जितना खेत,उतना मिलेगा यूरिया
यूरिया एवं डीएपी आदि
उर्वरकों
को सरकार किसानों के लिए सस्ती दर पर मुहैया कराती है लेकिन कुछ उद्योगों में भी इसका दुरुपयोग होता था।
सरकार धीरे धीरे किसानों को भी
यूरिया के उचित उपयोग
की आदी बनाना चाहती है।
अभी तक होता यह आया है कि परचून की दुकान की तरह दुकानदार किसानों को उनकी मांग के हिसाब से खाद देते रहे लेकिन अब यह हालात नहीं रहेंगे।
अब वह किसानों से उनकी खेती योग्य जमीन का ब्यौरा मांगेंगे ताकि उन्हें पता चल सके कि किसान जमीन से ज्यादा खाद तो नहीं ले गया।
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