पपीता शीघ्र तैयार होने वाला लाभदायक फल है। इसमें कई पोषक तत्व भी पाए जाते है।
पपीते की खेती में पौधों को तैयार करने के लिए पहले पौधों को 10 सेमी ऊँची, 3 मीटर लम्बी और 1 मीटर चौड़ी क्यारी में या गमले या पालीथीन बैग में तैयार करते हैं।
पपीता एक शीघ्र बढने एवं फल देने वाला पौधा है जिसके करण आधिक तत्व क़ी आवश्यकता पड़ती है I
वर्षा ऋतू में वर्षा न होने पर पपीता को आवश्यकतानुसार सिचाना चाहिए, गर्मियों में 6 से 7 दिन और सर्दियों में 10-12 दिन के अंतराल पर सिचाना चाहिए, सिंचाई का पानी पौधे के सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिए।
फल को चिड़ियों से बचाना बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए उन्हें पकने से पहले ही तोड़ देना चाहिए ।
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