सके। इसी बीच अब केंद्र सरकार ट्रैक्टर(Tractor) पर भी सब्सिडी(subsidy) दे रही है जो किसानों के लिए काफी लाभदायक होगी। आइए जानते हैं पीएम किसान ट्रैक्टर(Tractor) योजना का लाभ आप कैसे उठा सकते हैं?

किसी भी कंपनी का खरीद सकते हैं ट्रैक्टर

Escort Tractor

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इस योजना के तहत आप किसी भी कंपनी का ट्रैक्टर(Tractor) खरीद सकते हैं। ट्रैक्टर(Tractor) खरीदने के दौरान आपको आधी कीमत चुकानी होगी जबकि इसका आधा पैसा सरकार सब्सिडी(subsidy) के तौर पर देगी। न सिर्फ केंद्र सरकार बल्कि राज्य सरकार भी किसानों को ट्रैक्टर(Tractor) खरीदने में सहायता करती है। दरअसल, राज्य सरकार अपने अपने स्तर पर ट्रैक्टरों पर 20% से 50% सब्सिडी(subsidy) दे रही है। ऐसे में अब किसानों को ट्रैक्टर(Tractor) खरीदने में आसानी होगी और वे केंद्र सरकार और राज्य सरकार के तहत दोनों ही योजना का लाभ उठा सकते हैं।

 कैसे उठाएं इस योजना का लाभ?

बता दें, इस योजना का लाभ उठाना बेहद ही आसान है। यदि आप भी ट्रैक्टर(Tractor) खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होगी। खास बात यह है कि, आप सिर्फ इस सब्सिडी(subsidy) का फायदा एक ही ट्रैक्टर(Tractor) खरीदने पर उठा सकते हैं। यदि आप दो ट्रैक्टर(Tractor) की खरीदारी करते हैं तो फिर आपको इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इस योजना का लाभ उठाने के लिए आप नजदीकी CSC सेंटर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं।

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 जरूरी डाक्यूमेंट्स

  • आधार कार्ड
  • बैंक की डिटेल
  • जमीन के कागज
  • पासपोर्ट साइज फोटो

 कैसे करें आवेदन?

इस योजना का लाभ उठाने के लिए आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। देशभर में सभी किसानों के लिए ये योजना है। आप चाहे तो ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही तरीके से आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको नजदीकी जन सेवा केंद्र जाना होगा या फिर सीएससी डिजिटल सेवा के जरिए भी इसका लाभ उठा सकते हैं। बता दें, इस योजना के तहत सब्सिडी(subsidy) सीधे किसानों के बैंक खातों में डाल दी जाएगी। इस योजना को जारी करने के बाद सरकार का दावा है कि किसानों को खेती करने में आसानी होगी साथ ही खेती में लगने वाली लागत में भी कमी आएगी। ट्रैक्टर(Tractor) और विभिन्न नए कृषि यंत्रों का उपयोग करने से किसान के पास फसल का उत्पादन न सिर्फ अच्छा होता है बल्कि पहले से कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है।

Swaraj Tractor: आ गया खेती का भी Code

Swaraj Tractor: आ गया खेती का भी Code

स्वराज(swaraj) मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और इसे में लेकर रहूँगा. ये वाक्य किसने कहा था हमें नीचे कमेंट करके बताएं किसानों से ज्यादा स्वराज(Swaraj) को कोण समझ सकता है जिसके बेटे सीमा पर और वो खुद खेत में रहता है. swaraj tractor आज हम बात करते हैं स्वराज ट्रेक्टर के नए product Code की. जिसको स्वराज ने अपने किसानों के हिट में बनाया है. स्वराज ट्रेक्टर ( Swaraj Tractor )1974 में शुरू हुआ और आज किसानों के बीच में एक जाना पहचाना नाम बन गया है. हमारे किसान भाइयों को छोटे छोटे काम करने के लिए छोटे tractors की आवश्यकता रहती है. जैसे आलू की फसल में दवाओं का छिड़काव करना हो या सब्जी में निराई गुड़ाई करनी हो या और भी बहुत कुछ. ये भी पढ़े: ट्रैक्टर Tractor खरीदने पर मिलेगी 50 फीसदी सब्सिडी(subsidy), ऐसे उठा सकते हैं इस योजना का लाभ हाथ से चलने वाले यन्त्र को tractor  का रूप दे दिया है Code एक स्मार्ट, बहु-उपयोगी उपकरण है जो कि किसानों को उनकी ज़रूरतों को अत्यंत सक्षमता के साथ पूरा करने में मदद करता है। इसका सुडौल आकार और motorcycle जैसे हैंडल इसे फसल देखभाल के कामकाजों (जैसे कि खरपतवार और छिड़काव) के लिए अतिउत्तम बनाता है। यह किसानों की मजदूरों पर निर्भरता को काफी हद तक घटाता है और कामकाज के खर्चों में काफी कमी लाता है। इससे डीजल और समय की बचत होती है तथा किसान की काफी हद तक मजदूरों पर निर्भरता कम होती है.

प्रोडक्ट स्पेसिफिकेशन्स नीचे दी गई हैं.

swaraj tractor

प्रोडक्ट स्पेसिफिकेशन

इंजन पॉवर 8.28 kW (11.1 HP)
डिस्प्लेसमेंट 389 cm3
रेटेड r/min 3600
सिलिंडर्स की संख्या 1
फ्युअल टाइप पेट्रोल (4स्ट्रोक)
स्टार्टिंग सिस्टम सिर्फ़ रिकॉयल स्टार्ट
या
सेल्फ स्टार्ट + रिकॉयल स्टार्ट टाइप
एयर क्लीनर ड्राई
ट्रांस्मिशन और फ्रंट एक्सल गियर बॉक्स टाइप स्लाइडिंग मेश
क्लच टाइप सिंगल क्लच, ड्राई डायाफ्राम टाइप
स्पीड ऑप्शन्स 6F + 3R
फॉरवर्ड स्पीड रेंज 1.9 km/h से 16.76 km/h
फ्युअल टाइप 2.2 km/h से 5.7 km/h
स्टार्टिंग सिस्टम फिक्स्ड
डिफ्रेन्शियल लॉक Yes
स्टियरिंग मैकेनिकल
वेहिकल स्पेसिफिकेशन ग्राउंड क्लियरेन्स (स्टै.) 266 mm
ग्राउंड क्लियरेन्स (हाई कॉन्फिगुरेशन) 554 mm
बाई-डायरेक्शनल 180 degree
चेसीस लैडर फ्रेम टाइप
पीटीओ व हाइड्रॉलिक्स पीटीओ 1000
हाईड्रॉलिक्स टू-वे हाइड्रॉलिक्स
लिफ्टींग क्षमता 220 kg @ hitch
ब्रेक्स ब्रेक तेल में डूबे हुए ब्रेक्स
वेट व डायमेन्शन अगला टायर 101.6 mm x 228.6 mm (4x9)
पिछला टायर 152.4 mm x 355.6 (6x14)
संपूर्ण उंचाई 1180 mm
संपूर्ण चौड़ाई 890 mm
व्हील बेस 1463 mm
मशीन का वजन 455 kg
विदेशों में भी देसी ट्रैक्टर मचा रहा धूम, इतनी वृध्दि के साथ बढ़ा निर्यात

