क्या हैं पंढरपुरी भैंस की विशेषताएं, दुग्ध उत्पादन क्षमता व कीमत ?

पंढरपुरी भैंस को विभिन्न नामों से जाना जाता है। ये विशेष तौर पर महाराष्ट्र के क्षेत्रों में पाई जाती हैं। वैसे तो भैंस की इस नस्ल की कई सारी विशेषताएं हैं।

भैंस के दूध में फैट की मात्रा ज्यादा होती है। इस वजह से बाजार में इसकी काफी ज्यादा मांग रहती है। वहीं, डेयरी उत्पादों में भी भैंस के दूध का काफी उपयोग किया जाता है।

पंढरपुरी भैंस प्रतिदिन 15 लीटर दूध प्रदान करती है।

पंढरपुरी भैंस की उत्पत्ति महाराष्ट्र के पंढरपुरी इलाके से हुई है। ऐसा कहते हैं, भैंस का नाम पंढरपुर गांव से पड़ा है, जो महाराष्ट्र के सोलापुर जनपद में मौजूद है। इसे पंधारी, महाराष्ट्र भैंस अथवा धारवाड़ी के नाम से भी जाना जाता है।

पंढरपुरी भैंस की पहचान एवं विशेषताएं इस प्रकार हैं

पंढरपुरी भैंस के सींग किसी तलवार की भांति नजर आते हैं। इनकी लंबाई लगभग 45 से 50 सेंटीमीटर तक होती है। सींग सिर से ऊपर की तरफ आते हुए अंदर की ओर मुड़ जाते हैं।

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