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करतार ऐग्रो ने ट्रैक्टर मार्केट में किया धमाका, तीन नये ट्रैक्टर किये लांच

करतार ऐग्रो ने ट्रैक्टर मार्केट में किया धमाका, तीन नये ट्रैक्टर किये लांच

1975 से किसानों के बीच कृषि उपकरण निर्माण को लेकर सबसे अधिक विश्वसनीय कंपनी करतार ऐग्रो ने हाल ही में तीन नये ट्रैक्टर लांच करके सबसे बड़ा धमाका किया है। करतार कंपनी ने तीन नये ट्रैक्टर 4036, 4536 और 5136 नामक मॉडल लांच करने के साथ ही भोपाल में लुधियाना ऐग्रो सेल्स के नाम से एक आकर्षक एवं भव्य शोरूम भी खोला है। इसके साथ ही कम्बाइन हार्वेस्टर बनाने वाली करतार कंपनी ने ट्रैक्ट्रर के क्षेत्र में अपने कदम बढ़ा दिये हैं। किसानों के बीच कंपनी की लोकप्रियता और विश्वसनीयता को देखते हुए यह माना जा रहा है कि करतार ऐग्रो किसानों के लिए किफायती और सर्वश्रेष्ठ ट्रैक्टर बनायेगी। इससे किसानों को कृषि कार्य करने में काफी सुविधाएं होंगी। ऐसा माना जाता है कि करतार ऐग्रो ट्रैक्टर के क्षेत्र में भी नया रिकार्ड बनायेगी।

कम्बाइंड हार्वेस्टर फील्ड की कंपनी ने ट्रैक्टर जगत में किया प्रवेश

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार नवम्बर के प्रथम सप्ताह में ही करतार ऐग्रो कंपनी ने 40, 47 और 51 हॉर्स पॉवर के तीन नये ट्रैक्टरों को लांच करके ट्रैक्टर जगत में जबर्दस्त धमाका किया है। नये मॉडल के लांचिंग के साथ ही भोपाल में लुधियाना ऐग्रो सेल्स के नाम से नया शोरूम का भी उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर कंपनी के वाईस पे्रसीडेंट शिवित वोहरा, शोरूम के संचालक व करतार ऐग्रो के डीलर देवेन्द्र चौकसे, विधायक रामेश्वर शर्मा, कृषि अभियांत्रिकी विभाग मध्य प्रदेश के संचालक राजीव चौधरी, ब्रांड मैनेजर अवजोत सिंह, अनूप सिन्हा, कृषि यंत्री अनिल पोरवाल, एस.पी. अहिरवार एवं भारी संख्या में किसान भाई भी उपस्थित रहे। वाइस प्रेसीडेंट शिवित वोहरा ने  लुधियाना एग्रो सेल्स शोरू का उद्घाटन करने के बाद वहां उपस्थित सभी लोगों का आभार व्यक्त किया तथा उन्हें यह आश्वासन दिया कि कंपनी अपनी पुरानी प्रतिष्ठा के अनुरूप ही ट्रैक्टरों से भी किसानों की उत्कृष्ट सेवा करती रहेगी। उन्होंने कहा कि कंपनी किसान हितों से किसी तरह कोई समझौता न तो अब तक किया है और न ही भविष्य में किसी तरह का कोई समझौता करेगी। श्री वोहरा ने कहा कि किसान और उनका हित ही हमारे लिये सर्वोपरि है।

करतार कंपनी के कृषि उपकरण किसानों की पहली पसंद हैं: शिवित वोहरा

इस अवसर पर कंपनी के वाईस प्रेसीडेंट शिवित वोहरा ने बताया कि करतार ऐग्रो के कम्बाइन्ड हार्वेस्टर और अन्य कृषि उपकरण दशकों से किसानों की पहली पसंद बने हुए हैं। इस सफलता के बाद कंपनी ने ट्रैक्टर जगत में कदम रखने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि करतार ऐग्रो कंपनी आज से 46 साल पहले यानी कि 1975 से किसानों के लिए कृषि उपकरण बना कर सेवा कर रही है। जिस तरह कंपनी किसानों की उम्मीदों पर खरा उतर रही है उसी तरह किसान भाई कंपनी के द्वारा उत्पादित कृषि यंत्रों पर पूरा भरोसा जता रहे हैं।

ट्रैक्टर के क्षेत्र में करतार ऐग्रो बनाएगी रिकार्ड: वाइए प्रेसीडेंट

उन्होंने बताया कि कंपनी ने किसानों की जरूरत को देखते हुए ट्रैक्टर के निर्माण क्षेत्र में प्रवेश किया है और उम्मीद करता हूं कि जिस तरह से करतार कंपनी के कृषि उपकरण किसानों की पहली पसंद हैं उसी तरह हमारे ये नये ट्रैक्टर भी किसानों के बीच लोकप्रिय होंगे। ट्रैक्टरों की इन  मॉडलों की नई टेक्नोलॉजी से  किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिलेगा।

नये ट्रैक्टरों की खूबियां बताईं

उन्होंने कहा कि कंपनी ने किसानों के प्रत्येक छोटी से छोटी जरूरत एवं अधिक से अधिक सुविधा तथा किफायती ट्रैक्टर का निर्माण किया है। श्री वोहरा ने बताया कि ट्रैैक्टर के नये मॉडल करतार 4036, करतार 4536 और करतार 5136 कम डीजल खपत में बहुत अच्छा माइलेज देते हैं। इससे किसानों का लागत खर्च बहुत कम हो जायेगा तथा लाभ में वृद्धि होगी। इस अवसर पर भोपाल में खोले गये नये शोरूम लुधियाना ऐग्रो सेल्स के संचालक व करतार कंपनी के डीलर देवेन्द्र चौकसे ने बताया कि हमारा संस्थान करतार ऐग्रो के ट्रैक्टरों की बिक्री तो करेगा ही साथ ही उनका संस्थान करतार कंपनी के कृषि यंत्रों की सर्विस की भी सुविधा प्रदान करेगी।

करतार ऐग्रो के तीन नये मॉडल

करतार 4036 करतार 4536 करतार 5136

नया मॉडल करतार 4036

कंपनी ने छोटे व मध्यम किसानों की जरूरतों को देखते हुए  करतार 4036 मॉडल को लांच किया है। डीजल की कम खपत पर बड़े-बड़े काम करने वाला ये मॉडल 40 हार्स पॉवर का है। कंपनी ने इस करतार 4036 मॉडल को सिंगल क्लच के साथ लांच किया है। इस मॉडल में करतार ऐग्रो कंपनी ने मैकेनिकल स्टीयरिंग फीचर दिया है। इसके अलावा इस मॉडल में ऐसी अनेक खूबियां हैं जो किसानों को अधिक से अधिक लाभ देंगी।

