कद्दू की खेती से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

भारत कद्दू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। इसका इस्तेमाल खाना बनाने और मिठाई बनाने के लिए किया जाता है।

कद्दू आंखों की रोशनी बढ़ाने में काफी सहायता करता है। इसको "हलवा कद्दू" या "कद्दू" के नाम से भी जाना जाता है और यह कुकुरबिटेसी परिवार से संबंधित है।

कद्दू की खेती (pumpkin farming) के लिए दोमट मृदा की बेहद आवश्यकता होती है, जिसमें जल निकास की अच्छी व्यवस्था हो और जो कार्बनिक पदार्थों से भरपूर हो।

– इसकी लताएँ मध्यम लंबी होती हैं, इसका तना कोणीय होता है और इसके पत्ते गहरे हरे रंग के होते हैं।

– कद्दू की खेती के लिए बेहतरीन ढ़ंग से तैयार भूमि की जरूरत होती है। मिट्टी को सही तरह से उपजाऊ बनाने के लिए स्थानीय ट्रैक्टर से जुताई की जरूरत पड़ती है।

– खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए निरंतर निराई-गुड़ाई या मृदा चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है। निराई कुदाल या हाथ के माध्यम से भी की जा सकती है।

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