पारंपरिक खेती छोड़ रोहित ने शुरू की जिरेनियम की खेती, अब कमा रहा है लाखों का मुनाफा

इस दौरान उनका ध्यान जिरेनियम की खेती पर गया। उन्हें जानकारी मिली कि जिरेनियम, लैवेंडर एवं लेमन ग्रास की भांति ही परफ्यूम प्लांट है।

जिरेनियम की खेती बीज से नहीं बल्कि कटिंग के माध्यम से की जाती है। जिरेनियम के शूट्स को नर्सरी में नवीन पौधे तैयार करने के लिए उपयोग करते हैं।

एक एकड़ में जिरेनियम के 12000 पौधे रोपे जाते हैं। इसके अतिरिक्त, जिरेनियम की सिंचाई के लिए ड्रिप इरीगेशन (drip irrigation) प्रणाली होनी चाहिए।

जिरेनियम खेती की पहली कटिंग के पश्चात प्रत्येक साढ़े तीन माह में इसकी फसल हांसिल की जा सकती है। इसके पौधे तीन वर्ष तक रहते हैं।