अब नहीं रिसेगा पानी, प्लास्टिक फार्म पॉन्ड योजना से खेतों में बनेगा तालाब

अब नहीं रिसेगा पानी, प्लास्टिक फार्म पॉन्ड योजना से खेतों में बनेगा तालाब

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किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार पुरजोर कोशिश में है। जिसके चलते कई तरह की योजनाओं पर भी काम किया जा रहा है। जिसमें से एक है प्लास्टिक फार्म पॉन्ड योजना। इस योजना के अंतर्गत सरकार अनुदान भी दे रही है।

बारिश का पानी इकट्ठा करके खेती के लिए इस्तेमाल करने के हिसाब से राजस्थान सरकार ने एक नई योजना पेश की है। इस योजना का नाम प्लास्टिक फार्म पॉन्ड है। प्लास्टिक फार्म पॉन्ड योजना के तहत किसानों एक लाख से भी ज्यादा का अनुदान राजस्थान सरकार की ओर से दिया जा रहा है। आपको बता दें की पहली बार गंगापुर सिटी एरिया में रेतीली जमीन पर प्लास्टिक लाइन फार्म पॉन्ड को बनाया गया है। इस पॉन्ड में आने वाले दिनों में बारिश के पानी को इकट्ठा करने में मदद मिलेगी। साथ ही, पानी जमीन में नहीं रिस पाएगा। जिसके बाद किसान भाई बारिश के पानी को जल संरक्षण के तौर पर खेती या फिर मछली पालन में इस्तेमाल कर पाएंगे।

दो साल से थी बड़ी चुनौती

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गंगा सिटी का यह सबसे रेतीला इलाका है। जहां फार्म पॉन्ड बनाना कृषि अधिकारियों के लिए करीब दो साल से चुनौती से भरा हुआ था। इसके अलावा इस विभाग के अंतर्गत लगभग दो दर्जन गांव स्थित हैं। जिनकी जमीन रेतीली है। पानी की किल्लत के चलते यहां की फसलों की सिंचाई के लिए किसान को बारिश पर ही निर्भर रहना पड़ता है।

सरकार की स्कीम पर किसानों को नहीं था इंटरेस्ट

आपको बतादें कि किसानों की इस समस्या को देखते हुए प्रदेश की सरका ने रेतीली जमीन में खेती किसानी करने वाले किसानों के लिए दो साल पहले ही प्लास्टिक फार्म पॉन्ड की स्कीम दी थी। लेकिन इस तरफ किसानों का कोई खास इंटरेस्ट नहीं था, जिसे देखते हुए विभागीय अधिकारीयों ने भी अपने कदम पीछे ले लिए।

नये सहायक कृषि अधिकारी ने किया प्रेरित

प्रदेश के गंगा सिटी इलाके में नये सहायक कृषि अधिकारी ने इस समस्या को चुनौती की तरह लिया और किसानों को सरकार की इस योजना के प्रति प्रेरित किया। जिसके कुछ दिनों के बाद ही उनकी मेहनत रंग लाने लगी और सलेमपुर गांव में किसानों ने फार्म पॉन्ड बनवा दिया। जिसके लिए करीब 20 मीटर की लम्बाई और चौड़ाई के साथ तीन मीटर की गहराई की गयी।

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किसान कैसे उठा सकते हैं लाभ?

अगर किसान प्लास्टिक फार्म पॉन्ड योजना का फायदा उठाना चाहते हैं, तो उनके पास करीब 0.3 हेक्टेयर की जमीन और खेत का नक्शा होने के साथ ट्रेस और जन आधार कार्ड बैंक अकाउंट डिटेल सहित मोबाइल नंबर अपडेट होना चाहिए। इसके साथ ही किसानों को विभाग की तरफ से करीब एक लाख या उससे ज्यादा का अनुदान भी दिया जाता है। अगर किसानों ने इसके लिए आवेदन नहीं किया है, तो वह फार्म पॉन्ड योजना का फायदा भी नहीं उठा पाएंगे।

क्या कहते हैं कृषि अधिकारी?

कृषि अधिकारी के मुताबिक प्लास्टिक फार्म पॉन्ड बनाने के लिए सितंबर से अक्टूबर महीने में किसानों से संपर्क करके उन्हें शार्टलिस्ट किया गया है। इसके लिए किसानों को लगातार प्लास्टिक फार्म पॉन्ड बनाने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। राज्य सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्लास्टिक फार्म पॉन्ड में मछली पालन की परमिशन भी दे रखी है। इससे पहले प्लास्टिक फार्म पॉन्ड में किसान मछली पालन का काम नहीं कर सकते थे। अगर वो ऐसा करते भी थे तो, सख्त कारवाई भी की जाती थी। लेकिन किसानों की इनकम बढ़े इसके लिए राज्य सरकार नया प्रोविजन ला चुकी है।

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