नये मॉडल करतार 4536 की खासियत है उसकी एचपी

कंपनी का यह दूसरा मॉडल करतार 4536 के नाम से आया है। इस मॉडल का नाम देखते ही भ्रम हो सकता है कि ये ट्रैक्टर 45 हॉर्स पॉवर का होगा लेकिर कंपनी ने किसानों को और अधिक सुविधाजनक ट्रैक्टर देने के इरादे से ट्रैक्टर के इस मॉडल को 47 हॉर्स पॉवर का बनाया है। कंपनी के वाइस चेयर मैन शिवित वोहरा के अनुसार ये ट्रैक्टर भले ही 47 हॉर्स पॉवर का है लेकिन ये ट्रैक्टर दूसरी कंपनियों के 50 हॉर्स पॉवर के ट्रैक्टरों के बराबर काम करेगा। कम से कम खपत में अधिक से अधिक माइलेज देगा। इस मॉडल की खूबसूरती यह है कि यह डबल क्लच में लांच किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि करतार 4536 मॉडल में पॉवर स्टेयरिंग दिया गया है।

दमदार और किफायती मॉडल है करतार 5136

करतार ऐग्रो कंपनी ने करतार 4036, करतार 4536 के साथ करतार 5136 मॉडल का भी ट्रैक्टर लांच किया है। यह ट्रैक्टर बड़ी जोत वाले किसानों के लिए है। ये ट्रैक्टर 51 हॉर्स पॉवर का है। कम डीजल में अधिक समय तक कार्य करने वाला ट्रैक्टर लम्बे समय तक बिना रुके काम करता रहता है। करतार ऐग्रो कंपनी के नये ट्रैक्टरों के मॉडल मं यह माडल सबसे अधिक हॉर्स पावरका तो है ही साथ ही इसको डबल क्लच से लैस किया गया है। इसमें पॉवर स्टेयरिंग का फीचर दिया गया है।

करतार ऐग्रो की कुछ खास बातें

1.करतार ऐग्रो 1975 से किसानों को कृषि यंत्रों की सेवाएं देती आ रही है। इस कंपनी के उत्पाद इतने भरोसेमंद होते हैं कि अधिकांश किसान इसी कंपनी के कृषि यंत्र खरीदते हैं। करतार कंपनी का मैनेजमेंट किसानों के हितों का विशेष ध्यान रखता है। कृषि संयंत्रों के निर्माण के साथ किसानों को कृषि यंत्रों की सेवा इतनी अच्छी दी जाती है कि किसान इस कंपनी के अलावा दूसरी किसी कंपनी का कृषि यंत्र लेना पसंद नहीं करता है। 2.करतार ऐग्रो ने अपने तीन नये ट्रैक्टरों को लांच करते समय किसान भाइयों की जेब का बहुत अधिक ख्याल रखा है। कंपनी ने जहां ट्रैक्टर में डीजल की खपत कम से कम हो,इसका ध्यान रखा है और किसान भाइयों को ट्रैक्टर के खरीदने में भी बचत हो इस बात का ख्याल रखा है। इसके लिए करतार ऐग्रो कंपनी ने देश के विभिन्न राज्यों में किसानों की 3.सुविधा के अनुसार ट्रैक्टर के इन तीनों मॉडलों यानी करतार 4036, करतार 4536 और करतार 5136 के दाम अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तय किये हैं। इससे सभी किसानों को अपने-अपने राज्यों में मिल रही अनेक सुविधाओं के तहत ट्रैक्टर खरीदने में आसानी होगी। साथ ही इस सुविधा से किसानों को ट्रैक्टर किफायती दाम में मिलेंगे।
M&M LTD के डिवीजन स्वराज ट्रैक्टर ने कृषकों के लिए स्वराज 8200 स्मार्ट हार्वेस्टर लांच किया

M&M LTD के डिवीजन स्वराज ट्रैक्टर ने कृषकों के लिए स्वराज 8200 स्मार्ट हार्वेस्टर लांच किया

महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के डिवीजन स्वराज ट्रैक्टर्स ने कृषकों के लिए वर्तमान में स्वराज 8200 स्मार्ट हार्वेस्टर का अनावरण किया है। कंपनी ने इसे खरीफ सीजन में प्रस्तुत किया है, जिससे धान एवं सोयाबीन जैसी फसलों की कटाई में उत्कृष्ट नतीजे देखने को मिले है। कंपनी अपने इस स्मार्ट हार्वेस्टर के उत्पादन को बढ़ाने जा रही है। Swaraj Harvester 8200: महिंद्रा एंड महिंद्रा के प्रस्तुत कृषि मशीनरी प्लांट पीथमपुर (मध्य प्रदेश) में स्वराज 8200 स्मार्ट हार्वेस्टर की उपज को बढ़ाया जा रहा है। 

बतादें, कि भारत में स्वदेशी रुप से तैयार हुआ यह प्रथम स्मार्ट हार्वेस्टर है। महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के डिवीजन स्वराज ट्रैक्टर्स ने कृषकों के लिए इस स्मार्ट हार्वेस्टर का अनावरण किया है। कंपनी ने इसको खरीफ सीजन में प्रस्तुत किया है, जिससे धान सोयाबीन जैसी फसलों की कटाई में उत्कृष्ट नतीजा देखने को मिले है। कंपनी को अपने इस नवीन स्मार्ट हार्वेस्टर के सफल प्रारंभ के साथ आशा है, कि आगामी रबी फसल के सीजन में इस उत्पाद की शानदार मांग रहने वाली है। सीनियर वाइस प्रेसिडेंट एंड बिजनेस हेड, फार्म मशीनरी, महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड कैरास वखारिया ने कहा है, कि स्वराज 8200 स्मार्ट हार्वेस्टर के साथ किसान कटाई के कार्यों को सहजता और कम खर्चे के साथ पूर्ण कर सकते हैं। 

24x7 निगरानी रखने की सुविधा उपलब्ध की गई है  

कैरास वखारिया ने बताया है, कि 'स्वराज भारत में कटाई प्रौद्योगिकी में काफी अग्रणी रहा है और यह नया 8200 स्मार्ट हार्वेस्टर टेक्नोलॉजी की दुनिया में इस विरासत को काफी आगे बढ़ा रहा है। इंटेलिजेंट हार्वेस्टिंग प्रणाली के साथ कंपनी सर्विस एवं प्रोडक्ट सपोर्ट टीम के साथ हार्वेस्टर की परफॉर्मेंस और हेल्थ पर 24x7 निगरानी रखने की सुविधा देती है। उन्होंने बताया, आप कहीं भी रहकर अपने फोन पर इस स्मार्ट हार्वेस्टर के विषय में जान सकते हैं, जैसे फ्यूल, इसकी लोकेशन एवं बाकी जानकारी। 