विदेशों में भी देसी ट्रैक्टर मचा रहा धूम, इतनी वृध्दि के साथ बढ़ा निर्यात

आज तक पूरे विश्व में भारतीय कृषि उत्पादों की मांग होती थी, परंतु फिलहाल देसी ट्रैक्टर ने भी विदेशी खेतों में अपनी सकारात्मक पहचान स्थापित की है। बतादें कि इस वर्ष देसी ट्रैक्टर का वैश्विक निर्यात में 3 गुना वृध्दि हुई है। भारत के कृषि उत्पादों की देश-विदेशों में खूब सराहना की जाती है। वो स्वाद, गुड़वत्ता, पोषण एवं रंग-रूप अन्य कहीं मुश्किल ही मिल पायेगा। लेकिन फिलहाल खाद्य पदार्थों से हटकर बात करें, तो अब कृषि उत्पादों का निर्यात हो रहा है, जिसके अंतर्गत भारतीय ट्रैक्टर आते हैं, जिसका व्यापार विश्व के सर्वोच्च उद्योगों में से एक उच्च स्थान स्थापित कर रहा है। बतादें कि भारतीय ट्रैक्टर निर्यात (Indian Tractor Export) उद्योग कुल वैश्विक उत्पादन के हिस्से का एक-तिहाई है।

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सोनालिका ने वित्त वर्ष’23 के 8 माह में 1 लाख ट्रैक्टर बेचे वर्तमान में कृषि मंत्रालय द्वारा भारतीय ट्रैक्टर निर्यात के संबंधित नवीन आकड़ों पर चर्चा हुई, जिसमें चौकाने वाली बात सामने आयी है। बतादें कि वर्ष २०१३-१४ के उपरांत से ट्रैक्टर निर्यात में ३ गुना ​वृध्दि हुई है, जिसमें २ हजार करोड़ से ६ हजार करोड़ की बढ़त देखने को मिली है।

८ वर्षों में कितनी वृध्दि दर्ज हो पाई है

केंद्रीय कृषि एवं ​किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा स्वयं ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर ट्रैक्टर के निर्यात में वृद्धि के संबंध में जानकारी दी है। हाल ही में किये गए ट्वीट में कृषि मंत्रालय का कहना है, कि विगत कुछ वर्षों में भारतीय ट्रैक्टर की वैश्विक माँग में वृद्धि हुई है। वर्ष २०१३ -१४ के उपरांत अब तक देसी ट्रैक्टर के विदेशी निर्यात में ३ गुना की बढ़त शामिल की गई है। वित्त वर्ष २०२२-२३ के अप्रैल से लेकर ​सितंबर तक ६ हजार ६२४ करोड़ के भारतीय ट्रैक्टर का निर्यात हुआ है, जो वर्ष २०१३-१४ अप्रैल से सितंबर के मध्य २ हजार २७० करोड़ रुपये था।

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कौन कौन से देशों में किया जा रहा है ट्रैक्टर का निर्यात

मीडिया खबरों की मानें तो नेपाल, अमेरिका, बांग्लादेश सहित विभिन्न देश वर्तमान में भारतीय ट्रैक्टर के पक्के ग्राहक बन चुके हैं। इन देशों द्वारा भारत से सर्वाधिक रिकॉर्ड स्तर पर ट्रैक्टर का आयात किया गया है। फरबरी २०२२ तक के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष २०१३ के उपरांत से ही देसी ट्रैक्टर के निर्यात में ७२ प्रतिशत की वृद्धि शामिल की गई है। भारतीय ट्रैक्टर के मुख्य आयातकों की कितने प्रतिशत खरीदी की गयी इसकी सूची इस प्रकार है, नेपाल (७. ३% निर्यात), बांग्लादेश (६.५% निर्यात), थाईलैंड (५.४% निर्यात) अमेरिका (२५.२% निर्यात) और श्रीलंका (५.३% निर्यात) के अतिरिक्त ब्राजील एवं तुर्की में बड़ा हिस्सा निर्यात किया जा रहा है।
कम जोत वाले किसानों के लिए कम दाम और अधिक शक्ति में आने वाले ट्रैक्टर

कम जोत वाले किसानों के लिए कम दाम और अधिक शक्ति में आने वाले ट्रैक्टर

सोनालिका GT20 ट्रैक्टर तीन सिलेंडर के साथ आता है और इसके अंदर 20 हॉर्स पॉवर की शक्ति मौजूद रहती है। इस ट्रैक्टर में समकुल 8 गियर रहते हैं और यह खेती-किसानी से जुड़े लगभग समस्त कार्य कर लेता है। 

एक समय था, जब किसान खेती करने के लिए बैल और हल का उपयोग किया करते थे। लेकिन, आज के समय के किसान ट्रैक्टर जैसे अत्याधुनिक कृषि यंत्रों से कृषि कार्य करते हैं। 

दरअसल, ट्रैक्टर की कीमत अधिक होने की वजह से छोटी जोत करने वाले कृषकों को ट्रैक्टर खरीदने से पहले कई बार विचार करना पड़ता है। ट्रैक्टर आज के समय में कृषि क्षेत्र का सबसे अहम हिस्सा बन चुका है। 

आधुनिकता और कृषि से जुड़े नवीन अविष्कारों के चलते किसान काफी अच्छा उत्पादन कम समय और श्रम खर्च किए बिना उठा रहे हैं। अगर हम बात करें कि छोटी जोत के किसानों को अधिक महंगा ट्रैक्टर खरीदने की आवश्यकता ही नहीं है, तो इस पर आप क्या कहेंगे। 

आज हम आपको कुछ ऐसे ट्रैक्टरों के विषय में बताएंगे जो काफी छोटे हैं और इनकी कीमत भी काफी कम है। छोटे किसान इनको बड़ी आसानी से खरीदकर अपना कृषि कार्य सुगमता से कर सकते हैं।

कैप्टन 283 4WD 8G ट्रैक्टर

बतादें कि इसको मिनी ट्रैक्टर कहा जाता है। यह विशेष रूप से छोटी जोत के किसानों के लिए ही निर्मित किया गया है। 3 सिलेंडर वाला यह ट्रैक्टर दिखने में बेसक छोटा है, परंतु शक्तिशाली है। 

इसमें 27 हॉर्स पॉवर की शक्ति उपस्थित है। यह मिनी ट्रैक्टर हर वह कार्य कर सकता है, जिस कार्य को एक बड़ा ट्रैक्टर कर सकता है। इसमें समकुल 12 गियर होते हैं, जिसमें से 9 आगे की तरफ लगते हैं और 3 पीछे की तरफ लगाए जाते हैं।

750 किलो के इस ट्रैक्टर का बाजार में भाव तकरीबन 4.25 से 4.50 लाख रुपये है। इसे आप कर्ज पर भी खरीद सकते हैं।

