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नारियल

 सरकार ने पके छिले नारियल का समर्थन मूल्‍य घोषित किया

 सरकार ने पके छिले नारियल का समर्थन मूल्‍य घोषित किया

केंद्र सरकार ने पके छिले नारियल के लिए 2020 सीजन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रति क्विंटल 2,700 रुपये घोषित किया है। इस प्रकार, 2019 सीजन के प्रति क्विंटल 2,571 रुपये के मुकाबले 5.02 प्रतिशत की बढ़ोतरी एमएसपी में की गई है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि मोदी सरकार ने देश भर में हर स्तर पर सभी तरह की उपज के किसानों व संबंधित वर्गों के हितों को सर्वोपरि रखा है। पके छिले नारियल के न्यूनतम समर्थन मूल्‍य में वृद्धि से ताजा नारियल की खरीद सुगम होगी। साथ ही, लाखों छोटे नारियल किसानों को बढ़ी हुई एमएसपी का लाभ मिलेगा। श्री तोमर ने कहा कि छोटे नारियल किसानों की फसल होने के नाते किसानों के स्तर पर एकत्रीकरण और खोपरा बनाने के लिए व्यवस्था करना आम बात नहीं है। यद्यपि, पेषण खोपरा का न्यूनतम समर्थन मूल्‍य 2020 फसल सीजन के लिए प्रति क्विंटल 9,960 रुपये है, फिर भी छिले नारियल के लिए उच्चतर न्यूनतम समर्थन मूल्‍य की घोषणा से ऐसे छोटे किसानों को तुरंत नकद मिलना सुनिश्चित हो जाता है जो उत्पाद को अपने पास रखने में असमर्थ होते हैं और जिनके पास खोपरा बनाने के लिए अपर्याप्त सुविधा होती है। कोविड-19 महामारी के संकट के दौर में न्यूनतम समर्थन मूल्‍य में बढ़ोतरी नारियल किसानों को राहत पहुंचाएगी, जो महामारी और इसकी वजह से सप्‍लाई चेन में उत्‍पन्‍न व्‍यवधान से पहले ही काफी प्रभावित हो चुके हैं।  
केंद्र सरकार ने 'खोपरा' नारियल के न्यूनतम समर्थन मूल्य को दी मंजूरी

केंद्र सरकार ने 'खोपरा' नारियल के न्यूनतम समर्थन मूल्य को दी मंजूरी

भारत सरकार देश के किसानों की आय को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में राज्य तथा केंद्र सरकारें आए दिन कृषि नीति और कानून में किसान हितैषी बदलाव करती रहती हैं। ताकि किसानों को फायदा हो और वह अपने पैरों पर खड़ी रह सकें। हाल ही में भारत सरकार की कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मिलिंग खोपरा (नारियल) के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 270 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की है। इसी के साथ सरकार ने घोषणा की है, कि अब बॉल खोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी 750 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ोत्तरी की गई है। सरकार की इस घोषणा से नारियल उत्पादक किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है। न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी किए जानें से किसान भाई नारियल की खेती के लिए प्रोत्साहित होंगे। जिससे नारियल की खेती का रकबा बढ़ाने में मदद मिलेगी। अगर इस खेती से किसानों को अच्छी आमदनी होने लगती है, तो नारियल का प्रसंस्करण बिजनेस को बढ़ाने में भी किसान आगे आ सकते हैं।

न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के बाद अब इस कीमत पर बिकेगा नारियल

सरकार ने कहा है, कि नारियल का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के बाद अब मिलिंग खोपरा 10,860 रुपये क्विंटल के भाव पर बिकेगा। नारियल की इस किस्म पर 270 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई है। जब कि बॉल खोपरा नारियल 11,750 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बिकेगा। इस नारियल पर 750 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई है। न्यूनतम समर्थन मूल्य के बढ़ने से नारियल के किसानों का मुनाफा बढ़ने की पूरी संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने कहा है, कि नारियल की कीमतों का निर्धारण कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की सिफारिश पर किया गया है। साथ ही, कीमतों के निर्धारण में प्रमुख नारियल उत्पादक राज्यों के सुझावों पर भी गौर किया गया है। नारियल की खेती गेहूं, चावल और सब्जियों से ज्यादा मुनाफे वाली खेती होती है। यदि किसान वैज्ञानिक तकनीकों के जरिए नारियल की खेती करें, तो इस खेती से किसान बंपर कमाई कर सकते हैं। नारियल की खेती में एक बार रोपाई करने के बाद आगामी 80 सालों तक इसकी फसल ली जा सकती है। साथ ही, नारियल के बाग में खाली पड़ी जमीन में काली मिर्च, इलायची या दूसरी मसाला फसलों की खेती करके अतिरिक्त आय भी अर्जित की जा सकती है।


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इन दिनों भारत के साथ ही विदेशी बाजारों में साबुत नारियल तथा नारियल के तेल की जबरदस्त मांग है। साथ ही, इसकी मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे भविष्य में किसानों के पास इस खेती से अच्छी कमाई करने का मौका होगा।