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स्मार्ट हार्वेस्टर सूखी अथवा गीली फसल में भी सुगमता से चलेगा 

कैरास वखारिया ने कहा है, कि स्वराज 8200 स्मार्ट हार्वेस्टर में काफी फ्यूल एफिशीएंट इंजन प्रदान किया गया है, जो न्यू टेक्नोलॉजी पर आधारित है। इसकी सहायता से तकरीबन वर्ष की 90 हजार रुपये तक की बचत की जा सकती है। उन्होंने बताया, इस स्मार्ट हार्वेस्टर की स्पीड बाकी स्मार्ट हार्वेस्टर से ज्यादा है। बतादें, कि इसके मेंटेनेंस पर ज्यादा खर्च नहीं आने वाला है। वखारिया ने जानकारी देते हुए बताया है, कि किसान इस स्मार्ट हार्वेस्टर को गीली फसल में भी सुगमता से चला सकते हैं। इस स्मार्ट हार्वेस्टर का उपयोग आप रबी-खरीफ की फसलों में कर सकते हैं। मतलब, कि गेहूं, धान, सोयाबिन और मक्का समेत बहुत सारी फसलों की कटाई कर सकते हैं।

ऑन-फार्म सर्विस की सुविधा भी उपलब्ध है 

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि कंपनी अपने इस स्मार्ट हार्वेस्टर के साथ रिलेशनशिप मैनेजर और ऐप-आधारित वीडियो कॉलिंग के जरिए हेल्थ अलर्ट और व्यक्तिगत मदद के साथ त्वरित ऑन-फार्म सर्विस की सुविधा भी प्रदान कर रही है। भारत के पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र, कैरास और वखारिया समेत बहुत से राज्यों में स्वराज 8200 स्मार्ट हार्वेस्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्वराज के संपूर्ण देश में फैले डीलर नेटवर्क के जरिए से इस नए स्वराज 8200 स्मार्ट हार्वेस्टर को बिक्री के लिए उपलब्ध कर दिया गया है। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि भारत में स्वराज के तकरीबन 100 से भी अधिक डीलर उपस्थित हैं।

स्वराज ट्रैक्टर द्वारा 40-50 एचपी श्रेणी में नई ट्रैक्टरों की सीरीज लॉन्च की गई है

स्वराज ट्रैक्टर द्वारा 40-50 एचपी श्रेणी में नई ट्रैक्टरों की सीरीज लॉन्च की गई है

महिंद्रा समूह के एक भाग स्वराज ट्रैक्टर्स ने सोमवार को कहा कि उसने कृषकों की बढ़ती आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए 40-50 एचपी श्रेणी में ट्रैक्टरों की एक नई श्रृंखला विकसित करने के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश किया है। कंपनी का कहना है, कि नए उत्पाद अंततः इस श्रेणी में उसके मौजूदा ट्रैक्टरों की जगह ले लेंगे।

अत्याधुनिक होंगे नए ट्रैक्टर मॉडल

महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) के स्वराज डिवीजन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरीश चव्हाण का कहना है, कि नए उत्पाद आधुनिक कृषि की मांगों को पूर्ण करने के लिए विकसित किए गए हैं। उन्होंने कहा, "नई रेंज नई सुविधाओं, कृषि अनुप्रयोगों के विभिन्न सेट के साथ आती है। हम भविष्य के लिए तैयार रहना चाहते हैं और यही कारण है कि हम नए ट्रैक्टर पेश कर रहे हैं।" 

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नए ट्रैक्टरों के बारे में विस्तार से पूछे जाने पर चव्हाण ने कहा, यह विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कम सुविधाओं वाले ट्रिम से लेकर चार-पहिया ड्राइव जैसी उच्च-स्तरीय सुविधाओं वाले वेरिएंट तक एक व्यापक बाजार रेंज है। नए ट्रैक्टर विकसित करने के लिए कंपनी के निवेश के बारे में चव्हाण ने कहा, "हमने परियोजना पर करीब 200 करोड़ रुपये का निवेश किया है।" 

इसको लेकर चव्हाण ने क्या कहा है

घरेलू ट्रैक्टर उद्योग में 40-50 एचपी सेगमेंट की बिक्री लगभग 50 प्रतिशत है। स्वराज पंजाब के मोहाली में अपने दो विनिर्माण संयंत्रों से ट्रैक्टर बनाती है। चव्हाण ने कहा, "एक तीसरा संयंत्र भी निर्माणाधीन है। इस साल की तीसरी तिमाही तक आने की संभावना है। चौथी तिमाही में हम इसे चालू कर देंगे। संयंत्र कार्यान्वयन के अंतिम चरण में है।" नई ट्रैक्टर रेंज की कीमत बेस वेरिएंट के लिए 6.9 लाख रुपये (42 एचपी) है और 50 एचपी टॉप-एंड मॉडल के लिए 9.95 लाख रुपये तक जाती है।

सोनालीका ने 40-75 HP में 10 नए 'टाइगर' हैवी ड्यूटी ट्रैक्टरों की अपनी सबसे बड़ी रेंज के साथ 2024 की शुरुआत की; 'डिज़ाइनड इन यूरोप' नंबर 1 ट्रैक्टर एक्सपोर्ट सीरीज़ अब भारतीय किसानों के लिए भी उपलब्ध

सोनालीका ने 40-75 HP में 10 नए 'टाइगर' हैवी ड्यूटी ट्रैक्टरों की अपनी सबसे बड़ी रेंज के साथ 2024 की शुरुआत की; 'डिज़ाइनड इन यूरोप' नंबर 1 ट्रैक्टर एक्सपोर्ट सीरीज़ अब भारतीय किसानों के लिए भी उपलब्ध

40-75 HP में 10 नए 'टाइगर' ट्रैक्टरों के नवीनतम लॉन्च के साथ, कंपनी ने 5 नए शक्तिशाली तथा ईंधन कुशल इंजन, 5 नए मल्टी-स्पीड ट्रांसमिशन और 3 नए  5G हाइड्रोलिक्स प्रस्तुत किए हैं, जिससे किसानों को ट्रैक्टर में किसी भी प्रकार का समझौता ना करना पड़े (शून्य समझौता रेंज)। 'डिज़ाइन्ड इन यूरोप' इस ट्रैक्टर रेंज में नवीनतम तकनीक है जिसने सोनालीका को ट्रैक्टर एक्सपोर्ट बाजार में नंबर 1 स्थान हासिल करने में मुख्य भूमिका निभाई है। नई रेंज ढेर सारे विकल्प देता है जिससे किसान अपने खेत और व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुसार सर्वोत्तम ट्रैक्टर चुन सकते हैं।