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सोनालिका GT20 ट्रैक्टर

सोनालिका GT20 ट्रैक्टर भी तीन सिलेंडर के साथ आता है और इसमें 20 हॉर्स पॉवर की ताकत होती है। इस ट्रैक्टर में कुल 8 गियर होते हैं और यह खेती से जुड़े लगभग वो समस्त कार्य कर लेता है, जो कि एक बड़ा ट्रैक्टर कर सकता है। 

इस ट्रैक्टर में सिंगल क्लिच के साथ ही मैकेनिकल ब्रेक भी दिए गए हैं। इसका वजन 650 किलोग्राम है और यह बाजार में 3 से 3.5 लाख रुपये के मध्य आपको सुगमता से प्राप्त हो जाएगा।

जॉन डियर 3028 EN ट्रैक्टर

जॉन डियर 3028 EN एक मिनी ट्रैक्टर है। लेकिन इसकी डिजाइन इतनी बेहतरीन ढंग से की गई है, कि बड़े-बड़े ट्रैक्टर भी इसके आगे फेल हो जाएं। इस ट्रैक्टर में तीन सिलेंडर होते हैं और इसमें 28 हॉर्स पॉवर की शक्ति उपस्थित होती है।

सबसे विशेष बात यह है, कि इसमें सिंगल क्लिच के साथ डिस्क ब्रेक भी हैं। इतना ही नहीं इसमें कॉलर रिवर्स ट्रांसमिशन भी उपलब्ध है। इस ट्रैक्टर में 8 गियर आगे और 8 गियर पीछे के लिए होते हैं। 

बाजार में यह ट्रैक्टर आपको 5.65 से 6.11 लाख के मध्य आसानी से मिल जाऐंगे। यही वजह है, कि यदि आप छोटी जोत के किसान हैं, तो आपको इन ट्रैक्टरों में से किसी एक का चयन करना चाहिए।

भारत में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर बेचने के लिए नियामक नोड मिलने वाली पहली कंपनी बनी एस्कॉर्ट्स

भारत में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर बेचने के लिए नियामक नोड मिलने वाली पहली कंपनी बनी एस्कॉर्ट्स

आने वाला कल बस इलेक्ट्रिक वाहनों का होगा, जिससे कि हम सभी को प्रदूषण की समस्या से आजादी मिल सके. इसके लिए कार निर्माताओं ने इलेक्ट्रिक कार बाजार में उतार दी हैं. इसी कड़ी में स्वदेशी और अग्रणी ट्रेक्टर निर्माता भी अब बैटरी से चलने वाले ट्रेक्टर मार्किट में लाने लगे हैं. हमारे देश की ट्रेक्टर निर्माण कम्पनीज भी इस पर काम करने लगी हैं और उसमे क्वालिटी भी विश्वस्तर की देने में लगी हुई हैं.

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भारत की अग्रणी ट्रेक्टर निर्माता कंपनी एस्कॉर्ट ने सोमबार को बैटरी से चलने वाले ट्रैक्टरों के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के अनुपालन के लिए प्रमाणन प्राप्त किया. एस्कॉर्ट ऐसा करने वाली भारत की पहली कंपनी बन गई है, जिसने अपने बैटरी से चलने वाले ट्रैक्टरों के लिए केंद्रीय मोटर वाहन के अनुपालन के लिए प्रमाण पत्र प्राप्त किया. 

यह प्रमाण पत्र सेंट्रल फार्म मशीनरी ट्रेनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट, बुदनी द्वारा 21-30 एचपी श्रेणी में एस्कॉर्ट्स के इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर के लिए दिया गया है. इन ट्रैक्टरों पर मोटर का निर्माण किर्लोस्कर एलेक्टिकल कंपनी लिमिटेड द्वारा किया जाएगा. 

सोमबार को जारी किये गए प्रेस नोट के मुताबिक कंपनी 2019 से बैटरी चलित ट्रैक्टर्स का सफल निर्यात कर रही है तथा जल्दी ही भारत में भी इसे लॉन्च करने की योजना बना रही है. कंपनी ने 2017 में इस अवधारणा को प्रदर्शित किया था जो की पिछले साल से धरातल पर उतारा है. एस्कॉर्ट ग्रुप कृषि मशीनरी के साथ साथ रेलवे और हैवी मशीनरी में भी डील करता है.

वीएसटी टिलर्स ट्रैक्टर ने लॉन्च किया अगला जनरेशन 30 एचपी ट्रैक्टर

वीएसटी टिलर्स ट्रैक्टर ने लॉन्च किया अगला जनरेशन 30 एचपी ट्रैक्टर

30 सुविधाओं के साथ 30 एचपी कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर की लॉन्चिंग - "30 है तो स्मार्ट है" बारामती, 18 जनवरी, 2021: वीएसटी टिलर्स ट्रैक्टर्स लिमिटेड, पांच दशकों से अधिक समय तक टिलर और कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर के निर्माण में अग्रणी, कृषि क्षेत्र में अभिनव उत्पादों-ucts और समाधान पेश करने के अपने निरंतर प्रयासों के तहत, कॉम्पैक्ट में तीन नए मॉडल हैं। सेगमेंट- 30 HP 4 व्हील ड्राइव और 24 HP और 27 HP की नई पीढ़ी श्रृंखला। VST के सीईओ श्री एंटनी चेरुकारा स्पोक और व्यक्त करते हैं कि ओजीटी कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर और 30 एचपी ट्रैक्टर कॉम्पैक्ट सेगमेंट में खेती की जरूरतों के लिए एक संकलक समाधान के रूप में आता है। नए 30 एचपी ट्रैक्टर विज्ञापन-युक्त मित्सुबिशी इंजन, सिंक्रोमेश गियर बॉक्स, रिवर्स पीटीओ, मिड पीटीओ, इंडिपेंडेंट क्लच और कई अन्य विशेषताओं से लैस हैं और उनमें से कुछ कॉम्पैक्ट सेगमेंट में पहली बार पेश किए गए हैं। ओजीटी ट्रैक्टर 24 एचपी और 27 एचपी सेगमेंट में नया जीन-ऑरेशन ट्रैक्टर है, और यह ट्रैक्टर नवीनतम एर्गोनॉमिक्स के साथ आता है। Tractors दोनों नवीनतम तकनीक के साथ आते हैं जो सर्वोत्तम उत्पादकता प्रदान करता है। जुझार सिंह विर्क, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने बात की और व्यक्त किया कि वीएसटी कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर सेगमेंट में अग्रणी ब्रांडों में से एक है और किसान की पहली पसंद 4WD कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर है। नया लॉन्च किया गया 30 एचपी ट्रैक्टर 30 एचपी के उच्चतम आउटपुट के साथ शक्तिशाली इंजन के साथ आता है, जो 1250 किलोग्राम, ओआईबी ब्रेक, मिड पीटीओ, आरपीटीओ, डबल क्लच, 2.1 मीटर टर्निंग त्रिज्या के साथ हैवी ड्यूटी फ्रंट एक्सल की क्षमता और इन सुविधाओं का पूर्ण समाधान सुनिश्चित करेगा। सभी फसलों के लिए सभी कृषि जरूरतों के लिए। अब 30 एचपी उच्च प्रौद्योगिकी उत्पाद के साथ, किसान एक ट्रैक्टर के साथ सभी फील्ड ऑपरेशन कर सकता है, जो उसकी खेती के लिए बहुत सारे इनपुट लागत को बचाएगा। ओजीटी के साथ-साथ 30 एचपी ट्रैक्टर 5 साल [2 साल स्टैंडर्ड + 3 साल विस्तारित] की वारंटी के साथ आते हैं। ग्रोटेक समाधान जो हमने पहले लॉन्च किया था, कृषक समुदाय द्वारा अच्छी तरह से स्वीकार किया गया है और हम आने वाले दिनों में बहुत अधिक उत्पादों और समाधानों की पेशकश करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं जो किसानों को उनकी बेहतर कृषि उत्पादकता और उनकी इनपुट लागत में कमी के लिए समर्थन करते हैं.
करतार ऐग्रो ने ट्रैक्टर मार्केट में किया धमाका, तीन नये ट्रैक्टर किये लांच

