किसान इन तीन पत्तों के कारोबार से अच्छी खासी आमदनी कर सकते हैं

By: MeriKheti
Published on: 16-May-2023

वर्तमान की नई पीढ़ी को शायद साखू के पत्तों के विषय में जानकारी भी नहीं होगी। एक दौर था जब वैवाहिक कार्यक्रमों में इसके पत्ते का उपयोग प्लेट के तौर पर किया जाता था। भारत में विभिन्न तरह की खेती की जाती है। भिन्न-भिन्न सीजन और रीजन के अनुरूप यहां किसान अपनी फसल का चयन करते हैं। बहुत सारे लोग पारंपरिक खेती से इतर फूलों का उत्पादन करते हैं, तो कुछ किसान सब्जियों का उत्पादन करते हैं। साथ ही, कुछ लोग फलदार पेड़ लगाकर उससे आमदनी अर्जित करते हैं। हाल ही में जड़ी बूटियों की खेती से भी बेहतरीन मुनाफा अर्जित किया जा रहा है। परंतु, हम आज जिस खेती के विषय में चर्चा कर रहे हैं, वो पत्ते हैं। जी हां, पत्ते, जिन्हें अक्सर किसी काम का नहीं समझा जाता। परंतु, यह तीन पत्ते आपके भाग्य को चमका सकते हैं। पूरे साल इनकी इतनी मांग रहती है, कि यदि आपने इनकी खेती कर ली तो मालामाल हो जाएंगे।

पान के पत्तों से अच्छी आमदनी होगी

बनारस के पान के संबंध में तो आपने अवश्य सुना ही होगा। परंतु, यह बनारस का पान पनवाड़ी के पास किसी खेत से ही आता है। बतादें, कि पान की मांग अब उत्तर भारत से निकल कर संपूर्ण विश्व में हो रही है। इसके औषधीय लाभों ने लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है। गुटका खाने वाले लोग भी अब इसके स्थान पर पान को विकल्प बना रहे हैं। भारत सहित दुनियाभर में पान विभिन्न तरह के निर्मित किए जाते हैं, उसी प्रकार से पान के पत्ते के भी विभिन्न प्रकार के होते हैं। यदि आप भी पान से धन अर्जित करना चाहते हैं, तो आज ही इसकी खेती का प्रशिक्षण लीजिए और इन्हें अपने खेतों में उत्पादित करना आरंभ कर दीजिए। ये भी पढ़े: बनारस के अब तक 22 उत्पादों को मिल चुका है जीआई टैग, अब बनारसी पान भी इसमें शामिल हो गया है

साखू के पत्तों से कमाऐं

आजकल की नई पीढ़ी को साखू के पत्तों के विषय में शायद ही पता होगा। एक वक्त था जब वैवाहिक कार्यक्रम में इसके पत्ते का उपयोग प्लेट के तौर पर किया जाता था। उत्तर भारत एवं पहाड़ी क्षेत्रों में यह बेहद लोकप्रिय है। जब से लोगों के अंदर जागरुकता और समझदारी आई है। डिस्पोजल को छोड़ कर पुनः नेचर की ओर लौट रहे हैं। इस वजह से साखू के पत्तों की मांग विगत कुछ वर्षों में बढ़ी है। सबसे खास बात यह है, कि एक ओर जहां आप साखू के पत्तों से आमदनी करते हैं। साथ ही, दूसरी ओर आप इसकी लकड़ी को बेचकर भी लाखों रुपये की आमदनी की जा सकती है। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि साखू की लकड़ी की मांग भारत सहित विदेशों में भी सदैव बनी रहती है।

केले के पत्ते से कमाऐं

केले के पत्तों का उपयोग खाना खाने के लिए किया जाता है। दक्षिण भारत में इसकी मांग बेहद अधिक होती है। परंतु, फिलहाल भारत के अन्य इलाकों में भी केले के पत्तों की मांग में इजाफा हुआ है। दरअसल, साउथ इंडियन रेस्टोरेंट भारत के प्रत्येक इलाके में तीव्रता से खोले जा रहे हैं। अधिकांश साउथ इंडियन रेस्टोरेंट फिलहाल अपने ग्राहकों को ऑथेंटिक भोजन खिलाना चाहते हैं। इसके लिए वह उस भोजन को परोसने के लिए केले के पत्ते का उपयोग कर रहे हैं। यही वजह है, कि दक्षिण भारत के साथ-साथ उत्तर भारत और देश के बाकी इलाकों में भी केले के पत्तों की मांग बढ़ी है। केले की खेती में सर्वोत्तम बात यह है, कि अब इसका हर हिस्सा बिक जाता है। केला, केले का पत्ता यही नहीं वर्तमान में कुछ लोग इसके तने तक भी खरीद रहे हैं। दरअसल, केले के तने से एक फाइबर उत्पन्न हुई है, जो काफी ज्यादा मजबूत होता है। यही कारण है, कि कुछ लोग केले के तने को भी खरीद रहे हैं।

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