बुवाई से कटाई तक हर चरण की योजना बनाएं. इसमें बीज चुनाव, खाद की मात्रा, सिंचाई का समय आदि शामिल करें.
पुराने या टूटे हुए उपकरण न केवल समय बर्बाद करते हैं, बल्कि उपज को भी कम कर सकते हैं. आधुनिक खेती के लिए उपयुक्त हलों, कultiवेटर आदि का इस्तेमाल करें.
नियमित रूप से मिट्टी की जांच करवाएं. उपजाऊ बनाए रखने के लिए जैविक खाद और पोषक तत्वों का संतुलित प्रयोग करें.
खेत के हर हिस्से में बीज, पानी और खाद का सही मात्रा में इस्तेमाल करें. इससे लागत कम होगी और पैदावार ज्यादा.
अपने क्षेत्र के लिए उपयुक्त, रोग-प्रतिरोधी किस्मों के बीजों का चुनाव करें. कृषि विभाग या अनुभवी किसानों से सलाह लें.
फसलों पर नजर रखें और जरूरत पड़ने पर ही प्राकृतिक कीटनाशकों का प्रयोग करें. रासायनिक कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग से बचें.