करतार ऐग्रो ने ट्रैक्टर मार्केट में किया धमाका, तीन नये ट्रैक्टर किये लांच

1975 से किसानों के बीच कृषि उपकरण निर्माण को लेकर सबसे अधिक विश्वसनीय कंपनी करतार ऐग्रो ने हाल ही में तीन नये ट्रैक्टर लांच करके सबसे बड़ा धमाका किया है। करतार कंपनी ने तीन नये ट्रैक्टर 4036, 4536 और 5136 नामक मॉडल लांच करने के साथ ही भोपाल में लुधियाना ऐग्रो सेल्स के नाम से एक आकर्षक एवं भव्य शोरूम भी खोला है। इसके साथ ही कम्बाइन हार्वेस्टर बनाने वाली करतार कंपनी ने ट्रैक्ट्रर के क्षेत्र में अपने कदम बढ़ा दिये हैं। किसानों के बीच कंपनी की लोकप्रियता और विश्वसनीयता को देखते हुए यह माना जा रहा है कि करतार ऐग्रो किसानों के लिए किफायती और सर्वश्रेष्ठ ट्रैक्टर बनायेगी। इससे किसानों को कृषि कार्य करने में काफी सुविधाएं होंगी। ऐसा माना जाता है कि करतार ऐग्रो ट्रैक्टर के क्षेत्र में भी नया रिकार्ड बनायेगी।

कम्बाइंड हार्वेस्टर फील्ड की कंपनी ने ट्रैक्टर जगत में किया प्रवेश

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार नवम्बर के प्रथम सप्ताह में ही करतार ऐग्रो कंपनी ने 40, 47 और 51 हॉर्स पॉवर के तीन नये ट्रैक्टरों को लांच करके ट्रैक्टर जगत में जबर्दस्त धमाका किया है। नये मॉडल के लांचिंग के साथ ही भोपाल में लुधियाना ऐग्रो सेल्स के नाम से नया शोरूम का भी उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर कंपनी के वाईस पे्रसीडेंट शिवित वोहरा, शोरूम के संचालक व करतार ऐग्रो के डीलर देवेन्द्र चौकसे, विधायक रामेश्वर शर्मा, कृषि अभियांत्रिकी विभाग मध्य प्रदेश के संचालक राजीव चौधरी, ब्रांड मैनेजर अवजोत सिंह, अनूप सिन्हा, कृषि यंत्री अनिल पोरवाल, एस.पी. अहिरवार एवं भारी संख्या में किसान भाई भी उपस्थित रहे। वाइस प्रेसीडेंट शिवित वोहरा ने  लुधियाना एग्रो सेल्स शोरू का उद्घाटन करने के बाद वहां उपस्थित सभी लोगों का आभार व्यक्त किया तथा उन्हें यह आश्वासन दिया कि कंपनी अपनी पुरानी प्रतिष्ठा के अनुरूप ही ट्रैक्टरों से भी किसानों की उत्कृष्ट सेवा करती रहेगी। उन्होंने कहा कि कंपनी किसान हितों से किसी तरह कोई समझौता न तो अब तक किया है और न ही भविष्य में किसी तरह का कोई समझौता करेगी। श्री वोहरा ने कहा कि किसान और उनका हित ही हमारे लिये सर्वोपरि है।

करतार कंपनी के कृषि उपकरण किसानों की पहली पसंद हैं: शिवित वोहरा

इस अवसर पर कंपनी के वाईस प्रेसीडेंट शिवित वोहरा ने बताया कि करतार ऐग्रो के कम्बाइन्ड हार्वेस्टर और अन्य कृषि उपकरण दशकों से किसानों की पहली पसंद बने हुए हैं। इस सफलता के बाद कंपनी ने ट्रैक्टर जगत में कदम रखने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि करतार ऐग्रो कंपनी आज से 46 साल पहले यानी कि 1975 से किसानों के लिए कृषि उपकरण बना कर सेवा कर रही है। जिस तरह कंपनी किसानों की उम्मीदों पर खरा उतर रही है उसी तरह किसान भाई कंपनी के द्वारा उत्पादित कृषि यंत्रों पर पूरा भरोसा जता रहे हैं।

ट्रैक्टर के क्षेत्र में करतार ऐग्रो बनाएगी रिकार्ड: वाइए प्रेसीडेंट

उन्होंने बताया कि कंपनी ने किसानों की जरूरत को देखते हुए ट्रैक्टर के निर्माण क्षेत्र में प्रवेश किया है और उम्मीद करता हूं कि जिस तरह से करतार कंपनी के कृषि उपकरण किसानों की पहली पसंद हैं उसी तरह हमारे ये नये ट्रैक्टर भी किसानों के बीच लोकप्रिय होंगे। ट्रैक्टरों की इन  मॉडलों की नई टेक्नोलॉजी से  किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिलेगा।

नये ट्रैक्टरों की खूबियां बताईं

उन्होंने कहा कि कंपनी ने किसानों के प्रत्येक छोटी से छोटी जरूरत एवं अधिक से अधिक सुविधा तथा किफायती ट्रैक्टर का निर्माण किया है। श्री वोहरा ने बताया कि ट्रैैक्टर के नये मॉडल करतार 4036, करतार 4536 और करतार 5136 कम डीजल खपत में बहुत अच्छा माइलेज देते हैं। इससे किसानों का लागत खर्च बहुत कम हो जायेगा तथा लाभ में वृद्धि होगी। इस अवसर पर भोपाल में खोले गये नये शोरूम लुधियाना ऐग्रो सेल्स के संचालक व करतार कंपनी के डीलर देवेन्द्र चौकसे ने बताया कि हमारा संस्थान करतार ऐग्रो के ट्रैक्टरों की बिक्री तो करेगा ही साथ ही उनका संस्थान करतार कंपनी के कृषि यंत्रों की सर्विस की भी सुविधा प्रदान करेगी।

