जानें कठिया गेहूं की टॉप पांच उन्नत किस्मों के बारे में

हमारे भारत देश में किसान काफी बड़े स्तर पर गेहूं की खेती करते हैं, जिसको किसान बाजार में बेचकर ज्यादा मुनाफा हांसिल करते हैं।

कठिया गेहूं में विभिन्न प्रकार की बीमारियों से लड़ने हेतु पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं। इसके अतिरिक्त कठियां गेहूं आद्यौगिक इस्तेमाल के लिए बेहतर होता है।

एच.डी. 4728 (पूसा मालवी)

गेहूं की कठिया एच.डी.-4728 (पूसा मालवी) प्रजाति से किसान प्रति हेक्टेयर 5.42 से 6.28 टन तक उत्पादन हांसिल कर सकते हैं।

एच.आई. 8498 (पूसा अनमोल)

इस प्रजाति को किसान मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के इलाकों में सहजता से कर सकते हैं।

एच. आई. – 8381 (मालव श्री)

कठिया गेहूं की एच. आई. – 8381 (मालव श्री) प्रजाति से कृषक प्रति हेक्टेयर 4.0 से 5.0 टन तक उपज हांसिल कर सकते हैं।

किसानों के लिए कठिया गेहूं की टॉप पांच उन्नत प्रजातियों की जानकारी लेकर आए हैं, जो 100 से 120 दिन में पककर तैयार हो जाती है।