नई दिल्ली, 8 फरवरी, 2024: भारत से ट्रैक्टर एक्सपोर्ट में नंबर 1 ब्रांड सोनालीका ट्रैक्टर्स अपने हैवी ड्यूटी ट्रैक्टरों और उनके शक्तिशाली तथा ईंधन कुशल इंजनों के साथ किसानों के प्रदर्शन को बढ़ाने में दृढ़ता से विश्वास रखता है। साल 2024 में कंपनी ने भारत में अपनी सर्वश्रेष्ठ उत्पाद सीरीज़ पेश कर दी है और 40 - 75 एचपी सेगमेंट में 10 नए 'टाइगर' हैवी ड्यूटी ट्रैक्टरों की सबसे बड़ी रेंज लॉन्च कर के उत्साहित है। 'डिज़ाइन्ड इन यूरोप’ इस नवीनतम रेंज में सोनालीका ने 5 नए इंजन विकल्प दिए हैं, जिसमें उद्योग के सबसे अच्छे और सबसे बड़े इंजन (सी आर डी एस और एच डी एम+), विभिन्न कृषि कार्यों के लिए 5 अलग-अलग मल्टी-स्पीड ट्रांसमिशन और 3 अलग-अलग उन्नत और इंटेलीजेंट 5जी हाइड्रोलिक्स शामिल हैं जिसमें 140+ से अधिक ऑटो सेटिंग्स उपलब्ध हैं। हैवी ड्यूटी इंजन का सही उपयोग किसानों के लिए सबसे बेहतरीन प्रदर्शन प्रदान करेगा क्योंकि यह शून्य आरपीएम ड्रॉप भी प्रदान करता है जिसके परिणामस्वरूप श्रेणी में सर्वोत्तम ईंधन लागत एवं बचत होती है। सोनालीका की नई रेंज से किसानों को ट्रैक्टर खरीद के दौरान कोई समझौता नहीं करना पड़ेगा (शून्य समझौता) जिससे कंपनी ने 'प्राइड ऑफ़ इंडिया' के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है|

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लॉन्च किए गए 10 नए 'टाइगर' ट्रैक्टरों में हैवी ड्यूटी माइलेज (एचडीएम+) इंजन वाले 6 ट्रैक्टर शामिल हैं - टाइगर DI 42 पॉवर प्लस, टाइगर DI 745, टाइगर DI 47, टाइगर DI 50, टाइगर DI 55 III, टाइगर DI 60 टॉर्क प्लस और इनमें से प्रत्येक ट्रैक्टर एचडीएम+ अनुकूलित रेटेड आरपीएम इंजन से लैस है, जिससे ऑपरेटिंग रेंज में अधिक शक्ति और टॉर्क मिलता है और ईंधन बचत में वृद्धि होती है। इसके साथ ही, कंपनी ने सी आर डी एस  तकनीक के साथ 4 ट्रैक्टरों में उद्योग का सबसे बड़ा 4 सिलेंडर 4,712 cc इंजन भी लॉन्च किया है - टाइगर DI 55 सी आर डी एस, टाइगर DI 60 सी आर डी एस, टाइगर DI 65 सी आर डी एस और टाइगर DI 75 सी आर डी एस। उन्नत सी आर डी एस तकनीक पर्यावरण के अनुकूल है और किसानों की उत्पादकता को अधिकतम करने के लिए 3 मल्टी-मोड (पावर, नॉर्मल और बचत) प्रदान करती है। कुल मिलाकर, सोनालीका टाइगर ट्रैक्टरों की पूरी नई रेंज किसानों के लिए कई उन्नत सुविधाएँ प्रदान करती है जैसे कि 5G हाइड्रोलिक्स के साथ 2,000-2500 किलोग्राम लिफ्ट क्षमता और मल्टी-स्पीड ट्रांसमिशन जैसे 40-स्पीड, 24-स्पीड, 20-स्पीड, 15-स्पीड और 10-स्पीड। पूरी तरह से अत्याधुनिक तकनीकों से लैस नई सोनालीका टाइगर ट्रैक्टर रेंज को विभिन्न कृषि उपकरणों को संचालित करने और सभी कृषि और व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनुकूलित किया गया है।

इस अवसर पर डॉ. अमृत सागर मित्तल, वाईस चेयरमैन, इंटरनेशनल ट्रैक्टर्स लिमिटेड, ने कहा, “भारत में खेती विकल्पों से भरी है और किसान अक्सर आवश्यक सुविधाओं की कीमत पर ट्रैक्टर की अपनी पसंद से समझौता करते हैं। हमारी नई रेंज भारतीय किसानों को 'शून्य समझौता ट्रैक्टर रेंज' का वादा करती है क्योंकि हम टाइगर सीरीज़ में अब नंबर 1 ट्रैक्टर एक्सपोर्ट सीरीज़ की घोषणा करते हैं।"

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अपने विचार साझा करते हुए, श्री रमन मित्तल, जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर, इंटरनेशनल ट्रैक्टर्स लिमिटेड, ने कहा, “हम 40-75 एचपी में 10 नए उन्नत 'टाइगर' ट्रैक्टरों की सबसे बड़ी रेंज भारत में लॉन्च करने के लिए बहुत उत्साहित और ऊर्जावान महसूस कर रहे हैं। भारतीय किसानों की आवश्यकताओं और उनकी क्षेत्रीय विविधता से अच्छी तरह वाकिफ होने के कारण, हमने अपनी सभी इंजीनियरिंग क्षमताओं को शामिल किया है और सर्वोत्तम अंतर्राष्ट्रीय तकनीक से बने ट्रैक्टर लेकर आए हैं। हमने नई श्रृंखला को सबसे ताकतवर तथा ईंधन कुशल इंजन और उन्नत 5जी हाइड्रॉलिक्स द्वारा समर्थित मल्टी-स्पीड ट्रांसमिशन के साथ पूरी तरह से अनुकूलित किया है, जो पॉवर, प्रदर्शन और माइलेज को फिर से परिभाषित करके हर प्रकार की एप्लिकेशन आवश्यकताओं के अनुरूप है।"