करतार ऐग्रो के तीन नये मॉडल

करतार 4036 करतार 4536 करतार 5136

नया मॉडल करतार 4036

कंपनी ने छोटे व मध्यम किसानों की जरूरतों को देखते हुए  करतार 4036 मॉडल को लांच किया है। डीजल की कम खपत पर बड़े-बड़े काम करने वाला ये मॉडल 40 हार्स पॉवर का है। कंपनी ने इस करतार 4036 मॉडल को सिंगल क्लच के साथ लांच किया है। इस मॉडल में करतार ऐग्रो कंपनी ने मैकेनिकल स्टीयरिंग फीचर दिया है। इसके अलावा इस मॉडल में ऐसी अनेक खूबियां हैं जो किसानों को अधिक से अधिक लाभ देंगी।

नये मॉडल करतार 4536 की खासियत है उसकी एचपी

कंपनी का यह दूसरा मॉडल करतार 4536 के नाम से आया है। इस मॉडल का नाम देखते ही भ्रम हो सकता है कि ये ट्रैक्टर 45 हॉर्स पॉवर का होगा लेकिर कंपनी ने किसानों को और अधिक सुविधाजनक ट्रैक्टर देने के इरादे से ट्रैक्टर के इस मॉडल को 47 हॉर्स पॉवर का बनाया है। कंपनी के वाइस चेयर मैन शिवित वोहरा के अनुसार ये ट्रैक्टर भले ही 47 हॉर्स पॉवर का है लेकिन ये ट्रैक्टर दूसरी कंपनियों के 50 हॉर्स पॉवर के ट्रैक्टरों के बराबर काम करेगा। कम से कम खपत में अधिक से अधिक माइलेज देगा। इस मॉडल की खूबसूरती यह है कि यह डबल क्लच में लांच किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि करतार 4536 मॉडल में पॉवर स्टेयरिंग दिया गया है।

दमदार और किफायती मॉडल है करतार 5136

करतार ऐग्रो कंपनी ने करतार 4036, करतार 4536 के साथ करतार 5136 मॉडल का भी ट्रैक्टर लांच किया है। यह ट्रैक्टर बड़ी जोत वाले किसानों के लिए है। ये ट्रैक्टर 51 हॉर्स पॉवर का है। कम डीजल में अधिक समय तक कार्य करने वाला ट्रैक्टर लम्बे समय तक बिना रुके काम करता रहता है। करतार ऐग्रो कंपनी के नये ट्रैक्टरों के मॉडल मं यह माडल सबसे अधिक हॉर्स पावरका तो है ही साथ ही इसको डबल क्लच से लैस किया गया है। इसमें पॉवर स्टेयरिंग का फीचर दिया गया है।

करतार ऐग्रो की कुछ खास बातें

1.करतार ऐग्रो 1975 से किसानों को कृषि यंत्रों की सेवाएं देती आ रही है। इस कंपनी के उत्पाद इतने भरोसेमंद होते हैं कि अधिकांश किसान इसी कंपनी के कृषि यंत्र खरीदते हैं। करतार कंपनी का मैनेजमेंट किसानों के हितों का विशेष ध्यान रखता है। कृषि संयंत्रों के निर्माण के साथ किसानों को कृषि यंत्रों की सेवा इतनी अच्छी दी जाती है कि किसान इस कंपनी के अलावा दूसरी किसी कंपनी का कृषि यंत्र लेना पसंद नहीं करता है। 2.करतार ऐग्रो ने अपने तीन नये ट्रैक्टरों को लांच करते समय किसान भाइयों की जेब का बहुत अधिक ख्याल रखा है। कंपनी ने जहां ट्रैक्टर में डीजल की खपत कम से कम हो,इसका ध्यान रखा है और किसान भाइयों को ट्रैक्टर के खरीदने में भी बचत हो इस बात का ख्याल रखा है। इसके लिए करतार ऐग्रो कंपनी ने देश के विभिन्न राज्यों में किसानों की 3.सुविधा के अनुसार ट्रैक्टर के इन तीनों मॉडलों यानी करतार 4036, करतार 4536 और करतार 5136 के दाम अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तय किये हैं। इससे सभी किसानों को अपने-अपने राज्यों में मिल रही अनेक सुविधाओं के तहत ट्रैक्टर खरीदने में आसानी होगी। साथ ही इस सुविधा से किसानों को ट्रैक्टर किफायती दाम में मिलेंगे।
सोनालिका ट्रैक्टर्स ने 43.5% की घरेलू वृद्धि दर्ज की

सोनालिका ट्रैक्टर्स ने 43.5% की घरेलू वृद्धि दर्ज की

FY'22 में नए शिखर प्राप्त करने के बाद, सोनालिका ट्रैक्टर्स ने मजबूत गति को आगे बढ़ाया है और एक मजबूत प्रदर्शन के साथ FY'23 की अपनी यात्रा शुरू की है। कंपनी ने अप्रैल महीने में अब तक की सबसे अधिक 12,328 ट्रैक्टरों की बिक्री दर्ज की है, जो अप्रैल में 43.5% की सर्वकालिक वृद्धि और उद्योग के विकास (अनुमानित 41%) को पीछे छोड़ते हुए संचालित है। सोनालिका कई उत्पाद लॉन्च के साथ नए वित्तीय वर्ष के लिए पूरी तरह तैयार है और किसानों की खुशी के लिए बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। नई दिल्ली, 2 मई'22: ट्रैक्टर बिक्री और उत्पादन दोनों में वित्त वर्ष 22 में अपने रिकॉर्ड प्रदर्शन के बाद, भारत का नंबर 1 ट्रैक्टर निर्यात ब्रांड सोनालिका अब वित्त वर्ष 23 में तूफान से बाजार में उतरने के लिए तैयार है। 

सोनालिका ट्रैक्टर्स ने अप्रैल महीने में 12,328 इकाइयों की कुल ट्रैक्टर बिक्री दर्ज की है। यह अप्रैल की अब तक की सबसे अच्छी घरेलू बिक्री 10,217 ट्रैक्टरों द्वारा संचालित है, जो अप्रैल’21 में दर्ज 7,122 घरेलू ट्रैक्टरों की बिक्री से 43.5% की वृद्धि है। इसके साथ, कंपनी ने इतने उच्च विकास स्तरों पर भी उद्योग की अनुमानित 41% वृद्धि को पीछे छोड़ दिया है और नए वित्तीय वर्ष के दौरान फिर से असाधारण हासिल करने के लिए एक मजबूत मंच तैयार किया है। भारत के अग्रणी ट्रैक्टर निर्माताओं में से एक, सोनालिका अनुकूलित ट्रैक्टर विकसित करने के लिए एक अद्वितीय दृष्टिकोण का पालन करती है जो किसानों की सभी महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करती है - चाहे वह खेती से संबंधित हो या ढुलाई से संबंधित हो। 

