प्याज की खेती में रखें इन बातों का ध्यान, कम लागत में कमाएं तगड़ा मुनाफा

प्याज की खेती के लिए उपजाऊ, बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी का pH स्तर 6.0 से 7.0 के बीच होना चाहिए।

अच्छी गुणवत्ता वाले प्रमाणित बीजों का चयन करें। बीज रोगमुक्त और उच्च उपज वाले होने चाहिए। स्थानीय जलवायु और किस्मों के अनुसार बीजों का चयन करें।

प्याज की बुवाई का समय क्षेत्र और किस्म पर निर्भर करता है। खरीफ फसल के लिए जून-जुलाई और रबी फसल के लिए अक्टूबर-नवंबर का समय आदर्श है।

प्याज की सिंचाई 10-15 दिनों के अंतराल पर करें। फसल के विकास के अंतिम चरण में सिंचाई से बचें, ताकि कंद सड़ने की समस्या न हो।

प्याज की फसल को पत्ता धब्बा रोग और थ्रिप्स कीट से बचाने के लिए जैविक या रसायनिक उपाय अपनाएं। समय-समय पर फसल का निरीक्षण करें।

जब प्याज के पत्ते सूखकर झुकने लगें, तो कटाई करें। कटाई के बाद प्याज को अच्छी तरह सुखाकर हवादार जगह पर संग्रहित करें।

मिट्टी की उर्वरता कैसे बनाए रखें?