इस अवसर पर बोलते हुए, श्री विवेक गोयल, प्रेजिडेंट एंड चीफ, सोनालीका ट्रैक्टर्स, ने कहा, ''भारत विविधता से भरा बाजार है जहाँ उन्नत ट्रैक्टरों की मांग और कृषि मशीनीकरण को बढ़ाने वाली नई तकनीकों की मांग लगातार बढ़ रही है। 40-75 एचपी में टाइगर ट्रैक्टरों की हमारी सबसे बड़ी नई रेंज किसानों को उनके मौजूदा कृषि परिदृश्य से उनकी उत्पादकता को अधिकतम करने में सहायता करने के लिए डिज़ाइन की गई है और नई ट्रैक्टर श्रृंखला उद्योग में सबसे बड़ी 4WD ट्रैक्टर रेंज भी बन गई है। हमारे नए अत्याधुनिक लॉन्च ने 2024 के लिए हमारे लिए रास्ता तय कर दिया है और हम भारतीय किसानों की समृद्धि और विकास के लिए प्रतिबद्ध अपने हेवी ड्यूटी ट्रैक्टर रेंज में इस तरह के क्रांतिकारी बदलाव करना जारी रखेंगे।''


यह राज्य सरकार इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपये मुहैय्या करा रही है

यह राज्य सरकार इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपये मुहैय्या करा रही है

मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से राज्य की महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना चालू की गई है। योजना के अंतर्ग महिलाओं को 1000 रुपये हर माह दिए जाएंगे। इससे महिलाऐं काफी समृद्ध हो सकेंगी। बतादें, कि राज्य सरकारें महिलाओं को सशक्त और मजबूत बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। महिलाओं को उनका अधिकार मिल पाए। इस संबंध में राज्य सरकारें निरंतर कदम उठाती रहती है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भी महिलाओं के लिए बड़ी कवायद की है। एक करोड़ से ज्यादा महिलाएं इस योजना के अंतर्गत जुड़ चुकी है। राज्य सरकार उन्हें सशक्त व मजबूत करने का कार्य कर रही हैं। हालांकि, इस योजना का फायदा चुनावी तौर पर भी जोड़कर देखा जा रहा है। साथ ही, राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को समृद्ध और सशक्त बनाना ही पहली प्राथमिकता बताई जा रही है।

महिलाओं को प्रति माह मिलेंगे 1000 रुपये

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना जारी की है। योजना के अंतर्गत महिला आवेदकों को पंजीकरण करवाना जरुरी होगा। उसके बाद में संपूर्ण जांच पड़ताल करने के उपरांत महिलाओं के खाते में प्रति माह 1000 रुपये हस्तांतरित किए जाएंगे। महिलाओं को यह धनराशि 10 जून के उपरांत मिलनी चालू हो जाएगी।

पंजीकरण की अंतिम तिथि क्या है

लाडली योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन की तिथि 30 अप्रैल तक निर्धारित की गई है। आवेदकों की जांच कर उनका निराकरण 15 से 30 मई तक किया जाएगा। राज्य सरकार के अधिकारी योजना से जुड़ी समस्त जानकारी पोर्टल पर 31 मई तक प्रेषित कर दी जाएगी।

कितनी वर्षीय महिलाऐं इस योजना का फायदा उठा सकती हैं

जानकारी के लिए बतादें कि इस योजना का फायदा सिर्फ 23 से 60 साल तक की महिलाओं को प्राप्त हो पाएगा। परंतु, इस बात पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित रखना है, कि परिवार आयकर दाता नही होना चाहिए। साथ ही, उसके घर में चार पहिया वाहन भी नही होना चाहिए इसके अतिरिक्त बाकी नियमों का भी ध्यान रखा जाएगा। ये भी पढ़े: 3 लाख किसान महिलाओं के खाते में 54,000 करोड़ रुपये भेज किया आर्थिक सशक्तिकरण

योजना का फायदा लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज

दस्तावेजों के लिए कुछ डॉक्यूमेंट भी अत्यंत जरुरी कर दिए गए हैं। इसके अंतर्गत पासबुक की फोटोकॉपी, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड की कॉपी एवं एक फोटो की भी आवश्यकता होगी। किसान राज्य सरकार की अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपने आप से भी अपलोड कर सकते हैं। कॉमन सर्विस सेंटर में भी पंजीकरण करवाया जा सकता है।
केंद्र सरकार की तरफ से जारी किया गया ई-नाम पोर्टल, फल-सब्जियों के कारोबार को मिली नई दिशा

केंद्र सरकार की तरफ से जारी किया गया ई-नाम पोर्टल, फल-सब्जियों के कारोबार को मिली नई दिशा

भारत में आजकल बहुत सारे व्यवसाय एक अच्छी दिशा की तरफ बढ़ रहे हैं। बदलते दौर और आधुनिक युग में कारोबार और व्यवसाय एक मजबूत स्तंभ के रूप में कार्य कर रहा है। इसी कड़ी में भारत में ई-नाम का कारोबार भी काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। दो साल में ई-नाम का ऑनलाइन टर्नओवर लगभग 80 हजार रूपये तक पहुँच चुका है। केंद्र सरकार निरंतर किसानों के फायदे में कदम उठाती रही है। केंद्र सरकार का सदैव प्रयास रहता है, कि किसान भाइयों को उनकी फसलों का समुचित भाव किसानों को प्राप्त हो पाए। केंद्र सरकार की तरफ से इसी को लेकर e- NAM पोर्टल जारी किया है। बतादें, कि करीब 7 साल में ही इस पोर्टल से लाखों की तादाद में किसान जुड़ चुके हैं। हजारों करोड़ रुपये की खरीदारी इसी पोर्टल की सहायता से की गई है। इस पोर्टल की सफलता का आलम यह है, कि साल 2022-23 में e-NAM पोर्टल का आंकड़ा 32 फीसद तक बढ़ चुका है। बतादें, कि इसका कारोबार लगभग 80 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है, कि e-NAM पोर्टल पूर्व से ज्यादा चर्चा में हैं और ज्यादा लोग इस पोर्टल से जुड़ रहे हैं।

ई-नाम ने कारोबार को नई दिशा दी है

7 साल पूर्व ई- नाम फल-सब्जियों के व्यवसाय को ऑनलाइन करने के लिए निर्मित किया गया था। खास बात यह है, कि व्यापारी, किसान और किसान संघठन को पसंद कर रहे हैं। मीडिया खबरों के मुताबिक, साल 2022 में ई-नाम पोर्टल के अंतर्गत टर्नओवर 56497 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जबकि साल 2022 में यह 31366 करोड़ रुपये था। मतलब कि इस पोर्टल पर किसान, उससे संबंधित संगठन फल-सब्जी एवं उससे जुड़े उत्पाद खरीद सकते हैं। कहा गया है, कि ई-नाम पर सीफूड एवं दूध को छोड़कर समस्त प्रकार का व्यवसाय किया जाता है।

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काऊ मिल्क प्लांट करोड़ों के खर्च से तैयार खड़े होने के बावजूद भी किसान दूध बेचने को परेशान