दुनिया भर में कृषि समृद्धि सुनिश्चित करते हुए, कंपनी ने पिछले दो वर्षों में अपने निर्यात को दोगुना कर दिया है और सभी क्षेत्रों में उनका विश्वास जीत लिया है। कंपनी को अपनी हैवी ड्यूटी रेंज के लिए जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है क्योंकि पिछले आधे दशक में यह हर साल 1 लाख से अधिक वार्षिक ट्रैक्टर बिक्री कर रही है। FY'23 में प्रवेश करते हुए, सोनालिका वर्ष के दौरान नए उत्पाद लॉन्च के साथ पूरी तरह से तैयार है और दुनिया भर में अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएं सुनिश्चित करती है।  बेहतर प्रदर्शन के बारे में अपने विचार साझा करते हुए, सोनालिका ट्रैक्टर्स के संयुक्त प्रबंध निदेशक, श्री रमन मित्तल ने कहा, वित्त वर्ष 23 की पहली तिमाही की शुरुआत अप्रैल महीने में अब तक की सबसे अधिक बिक्री के साथ 12,328 ट्रैक्टरों की बिक्री के साथ अब तक की सबसे अच्छी घरेलू बिक्री के साथ उत्साहजनक है। 

घरेलू बाजार में 43.5% की चौंका देने वाली वृद्धि के साथ, हमने इतने उच्च विकास स्तरों पर भी उद्योग की अनुमानित 41% की वृद्धि को पार कर लिया है और इसने निश्चित रूप से इस वर्ष हमारे लिए पाठ्यक्रम निर्धारित किया है। मैं अपने तकनीकी रूप से उन्नत और अनुकूलित ट्रैक्टरों और हमारे चैनल भागीदारों में इस वृद्धिशील विश्वास स्तर के लिए अपने ग्राहकों का आभारी हूं जो दुनिया भर में सर्वश्रेष्ठ से बेहतर देने के लिए हमारे साथ प्रतिबद्ध हैं। ”  उन्होंने कहा, "साल दर साल, हमने भारत से नंबर 1 ट्रैक्टर निर्यात ब्रांड की स्थिति का आदेश दिया है और केवल दो वर्षों में हमारे निर्यात की मात्रा को दोगुना कर दिया है। 

FY'22 के दौरान चुनौतियों पर काबू पाने के दौरान, हमने मजबूत गति का निर्माण जारी रखा और FY'23 में शानदार प्रदर्शन के लिए इसे आगे बढ़ाना सुनिश्चित किया। मौजूदा सकारात्मक धारणा, गेहूं की बंपर फसल और सामान्य मानसून की संभावना के साथ, बाजार की मांग ने धीरे-धीरे गति पकड़ी है। सोनालिका किसान की फसल और भूगोल की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने और समृद्ध भविष्य के लिए कृषि मशीनीकरण को गति देने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। FY'23 के लिए कमर कसते हुए, हम अपनी उत्पाद आक्रामक रणनीति का पालन करना जारी रखेंगे जिसमें नवीन नए ट्रैक्टरों के साथ-साथ उन्नत प्रौद्योगिकी उन्नयन शामिल हैं"।

कंपनी के बारे में:

सोनालिका ट्रैक्टर्स, भारत का नंबर 1 निर्यात ब्रांड और भारत के अग्रणी ट्रैक्टर निर्माताओं में से एक, ने घरेलू और 130 से अधिक देशों में 13 लाख से अधिक ग्राहकों के साथ अपनी मजबूत उपस्थिति स्थापित की है। सोनालिका पंजाब में अपनी होशियारपुर सुविधा में 20-120 एचपी और 70+ उपकरणों में सबसे व्यापक हैवी ड्यूटी ट्रैक्टर रेंज बनाती है जो दुनिया भर में ग्राहकों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करती है। कंपनी पिछले 5 वर्षों में लगातार 1 लाख से अधिक ट्रैक्टरों की बिक्री कर रही है और घरेलू बाजार में 41.6% की उच्चतम वार्षिक वृद्धि दर्ज की है जो कि 26.7 प्रतिशत की समग्र उद्योग वृद्धि से काफी अधिक थी। किसान केंद्रित ब्रांड होने के नाते, सरकार। भारत सरकार ने 2022 तक देश में किसान की आय को दोगुना करने के लिए नीति आयोग की प्रेरक परियोजना में योगदान देने के लिए सोनालिका को एकमात्र ट्रैक्टर ब्रांड के रूप में चुना है। 

भारत से नंबर 1 निर्यात ब्रांड:

सोनालिका भारत का नंबर 1 निर्यात ब्रांड है और गर्व से भारत के बाहर के बाजारों में 1.8 लाख ग्राहकों के साथ जुड़ा हुआ है, जो 130 देशों में एक भारतीय कंपनी की स्वीकार्यता का सही संकेत है। सभी यूरोपीय देशों में 100% उपस्थिति के साथ, सोनालिका ट्रैक्टरों को विविध यूरोपीय परिस्थितियों में 25,000 से अधिक संतुष्ट ग्राहकों द्वारा सफलतापूर्वक संचालित किया जाता है। सोनालिका ने जर्मनी में एक स्पेयर पार्ट्स सेंटर भी स्थापित किया है जो बेहतर सेवा और ग्राहक संतुष्टि प्रदान करने के उद्देश्य से क्षेत्रीय आवश्यकताओं को पूरा करता है।

नंबर 1 हैवी ड्यूटी अनुकूलित फसल समाधान:

सोनालिका ट्रैक्टर पोर्टफोलियो को जरूरतों के अनुसार अनुकूलित किया गया है जो कुशल इंजनों से लैस है जो उच्च बिजली उत्पादन देते हैं और स्वामित्व और अनुभव की बेहतर कुल लागत के लिए कम रखरखाव के साथ सस्ती रहते हैं। सोनालिका 50 से अधिक एचपी ट्रैक्टर सेगमेंट में अग्रणी ब्रांड है और नेतृत्व की स्थिति हासिल करने के लिए 40 एचपी से अधिक सेगमेंट में अपनी उपस्थिति मजबूत कर रही है।

कृषि मशीनीकरण विशेषज्ञ के रूप में, सोनालिका एग्रो सॉल्यूशंस फसल चक्र के विभिन्न चरणों को संबोधित करने के लिए भूमि की तैयारी से लेकर कटाई के बाद के कार्यों सहित अवशेष प्रबंधन तक के लिए उपकरणों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। सोनालिका ने कस्टम हायरिंग सेंटर्स में भी कदम रखा है, एक ऐसा प्लेटफॉर्म जो छोटे और सीमांत किसानों को किराए पर उन्नत कृषि मशीनरी तक पहुंच प्रदान करता है, जिससे लागत प्रभावी तरीके से कृषि उत्पादन में वृद्धि करना है। कंपनी ने किसानों को आवश्यक मशीनरी की आसान पहुंच के लिए 'एग्रो सॉल्यूशंस' ऐप पेश किया है, जिससे देश में कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा मिल रहा है। 

सोनालिका के बारे में अधिक जानकारी:

