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Soil Health card scheme

शानदार उपज पाने के लिए सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के जरिए मिट्टी की जांच कराऐं

किसान भाई बेहतरीन फसल पैदावार के लिए खेत की मृदा की जांच अवश्य कराएं। मृदा की जाँच कराने हेतु सॉइल हेल्थ कार्ड बनवाना पड़ेगा। किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार विभिन्न योजनाएं चला रही हैं। किसान फसल की बेहतरीन उपज प्राप्त कर सकें।…

जानें किस वजह से हरियाणा को मिला स्कॉच गोल्ड अवार्ड

कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में अनेकों उपलब्धियां प्राप्त करने के उपरांत हरियाणा ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card Scheme; Mrida Swasthya Card) एवं फसल क्लस्टर विकास जैसे कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर स्कॉच गोल्ड अवार्ड हासिल…

22 करोड़ से ज्यादा किसानों को बांटे गए सॉइल हेल्थ कार्ड, जानिए क्यों है ये इतने महत्वपूर्ण

5 दिसम्बर को विश्व मृदा दिवस कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जानकारी साझा करते हुए बताया है, कि अभी तक देश में 22 करोड़ से ज्यादा किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड बांटे जा चुके हैं। इसके साथ ही कृषि मंत्री तोमर ने अपने ट्विटर अकाउंट से…

इस वैज्ञानिक विधि से करोगे खेती, तो यह तिलहन फसल बदल सकती है किस्मत

नई वैज्ञानिक तकनीकों के माध्यम से तिलहनी फसल मूंगफली की खेती देगी अच्छा मुनाफा पिछले कुछ समय से टेक्नोलॉजी में काफी सुधार की वजह से कृषि की तरफ रुझान देखने को मिला है और बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों को छोड़कर आने वाले युवा भी, अब…

हरियाणा के 10 जिलों के किसानों को दाल-मक्का के लिए प्रति एकड़ मिलेंगे 3600 रुपये

ढैंचा, मक्का के लिए प्लान झज्जर, रोहतक और सोनीपत के खेतों में नहीं भरेगा पानी बीस हजार एकड़ जमीन पर जलभराव की समस्या का होगा निदान हरियाणा में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (Rashtriya Krishi Vikas Yojana (RKVY)) के अंतर्गत कृषि और किसान…

Soil Health card scheme: ये सॉइल हेल्थ कार्ड योजना क्या है, इससे किसानों को क्या फायदा होगा?

"Swasth Dharaa. Khet Haraa." - Healthy Earth. Green Farm. सॉयल हेल्थ कार्ड योजना को भारतीय सरकार द्वारा 19 फरवरी 2015 में शुरू किया गया. इस योजना का मुख्य उद्देश्य मिट्टी के पोषक तत्वों की जांच करना है. यदि किसानों को पता होगा कि उन्हें…

खेती की लागत घटाएगा मृदा कार्ड

स्वायल हेल्थ कार्ड किसानों की आय बढ़ाने के अलावा खेती की लागत को करने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित हो सकता है। जरूरत इस बात की है कि यह हर किसान का बने और कमसे कम हर तीसरे साल में हर किसान के खेत के नमूने की जांंच हो जाए। भारत…

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