कृषि उत्पादों का कारोबार मिलियन्स तक पहुंच चुका है

ई-नाम के जो आंकड़ें सामने आए उनके मुताबिक, साल 2023 में 18.6 मिलियन टन जींस का व्यापार हो चुका है। साथ ही, विगत वर्ष 13.2 मीट्रिक टन कृषि उत्पाद का कारोबार ई-नाम से किया था। यह लगभग 41 प्रतिशत का इजाफा है। भारत के विभिन्न राज्यों में ई-नाम का चलन और इस्तेमाल काफी तीव्रता से बढ़ा है।

ई-नाम से किन किन राज्यों में खरीदारी हो रही है

झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, केरला और ओड़िशा के खरीदारों को विभिन्न उत्पादों की बिक्री हो रही है। इनमें चना, सोयाबीन, जीरा, आलू, सेब, सरसों और रागी की बिक्री इसी पोर्टल के जरिए से की गई। इनके अतिरिक्त पश्चिम बंगाल, तमिलानाडु, ओडिशा, महाराष्ट्र और राजस्थान आदि प्रदेशों में भी विभिन्न उत्पादों का विक्रय किया जा रहा है।
स्वराज ने लॉन्च की लाइट वेट ट्रैक्टर की सीरीज

स्वराज ने लॉन्च की लाइट वेट ट्रैक्टर की सीरीज "टारगेट"

किसान भाइयों के लिए खुशखबरी है। बतादें, 2 जून 2023 को भारत के किसानों के लिए एक नया ट्रैक्टर लॉन्च किया गया है। इसके अंदर बहुत सारी विशेषताऐं मौजूद हैं। शुक्रवार को स्वराज टार्गेट का लुक सामने आया है। यह कम वजनी कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर सेगमेंट में स्वराज का नया ट्रैक्टर प्लेटफॉर्म है। चलिए आपको आगे बताते है, इसकी कीमत और विशेषताओं के बारे में।

स्वराज टार्गेट के इस ट्रैक्टर में क्या-क्या विशेषताएं हैं

स्वराज टार्गेट अपनी विशेषताओं के संदर्भ में सबसे अलग है। इसमें 87 NM के टॉर्क के साथ 29 HP की बेजोड़ शक्ति है। सिर्फ इतना ही नहीं, इस ट्रैक्टर की लिफ्ट क्षमता 980 KGF तक की है। इसकी फ्यूल एफिशिएंसी 220 ग्राम/ एचपी/ घंटा है। वहीं इसके अतिरिक्त भी इसमें वेट इप्टो क्लच, स्प्रे सेवर स्विच, सिंक शिफ्ट ट्रांसमिशन और मैक्स कूल की सुविधा भी दी गई है। यह एक कम वजन वाला नैरो ट्रैक्टर है। यह भी पढ़ें: Swaraj Tractor: आ गया खेती का भी Code

स्वराज टार्गेट की कीमत कितनी है

यदि आप भी बहुत सारी सुविधाओं से युक्त यह स्वराज टार्गेट ट्रैक्टर खरीदना चाहते हैं, तो आपको बतादें कि इस उत्पाद रेंज के लिए वारंटी 6 वर्ष, 4500 घंटे है। वहीं, इसका भाव केवल 5.35 लाख रुपए है।

महिंद्रा एंड महिंद्रा ने भी लाइटवेट सीरीज हेतु नवीन प्लेटफार्म जारी करने का एलान किया था

शायद आपको ध्यान हो, कि महिंद्रा एंड महिंद्रा द्वारा 26 मई को स्वराज ट्रैक्टर्स की लाइटवेट सीरीज के लिए एक नया प्लेटफॉर्म जारी करने की घोषणा की थी। ऑटोमेकर के कार्यकारी निदेशक राजेश जेजुरिकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, कि 2 जून को जारी होने वाला यह प्लेटफॉर्म नए स्टाइल एवं अतिरिक्त सुविधाओं सहित 25 हॉर्सपावर एवं 29 हॉर्सपावर के इंजन वाले ट्रैक्टरों को आधार देगा।
योगी सरकार द्वारा जारी की गई नंदिनी कृषक बीमा योजना से देशी प्रजातियों की गायों को प्रोत्साहन मिलेगा

योगी सरकार द्वारा जारी की गई नंदिनी कृषक बीमा योजना से देशी प्रजातियों की गायों को प्रोत्साहन मिलेगा

उत्तर प्रदेश में शीघ्र ही नंदिनी कृषक बीमा योजना जारी होने वाली है। इससे देशी प्रजातियों की गायों को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही, आशा की जा रही है कि योजना राज्य में श्वेत क्रांति लाने का कार्य करेगी। 

उत्तर प्रदेश सरकार एक के पश्चात एक पशुपालक किसानों के लिए लगातार योजनाएं जारी करती आ रही है। इसी कड़ी में एक बार फिर से योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पशुपालकों को तोहफा दिया है। 

राज्य में शीघ्र ही नंदिनी कृषक समृद्धि योजना की शुरुआत होने जा रही है। इसकी जानकारी स्वयं पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने प्रदान की है।

नंदिनी कृषक समृद्धि योजना

नंदिनी कृषक समृद्धि योजना का आरंभ नंद बाबा दुग्ध मिशन के अंतर्गत किया जा रहा है। इसको लेकर मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है, कि नंद बाबा दुग्ध मिशन के अंतर्गत प्रदेश में श्वेत क्रांति का आगाज होगा। 

इसके लिए 'नंदिनी कृषक समृद्धि योजना' चालू करने का प्रस्ताव किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत किसानों और पशुपालकों को 25 देशी उन्नतशील प्रजतियों की गायें मुहैय्या कराई जाऐंगी, जिससे दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हो सकेगी।

इसके साथ-साथ श्वेत क्रांति का सपना साकार हो सकेगा। नंदिनी कृषक समृद्धि योजना का उद्देश्य देशी प्रजाति को प्रोत्साहन देना एवं कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के माध्यम किसानों और पशुपालकों को आर्थिक तौर पर समृद्ध बनाना है।

उम्मीद व्यक्त की जा रही है, कि यह योजना दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में मील का पत्थर सिद्ध हो सकती है।

नंद बाबा दुग्ध योजना का क्या उद्देश्य है

नंद बाबा दुग्ध मिशन का आरंभ इसी वर्ष 2023 में किया गया है। यह उत्तर प्रदेश के पशुपालकों को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने के लिए किया गया है। 

योगी सरकार इस योजना पर 1000 रुपए का बजट आवंटित करेगी। इस मिशन के अंतर्गत वर्तमान में नंदिनी कृषक समृद्धि योजना का आरंभ होने वाला है।