सोनालिका ने द इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा लगातार तीन साल (2017-2019), और 2018 और 2019 में एग्रीकल्चर टुडे द्वारा 'ग्लोबल इनोवेशन लीडरशिप अवार्ड' का 'आइकॉनिक ब्रांड ऑफ द ईयर' पुरस्कार जीता है। सोनालिका के उपाध्यक्ष, श्री ए.एस. मित्तल को BTVi द्वारा 'बिजनेस लीडर ऑफ द ईयर 2018-2019' पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

आयशर प्राइमा G3 - जज़्बा नया, जीत नई - EICHER PRIMA G3

आयशर प्राइमा G3 - जज़्बा नया, जीत नई - EICHER PRIMA G3

आजकल टेक्नोलॉजी का समय है जिसकी मांग खेती में भी होने लगी है और अब भारत में भी ट्रेक्टर कंपनियां ट्रैक्टर्स में नई टेक्नोलॉजी देने लगे हैं. इसकी वजह से खेती का काम आसान ही नहीं बहुत आसान हो गया है. इस क्रम में आयशर ट्रैक्टर्स ने लॉन्च किया प्राइमा G3 - नए ज़माने के किसानों के लिए प्रीमियम ट्रैक्टर रेंज के साथ. आयशर ट्रेक्टर को किसानों के बीच कम डीजल खपत वाला छोटा ट्रेक्टर के रूप में पहचान मिली हुई है. 

 अगर कोई बोले की मेरे पास आयशर ट्रेक्टर है तो दूसरे किसानों की नजर में उस किसान को छोटा किसान मान लिया जाता है, भले ही वो उसका दूसरा ट्रेक्टर ही क्यों न हो जो की पानी लगाने और खेत का छोटा मोटा काम करने के लिए ही रखा हो. इसी सोच को बदलने के लिए कुछ वर्षों से आयशर ने बड़े ट्रैक्टर्स बाजार में निकालना शुरू किया है. इसी कड़ी में आयशर ने स्टाइल और टेक्नोलॉजी का संगम प्रस्तुत किया है. 

जिसकी निम्नलिखित खासियतें हैं: 

 ✅ प्रीमियम स्टाइलिंग के साथ विश्व स्तरीय डिजाइन 

 ✅ उन्नत टेक्नोलॉजी के साथ ऊम्दा बनावट, बढ़िया फिट और कार्य क्षमता 

 ✅ बेहतरीन आराम के लिए ऊँची सीट, बड़ा और आरामदायक प्लैटफॉर्म तथा वन-टच आगे से खुलने वाला बॉनेट.


 आयशर अपनी कम डीजल खपत और सर्वोत्तम काम के लिए जाना जाता है. जिसपर किसान का विश्वास बहुत पुराना है. अब आयशर ने टेक्नोलॉजी का तड़का भी लगा के दूसरी ट्रेक्टर कंपनियों के लिए भी एक उदहारण पेश किया है की अब भारतीय किसानों को भी ताकत और टेक्नोलॉजी का मिश्रण चाहिए. आयशर ट्रैक्टर्स के नए प्राइमा G3 रेंज के साथ किसान की एक नयी व एक अलग पहचान बनेगी इसके साथ साथ किसान की सीट को भी इस तरह से डिज़ाइन किया गया है जिससे की उसे ज्यादा समय तक निरंतर कार्य करने के बाद भी थकन न हो. टैग लाइन भी उसी तरह से बनाई गई है "पाएं शानदार स्टाइलिंग, उन्नत टेक्नोलॉजी और बेहतरीन आराम। 

आधुनिक ट्रैक्टरों की यह नई श्रृंखला, ख़ास उनके लिए बनाई गई है, जिनकी पसंद होती है सदा सर्वोत्तम और बेस्ट! आइए, आयशर प्राइमा G3 [EICHER PRIMA G3] के साथ अनुभव करें जज़्बा नया, जीत नई - #जज़बानयाजीतनयी"

Cow-based Farming: भारत में गौ आधारित खेती और उससे लाभ के ये हैं साक्षात प्रमाण

Cow-based Farming: भारत में गौ आधारित खेती और उससे लाभ के ये हैं साक्षात प्रमाण

दूध की नदियां बहाने वाला देश और सोने की चिड़िया उपनामों से विख्यात, भारत देश के अंग्रेजों के राज में इंडिया कंट्री बनने के बाद, देश में सनातन शिक्षा विधि, स्वास्थ्य रक्षा, कृषि तरीकों एवं सांस्कृतिक विरासत का व्यापक पतन हुआ है।

आलम यह है कि, कालगणना (कैलेंडर), ऋतु चक्र जैसे विज्ञान से दुनिया को परिचित कराने वाले देश में, आज गौ आधारित प्राकृतिक कृषि को अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित करना पड़ रहा है।

घर-घर गौपालन करने वाले भारत में सरकार को सार्वजनिक गौशाला बनाना पड़ रही हैं। पुरातन इतिहास में एक नहीं बल्कि ऐसे कई प्रमाण हैं कि कृषि प्रधान भारत में गौ आधारित कृषि को विशिष्ट स्थान प्रदान किया गया था। जैविक तरीकों की आधुनिक खेती में अब गौवंश के महत्व को स्वीकारते हुए, गौमूत्र एवं गाय के गोबर का प्रचुरता से उपयोग किया जा रहा है।

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सरकारें भी गौपालन के लिए नागरिक एवं कृषकों को प्रेरित कर रही हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने तो किसान एवं पंचायत समितियों से गौमूत्र एवं गाय का गोबर खरीदने तक की योजना को प्रदेश मे लागू कर दिया है।

क्यों पूजनीय है गौमाता

गौमाता के नाम से सम्मानित गाय को भारत में पूजनीय माना जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार गाय में 33 करोड़ देवताओं का वास मानकर गौमाता की पूजा अर्चना की जाती है। प्रमुख त्यौहारों खासकर दीपावली के दिन एवं अन्नकूुट पर गाय का विशिष्ट श्रृंगार कर पूजन करने का भारत में विधान है।

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हिंदू पूजन विधियों में गौमय (गोबर) तथा गोमूत्र को भारतीय पवित्र और बहुगुणी मानते हैं। गाय के गोबर से बने कंडों का हवन में उपयोग किया जाता है। वातावरण शुद्धि में इसके कारगर होने के अनेक प्रमाण हैं। अब तक अपठित सिंधु-सरस्वती सभ्यता में गौवंश संबंधी लाभों के अनेक प्रमाण मिले हैं। सिंधु-सरस्वती घाटी एवं वैदिक सभ्यता में गौ आधारित किसानी से स्पष्ट है कि भारत में गौ आधारित कृषि कितनी महत्वपूर्ण रही है। सिंधु-सरस्वती सभ्यता से जुड़े अब तक प्राप्त प्रमाणों के अनुसार इस सभ्यता काल में मानव बस्तियों के साथ खेत, अनाज की प्रजातियों आदि के बारे में कृषकों ने काफी तरक्की कर ली थी। सिंधु-सरस्वती सभ्यता से जुड़ी अब तक प्राप्त हुई मुद्राओं में बैल के चित्र अंकित हैं। इससे इस कालखंड में गाय-बैल के महत्व को समझा जा सकता है।

