विश्व बैंक ने चावल की वैश्विक कीमतों में 2025 तक कोई गिरावट की संभावना जारी नहीं की है

चावल की कीमतों में बढ़ोतरी की मुख्य वजह अलनीनो का जोखिम जारी रहना है।

2024 तक वैश्विक बाजार में चावल के मूल्यों में 6 फीसद और महंगाई आने की संभावनाएं हैं।

अगस्त के माह में कम बारिश की वजह से 2023 में घरेलू बाजार के अंदर इस खरीफ सीजन में चावल की पैदावार कम होने की काफी संभावनाएं हैं।

भारत में चावल की कुछ प्रजातियों पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क है। साथ ही, बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य लागू है।

कैंद्र सरकार के इस सराहनीय कदम से वैश्विक बाजार में चावल के निर्यात में 40 फीसद तक आपूर्ति में गिरावट दर्ज की गई है।

विश्व के प्रमुख निर्यातकों और आयातकों के नीतिगत निर्णय और चावल पैदावार एवं निर्यात के बाजार में संकुचन से भी है।