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नंद बाबा दुग्ध योजना के अंतर्गत पशुपालकों को दूध का समुचित भाव प्रदान किया जाएगा, जिससे किसानो की आमदनी में इजाफा होगा। 

इस योजना के अंतर्गत पशुपालक किसानों के अपने इलाके में दूध को बेचने की समुचित व्यवस्था की जाऐगी। बतादें, कि दूध विक्रय करने का प्रबंध दुग्ध उत्पादन सहकारी समितियों के जरिए ही किया जाएगा। यानी की फिलहाल पशुपालकों को दूध बेचने के लिए अपने क्षेत्र से कहीं दूर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

VST टिलर्स ट्रैक्टर्स कंपनी ने अपनी कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर्स की नई 9 सीरीज लॉन्च की

VST टिलर्स ट्रैक्टर्स कंपनी ने अपनी कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर्स की नई 9 सीरीज लॉन्च की

भारत के अग्रणी कृषि उपकरण निर्माता वीएसटी टिलर्स ट्रैक्टर्स लिमिटेड ने 9 अगस्त बुधवार को 18 एचपी से ऊपर के कॉम्पैक्ट ट्रैक्टरों की सीरीज 9 रेंज के लॉन्च की घोषणा की। कंपनी ने देश में 4WD कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर सेगमेंट में अपनी अग्रणी स्थिति को और अधिक स्थापित करने के उद्देश्य से अपने होसुर प्लांट में ट्रैक्टरों की नई श्रृंखला को विकसित किया है। 

इस सीरीज में होंगे 18HP से 36HP श्रेणी के ट्रैक्टर 

कंपनी की तरफ से 18HP से 36HP की रेंज में 6 नए मॉडल इसी महीने से उपलब्ध होंगे। इन नए  ट्रैक्टरों के नाम "9", से शरू है इसलिए इस सीरीज का नाम सीरीज 9 रखा गया है। इस सीरीज में  6 ट्रैक्टर है ,वीएसटी 918 (18.5 एचपी), वीएसटी 922 (22 एचपी), वीएसटी 927 (24 एचपी), वीएसटी 929 (28 एचपी), वीएसटी 932 (30 एचपी), वीएसटी 939 (36) आदि।     

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सीरीज 9 VST की एक एडवांस कॉम्पैक्ट रेंज है। इन ट्रैक्टरों का निर्माण अत्याधुनिक तकनीकी से किया गया है जिससे की किसानों को कार्य करने में आसानी हो सके। इस नयी सीरीज का निर्माण खास कर बागवानी, बागों, पारंपरिक खेती और ढुलाई जैसे अन्य कार्यों के लिए किया गया है। ये नयी सीरीज आकांक्षी किसानों की सभी जरूरतों को पुरा करेगी।     

नयी सीरीज के ट्रैक्टरों के फीचर्स और स्पेसिफिकेशन    

इस नई सीरीज में आधुनिक फीचर्स है। इन ट्रैक्टरों में बहुत सारे नए फीचर्स है जैसे की स्वतंत्र पीटीओ , MID पीटीओ, रिवर्स पीटीओ, फुल्ली सिंक्रोमेश गियरबॉक्स, इलेक्ट्रो - हाइड्रोलिक्स कंट्रोल्स (EHC) इनके अलावा कई ट्रैक्टर मॉडलों में ड्यूल ट्रैक का भी ऑप्शन है। इस सीरीज की नई एडवांस तकनीकी चालक को अच्छा कण्ट्रोल और आराम प्रदान करेंगी। ट्रैक्टर्स में इलेक्ट्रो - हाइड्रोलिक्स कंट्रोल्स (EHC) फीचर होने से चालक एक बटन दबा कर उपकरणों को नियंत्रित कर सकता है। इन ट्रैक्टरों का narrow ट्रैक और छोटा टर्निंग रेडियस चालक को कम जगह में ट्रैक्टर को घुमाने की अनुमति देता है। 
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री ने कृषि भवन में ''पीएम किसान चैटबॉट'' (किसान ई-मित्र) का अनावरण किया

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री ने कृषि भवन में ''पीएम किसान चैटबॉट'' (किसान ई-मित्र) का अनावरण किया

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री द्वारा कृषि भवन में "PM Kisan AI Chatbot (Kisan e-Mitra)" को लॉन्च करते हुए कहा है, कि किसानों को होने वाली असुविधाओं का निराकरण करने के लिए यह बेहद कारगर सिद्ध होगा। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने आज AI Chatbot लॉन्च किया, जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का भाग है। AI Chatbot का उद्घाटन पीएम-किसान योजना को ज्यादा प्रभावी बनाने एवं किसानों को उनके सवालों का त्वरित, स्पष्ट एवं सही उत्तर देने में एक महत्वपूर्ण कदम है। बतादें, कि इस दौरान राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है, कि कृषि क्षेत्र को तकनीक से जोड़ने का यह महत्वपूर्ण कदम कृषकों के जीवन में व्यापक बदलाव लाने वाला है। कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अच्छे शासन के अंतर्गत तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का आह्वान किया है। दरअसल, आज की गई कार्रवाई इसमें कामयाब होगी। ड्रोन के जरिए से खेती करने की तकनीक का प्रभाव है, जिससे युवा कृषि की ओर आकर्षित हो रहे हैं। यही वजह है कि भारत के कृषि क्षेत्र में नए-नए उद्यम चालू हो रहे हैं।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री ने क्या कहा है

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री ने राज्य के अधिकारियों से कहा है, कि वह किसानों को AI चैटबॉट का इस्तेमाल करने के लिए प्रशिक्षण दें। बतादें, कि समुचित निगरानी रखें एवं प्रारंभिक दौर में आने वाली किल्लतों का तुरंत प्रभाव से समाधान करें। उन्होंने इस कवायद को मौसम, फसल नुकसान, मृदा की स्थिति, बैंक भुगतान इत्यादि से जोड़ने पर विशेष जोर दिया।

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AI Chatbot शीघ्र 22 भाषाओं में उपलब्ध होगा

AI Chatbot को पीएम-किसान शिकायत प्रबंधन प्रणाली में शुरू करने का उद्देश्य किसानों को एक सुगम और सरल प्लेटफार्म देना है। AI Chatbot अपने विकास के प्रथम चरण में किसानों को उनके आवेदन की स्थिति, भुगतान विवरण, अपात्रता की स्थिति एवं अन्य योजना-संबंधी अपडेट प्राप्त करने में मदद करेगा। पीएम-किसान लाभार्थियों की भाषाई एवं क्षेत्रीय विविधता को पूरा करते हुए AI Chatbot को पीएम-किसान मोबाइल एप में भाषिनी के साथ एकीकृत किया गया है। दरअसल, वर्तमान में चैटबॉट छह भाषाओं में मौजूद है, जिनमें अंग्रेजी, हिंदी, बंगाली, उड़िया एवं तमिल शम्मिलित हैं। शीघ्र ही यह देश की 22 भाषाओं में उपलब्ध होगा।
भारत सरकार ने एकीकृत योजना का अनावरण किया, जानें इससे किसानों को क्या फायदा होगा