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खेत, जानवर, गाड़ी/ गाड़ी चालक, यव (बार्ली), चलनी, बीज आदि संबंधी चित्र भी इस दौर की कृषि पद्धति की कहानी बयान करते हैं। सिंधु-सरस्वती सभ्यता के अब तक प्राप्त प्रमाणों में अनाज का संग्रह करने के लिये कोठार (भंडार) की भी पुष्टि हुई है। संस्कृत लिपि में प्रयोग में लाए जाने वाले लाङ्गल, सीर, फाल, सीता, परशु, सूर्प, कृषक, कृषीवल, वृषभ, गौ शब्द अपना इतिहास स्वयं बयान करने के लिए पर्याप्त हैं।

 वैदिक संस्कृत और आधुनिक फारसी में भी बहुत से साम्य हैं। फारसी में उच्चारित गो शब्द का मूल अर्थ गाय से ही है। मतलब गाय भारत में पनपी कई संस्कृतियों का अविभाज्य अंग रही है। गाय के गोबर का खेत में खाद, मकान की लिपाई-पुताई में उपयोग भारत में विधि नहीं बल्कि परंपरा का हिस्सा है। रसोई में चूल्हे को सुलगाने से लेकर पूजन हवन तक गाय के गोबर के कंडों की अपनी उपयोगिता है। गाय की उपयोगिता इस बात से भी प्रमाणित होती है कि पुरातन कृषि मेें गौपालक को दूध, दही, छाछ, मक्खन, घी का पौष्टिक आहार प्राप्त होता था वहीं खेती कार्य के लिए तगड़े बैल भी गाय से प्राप्त होते थे।

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खेत में हल जोतने, अनाज ढोने, गाड़ी खींचने के लिये बैलों का उपयोग पुराने समय से भारत में होता रहा है। खेत की सिंचाई के लिए रहट चलाने में भी बैलों की तैनाती रहती थी।

कभी चलता था 24 बैलों वाला हल गौवंश से मिली इंसान, शहर को पहचान कामधेनु करे इतनी कामनाओं की पूर्ति

24 बैलों वाला हल

कई हॉर्स पॉवर वाले आज के प्रचलित आधुनिक ट्रैक्टर का काम पुराने समय में बैल करते थे। पुरातन ग्रंथों में दो, छह, आठ, बारह, यहां तक कि, 24 बैलों वाले भारी भरकम हलों का भी उल्लेख है।

गाय के नाम अनेक

आपको अचरज होगा कि अनेक शब्दों, नामों का आधार गाय से संबंधित है। गोपाल, गोवर्धन, गौशाला, गोत्र, गोष्ठ, गौव्रज, गोवर्धन, गौधूलि वेला, गौमुख, गौग्रास, गौरस, गोचर, गोरखनाथ (शब्द अभी और शेष हैं) जैसे प्रतिष्ठित शब्दों की अपनी विशिष्ट पहचान है। उपरोक्त वर्णित शब्दों से उसकी प्रकृति की पहचान सुनिश्चित की जा सकती है। जैसे गौधूली बेला से सूर्यास्त के समय का भान होता है, इसी तरह गाय के बछड़े को वसु कहा जाता है। इससे ही भगवान श्रीकृष्ण के पिता का नाम वसुदेव रखा गया। हिंदुओं के प्रमुख त्यौहार दीपावली के कुछ दिन पहले वसुबारस मनाकर गौवंश का पूजन कर पशुधन के प्रति कृतज्ञता जताई जाती है।

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ऋग्वेद काल में भी रथों में बैल जोतने का जिक्र है। मतलब गाय कृषक, कृषि के साथ ही ग्राम वासियों का प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तरीके से सहयोगी रही है। गाय और बैल पुरातन काल से भारतीय जनजीवन का आधार रहे हैं। गाय की इन बहुआयामी उपयोगिताओं के कारण ही गौमाता को ‘कामधेनु’ भी कहा जाता है। मानव की इतनी सारी कामनाएं पूरी करने वाली बहुउपयोगी ‘कामधेनु’ (इच्छा पूर्ति करने वाली गाय) वर्तमान मशीनी युग (कलयुग) में और अधिक महत्वपूर्ण होती जा रही है।

गबरबंद

प्राचीन भारत में पानी रोकने के लिए मिट्टी पत्थर से बनाए जाने वाले गबरबन्द को बनाने में गोबर, मिट्टी, घासफूस का उपयोग किया जाता था। महाभारत में गायों की गिनती से संबंधित घोषयात्रा, गोग्रहण का भी उल्लेख है।

गौ अधारित खेती एवं फसल चक्र

भगवान श्रीकृष्ण के पिता का नाम जहां गौवंश पर आधारित वसुदेव है, वहीं उनके भाई बलराम को ‘हलधर’ भी कहा जाता है। हल बलराम का अस्त्र नहीं, बल्कि कृषि कार्य में उपयोगी था। इससे उस कालखंड की खेती-किसानी के तरीकों का भी बोध होता है।

चक्र का महत्व समझिये

प्राचीन भारत में बैल गाड़ियों में प्रयुक्त होने पहिये, कुएं से पानी खींचने के लिये रहट में लगने वाला चक्र, कोल्हू के बैल की चक्राकार परिक्रमा के अपने-अपने महत्व हैं। मतलब कृषि की सुरक्षा में भी चक्र महत्वपूर्ण है। खेती के महत्वपूर्ण चक्र को काल या ऋतु चक्र कहा जाता है। 

 भारत के पूर्वज किसानों ने साल में मौसम के बदलाव के आधार पर फसल चक्र का तक निर्धारण कर लिया था। ऋतुचक्र के मुताबिक ही किसान रवि और खरीफ की फसल का निर्धारण करते आए हैं। बीज बोने, क्यारी बनाने आदि में गौवंश का उल्लेखनीय उपयोग होता आया है। गौ एवं पशु पालन के लिए भी ऋतु चक्र में पूर्वजों ने बहुमूल्य व्यवस्थाएं की थीं। फसल चक्र का खेती, कृषि पैदावार के साथ ही गौ एवं अन्य पशु पालन से पुराना बेजोड़ नाता रहा है।

गौ अधारित खेती

भगवान श्रीकृष्ण के जीवन में गौपालन, गोकुल और बृंदाबन से जुड़ी बातें गौपालन के महत्व को रेखांकित करती हैं। पुरातन व्यवस्था में पालतू गायों का दूध, दही, मक्खन जहां अर्थव्यवस्था की धुरी था वहीं खेती में भी गाय की भूमिका अतुलनीय रही है। मानव उदर पोषण हेतु अनाज की पूर्ति के लिए गौ एवं पशु-पालन के साथ खेती किसानी के मिश्रित प्रबंधन का भारत में इतिहास बहुत पुराना है। गाय-बैलों के पालन का प्रबंध, खाद बनाने में गौमूत्र एवं गोबर का उपयोग, बीजारोपण, सिंचाई, खरपतवार नियंत्रण आदि के लिए भारतवासी पुरातनकाल से गौवंश का बखूबी उपयोग करते आए हैं।