मौसम के मिजाज को समझ कर करें कृषि कार्य

By: MeriKheti
Published on: 21-Jan-2020

खेती के काम के लिए यदि मौसम भी भांप लिया जाए तो उत्पादन में इजाफा हो सकता है। इस समय मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। अनेक इलाकों में बरसात होने की संभावना है। इस तरह की जानकारी हासिल करने के लिए एक्वावेदर जैसी कई साइट हैं जिनसे अपने इलाके के मौसम का सटीक हाल जाना जा सकता है। अब ग्रामीण अंचल में भी लोग एन्ड्रायड फोन का उपयोग करते हैं। इस फोन की मदद से मौसम का हाल जाना जा सकता है और पूर्वानुमान के अनुसार खेती किसानी के काम काज किए जा  सकते हैं। अब बात कर रहे हैं इस सीजन की फसालों के सामयिक कार्यों की।

   

 इस सीजन की फसलों में मुख्य रूप से गेहूं की खेती बड़े इलाके में हो रही हैं। हिन्दुस्तान में विंटर व्हीट किस्में हैं। इनके कल्ले बनने के लिए ठंड का लम्बे समय तक पड़ना अच्छा रहता है। गेहूं में चार से पांच पानी की जरूरत होती है। मौसम के बदलाव को ध्यान में रखते हुए सिंचाई का पानी भी बचाया जा सकता है और ज्यादा पानी लगने से फसल के विकास पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव से भी बचा जा सकता है। सबसे ज्यादा जरूरत फसल के विकास की है। इफको कंपनी का सागरिका तरल एवं दानेदार फार्म में मिलता है। तरल का छिड़काव एवं दानेदार का बुरकाव फसल में यदि 60 दिन की अवस्था तक दो बार प्रयोग कर लिया जाए तो फसल बेहद अच्छी और मजबूत होगी। जमीन में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए खाद की पहली और दूसरी खुराक के साथ शूक्ष्म पोषक तत्वों का मिश्रण प्रयोग में ​लाया जा सकता है। बाली निकलने व दाना बनने की अवस्था पर टिल्ट जैसे फफूंदनाशक का प्रयोग कर चमक और उत्पादन दोनों का बढ़ाया जा सकता है। भवानी सीड्स एण्ड बायोटेक के अंकित अग्रवाल की मानें तो हर किस्म की उपज क्षमता निश्चित है। उससे ज्यादा उपज नहीं मिल सकती। अच्छी क्रियाओं से किस्म की क्षमता का पूरा दोहन कर सकते हैं।

   

 इसके अलावा सरसों की फसल के लिए ठंड और लम्बे समय तक बिगड़ा हुआ मौसम का मिजाज घातक होता है। सरसों को मौसम के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए सल्फर आधारित ग्रोथ हार्मोन्स का प्रयोग किया जाना चाहिए। राजस्थान में थायोयूरिया का बहुतायत में प्रयोग इसी लिए किया जाता है। राष्ट्रीय सरसों अनुसंधान निदेशालय के वरिष्ठ बैज्ञानिक डा0 अशोक कुमार के अनुसान पानी लगाने से बचें। फफूंद जनित रोगों से बचाव के लिए प्रभावी दवाओं का छिड़काव करें। मौसम के हाल से किसान हर समय रूबरू रहें तो फसल नुकसान से बच सकते हैं।

   

 आलू की फसल की काफी बड़े क्षेत्र में लगाई जाती है। अगेती हा​इब्रिड आलू की खुदाई हो चुकी है या हो रही है। कोल्ड में भण्डारण योग्य आलू अभी खेतों में है। इसे मौसम की मार से बचने के लिए जरूरी फफूंद नाशक एवं वेक्टेरियल ब्लाइट नाशक दवाओं का प्रभावी प्रयोग करें। खेत में लगातार हल्की नमी बनाए रखें। तापामान में ज्यादा गिरावट दिखे तो खेत के चारों कोनों पर रात के समय धुआं करें। ​यदि आलू खुदने लायक हो तो इस समय रेट अच्छा मिल रहा है, बाजार में बेच सकते हैं।

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