भेड़ों का पालन करने से पहले इनकी नस्लों के बारे में जरूर जानें
भेड़ों में भी बहुत सारी नस्लें ऐसी होती हैं, जो ज्यादा कीमत की ऊन की पैदावार करने के साथ ही दूध उत्पादन के लिए पाली जाती हैं।
गद्दी नस्ल की भेड़
इस नस्ल की भेंड़ आकार में छोटी होती हैं। ये जम्मू के बहुत सारे क्षेत्रों में पाए जाते हैं। इस नस्ल को पालने की प्रमुख वजह ऊन है।
दक्कनी नस्ल की भेड़
यह नस्ल आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु एवं राजस्थान में पाई जाती है। इन भेड़ों को ऊन उत्पादन के लिए पाला जाता है। भेड़ की यह नस्ल भूरे और काले रंग की होती है।
मांड्या नस्ल की भेड़
यह अधिकांश कर्नाटक के मांड्या जनपद में पाए जाने वाली नस्ल हैं। यह भेड़ सफेद रंग की होती हैं। परंतु, कभी-कभी हल्के भूरे मुंह के साथ भी पाई जाती है।
नेल्लोर नस्ल की भेड़
नेल्लोर नस्ल की भेड़ मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में पाई जाती है। यह छोटे बालों के साथ आकार में लंबी होती हैं।
मारवाड़ी नस्ल की भेड़
मारवाड़ी नस्ल की भेड़ के पैर लंबे, काला चेहरा और उभरी हुई नाक होती है। पूंछ छोटी और नुकीली होती है।