लैवेंडर के फूलों से तेल और अन्य उत्पाद बनाए जाते हैं जो धूप, सुगंधित तेल और कॉस्मेटिक्स में उपयोग होते हैं। इसके तेल को तनाव कम करने, नींद लाने और त्वचा को नरम बनाने के गुणों के लिए भी जाना जाता है।
खेती की विधि
लैवेंडर की खेती के लिए शुष्क और धूप से भरे इलाकों की जमीन अच्छी मानी जाती है। यह फूल अच्छे द्रव्य वाली मिट्टी में अच्छे से बढ़ता है।
समय
लैवेंडर की खेती का सबसे उत्तम समय मार्च से जून तक होता है। इस समय बोने जाते हैं और अगस्त से अक्टूबर के बीच में फूलते हैं। यह फूल धूप और अच्छी वायुवायु के मामले में अत्यंत संवेदनशील होता है।
संचय
लैवेंडर की पत्तियों और फूलों को धूप में सुखाया जाता है और फिर उन्हें तेल निकालने के लिए प्रक्रिया में डाला जाता है। इसके बाद, इस तेल को अलग-अलग उत्पादों में उपयोग किया जाता है।
भविष्य
लैवेंडर की खेती भविष्य में भारत में एक मुख्य फसल बन सकती है। इसका उपयोग अधिक हो रहा है और इसकी मांग भी बढ़ रही है।