भारत सरकार ने एकीकृत योजना का अनावरण किया, जानें इससे किसानों को क्या फायदा होगा

भारत सरकार द्वारा एकीकृत योजना लॉन्च की गई है। किसानों के हित में आए दिन केंद्र एवं राज्य सरकारें अपने अपने स्तर से योजनाएं जारी करती रहती हैं। इस बार किसानों के लिए केंद्र सरकार ने UPAg लॉन्च की है। आज हम अपने इस लेख में जानेंगे कि क्या एकीकृत योजना से किसानों की आमदनी पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है, कि किसी तरह से किसानों की आय दोगुनी की जाए। कृषि मंत्रालय द्वारा लॉन्च एकीकृत पोर्टल UPAg में कृषि से संबंधित जानकारियां मौजूद होंगी। यह एक डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का एक महत्वपूर्ण अंग बनेगा। भारत सरकार ने देश के किसानों के लिए कृषि से जुड़ा एक यूनिफाइड पोर्टल लॉन्च किया है। यह एकीकृत पोर्टल (UPAg) कृषि के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का एक महत्वपूर्ण घटक है। खेती से संबंधित आकड़ों को इकट्ठा कर यह पोर्टल एक सुचारु सुविधा प्रदान करेगा।

यूनिफाइड पोर्टल का काम क्या है

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि इस पोर्टल का प्रमुख उद्देश्य खेती से संबंधित मानकीकृत एवं सत्यापित आंकड़ों की कमी से जुड़ी चुनौतियों को दूर करना एवं उससे संबंधित सही-सटीक आंकड़ों को प्रस्तुत करना है। यह नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं एवं अंशधारकों के लिए खेती से संबंधित समस्याओं को कम करेगा। भारत सरकार ने UPAg (कृषि सांख्यिकी के लिए एकीकृत पोर्टल) का अनावरण किया है। कृषि मंत्रालय के मुताबिक, कृषि क्षेत्र में डेटा प्रबंधन को कारगर बनाने एवं खेती से जुड़ी कई तरह की सूचनाओं को सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है। यह पोर्टल एक ज्यादा कुशल एवं उत्तरदायी कृषि नीति ढांचे की स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम प्रदान करता है।

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एकीकृत स्त्रोत का होगा डेटा

भारत सरकार के पास कृषि से जुड़े किसी डेटा की एकीकृत जानकारी नहीं है। साथ ही, खेती से संबंधित विभिन्न स्रोत भी बिखरे हुए हैं। ऐसी स्थिति में इस यूनिफाइड पोर्टल का उद्देश्य डेटा को एक मानकीकृत प्रारूप में समेकित कर इसको ठीक करना है। ताकि उपयोगकर्ताओं के लिए इसे सुगमता से पहुंचाया जा सके। साथ ही, खेती से संबंधित विभिन्न कार्यो की सही और सटीक सुनिश्चित समझ विकसित की जा सके।
किसान क्रेडिट कार्ड के उपयोग से कृषक इस तरह कम ब्याज पर कृषि ऋण प्राप्त कर सकते हैं

किसान क्रेडिट कार्ड के उपयोग से कृषक इस तरह कम ब्याज पर कृषि ऋण प्राप्त कर सकते हैं

किसान क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करके कृषक भाई-बहन कम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए उनको बैंक जाकर यहां दिए गए कागजात जमा करने पड़ेंगे। किसानों की सहायता के लिए सरकार ने विभिन्न योजनाएं चला रखी हैं। इन योजनाओं के सहयोग से भारत भर के लाखों कृषकों को फायदा भी मिल रहा है। कृषक भाइयों को कृषि के दौरान आर्थिक समस्याओं का सामना ना करना पड़े, इसके लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना चलाई जा रही है। योजना के अंतर्गत किसान भाइयों को ऋण की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि पूर्व में सिर्फ खेती करने वाले कृषकों को ही योजना के अंतर्गत फायदा दिए जाने की व्यवस्था थी। परंतु, वर्तमान में मछली पालन और पशुपालन करने वाले कृषक भाइयों को भी इस योजना के अंतर्गत फायदा दिया जा रहा है। किसान भाई फसल प्रबंधन के अतिरिक्त डेयरी के कार्यों एवं पंप सेट इत्यादि खरीदने के लिए भी ऋण ले सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत सरकार ने ये इंतजाम किया है, कि कृषकों पर ब्याज का ज्यादा दबाव ना पड़ सके। ब्याज के बढ़ जाने के कारण खेती की लागत भी काफी बढ़ जाती है, जिसकी वजह से किसान भाई कर्जा के भार में भी फंस जाते हैं। इससे किसानों को निजात देने के लिए बैंकों के रेगुलर कर्ज से बहुत कम ब्याज केसीसी पर लिया जाता है।

कम ब्याज पर कृषि ऋण हेतु आवश्यक दस्तावेज

किसान भाइयों यदि आप कम ब्याज पर कृषि ऋण लेना चाहते हैं, तो आपके पास पहचान प्रमाण पत्र जैसे कि मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि होना अत्यंत आवश्यक है। इसके साथ ही जमीन के दस्तावेज और आवेदक का पासपोर्ट साइज का फोटो होना भी बेहद जरूरी होता है।

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किसान भाई इस प्रकार आवेदन करें

किसान भाईयों को आवेदन करने के लिए प्रमाण पत्र, फोटो और भरा हुआ आवेदन पत्र बैंक में जमा करने पर किसान क्रेडिट कार्ड जारी होगा। आवेदन पत्र जमा करने के 15 दिन के भीतर KCC जारी हो जाएगा।

केसीसी लोन की ब्याज दर दो फीसद से लेकर औसतन 4 फीसद तक होती है

केसीसी लोन ब्याज दो प्रतिशत से आरंभ होती है। ये औसतन 4 प्रतिशत तक जाता है। ब्याज दर इस बात पर भी निर्भर करती है, कि किसान भाई केसीसी का लोन कितने समय में चुका पाते हैं। अगर किसान भाई कम वक्त में ही भुगतान करें, तो उन्हें तीन लाख रुपये तक का कर्ज बेहद ही आसान 4 प्रतिशत की दर से मिल सकता है। इसके साथ-साथ इसमें इंश्योरेंस का फायदा भी किसानों को मिलता है।