एलोवेरा की खेती: कम लागत में ज़्यादा मुनाफा पाने की सम्पूर्ण जानकारी
एलोवेरा जैल का उपयोग घरेलू औषधि के रूप में व्यापक रूप से किया जाता है, इसलिए इसे 'फर्स्ट-एड प्लांट' या 'मेडिसिन प्लांट' भी कहा जाता है। यह जैल जलन, घाव और धूप से प्रभावित त्वचा पर राहत देने के लिए लगाया जाता है।
यह तटीय रेतीली और दोमट मिट्टी में अच्छी पैदावार देता है। मिट्टी का पीएच 8.5 तक होना उपयुक्त होता है, लेकिन जलभराव और क्षारीय मिट्टी इसकी वृद्धि के लिए हानिकारक हैं।
एक एकड़ खेत में लगभग 10 टन गोबर की खाद डालना उपयुक्त रहता है।
एलोवेरा की बुवाई सकर या राइजोम-कटिंग के माध्यम से की जाती है। 15-18 सेमी लंबी जड़ वाली कटिंग को इस तरह मिट्टी में लगाया जाता है कि दो-तिहाई हिस्सा मिट्टी में दबा हो।
बुवाई के 8 से 10 महीने बाद एलोवेरा की फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है।