भूमि की उत्पादन क्षमता बढ़ाते हैं जैव उर्वरक

फास्फोबैक्टीरिया और माइकोराइजा नामक जैव उर्वरक के प्रयोग से खेत में फास्फोरस की उपलब्धता में 20 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है।

जैविक खाद का जड़ोपचार में प्रयोग रोपाई वाली फसलों में करते हैं। 4 किलोग्राम जैव उर्वरक का 20-25 लीटर पानी में घोल बनाएं।

बीजोपचार, जड़ उपचार, व मृदा उपचार के रूप में 200 ग्राम प्रति 10-15 किग्रा बीज या 5 किग्रा प्रति हैक्टेयर के हिसाब से प्रयोग किया जा सकता है।

जैव उर्वरकों को धूप में कभी ना रखें। कुछ दिनों के लिए रखना हो तो मिट्टी के घड़े का प्रयोग बहुत अच्छा है।