टॉप तीन में आने वाली सरसों की इन किस्मों से होगा शानदार उत्पादन

रबी की तिलहनी फसलों के अंतर्गत मुख्य स्थान सरसों का है। यदि देखा जाए तो सरसों की फसल सीमित सिंचाई की स्थिति में ज्यादा फायदेमंद मानी जाती है।

सरसों की मुख्य तीन किस्मों की बात कर रहे हैं, जो कि क्रमशः एनआरसीडीआर-2, एनआरसीएचबी-506 हाइब्रिड और एनआरसीडीआर-601 हैं।

सरसों की इस उन्नत किस्म की खेती दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा एवं जम्मू और कश्मीर के किसान सुगमता से कर सकते हैं।

सरसों की एनआरसीडीआर-2 किस्म

एनआरसीएचबी-506 हाइब्रिड किस्म

सरसों की यह किस्म राजस्थान और उत्तर प्रदेश के इलाकों के लिए सबसे अच्छी होती है। इसके पौधे लंबाई में लगभग 180-205 सेमी तक होते हैं।

सरसों की एनआरसीडीआर-601 किस्म

सरसों की इस उन्नत किस्म का उत्पादन हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, पंजाब और दिल्ली के विभिन्न इलाकों में की जाती हैं।

सरसों की शानदार किस्मों का चयन करें एवं सही तरीके से खेती करें, तो वह कम समयावधि में ही सरसों की फसल से बेहतरीन पैदावार अर्जित कर सकते हैं।