Coffee Production: जानें भारत कॉफी उत्पादन के मामले में विश्व में कौन-से स्थान पर है

जानें भारत कॉफी उत्पादन के मामले में विश्व में कौन-से स्थान पर है

0

भारत कॉफी उत्पादन के मामले में दुनिया में 6वें नंबर पर है। भारत लगभग 8200 टन कॉफी का उत्पादन करता है। भारत के अंदर सबसे ज्यादा कॉफी का उत्पादन कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में होता है। इन राज्यों में किसान भाई सर्वाधिक कॉफी की खेती करते हैं। कॉफी के कुल पैदावार में कर्नाटक की भागीदारी 53 फीसद है।

बतादें, कि कॉफी की खपत दिनों दिन दुनिया भर में लगातार बढ़ती जा रही है। भारत के बड़े-बड़े शहरों में अधिकांश लोग चाय की तुलना में कॉफी पीना अधिक पसंद करते हैं। कॉफी की प्रोसेसिंग करके बहुत सारे सौंदर्य उत्पाद तथा खाने-पीने की चीजें भी निर्मित की जाती हैं। यही वजह है, कि सब्जी और फलों की भांति बाजार में कॉफी की मांग भी इजाफा होता जा रहा है। कॉफी की दुनियाभर में होने वाली मांग की आपूर्ति करने हेतु भारत के अतिरिक्त 6 देश और इसका उत्पादन करते हैं। इस वजह से किसान चाहें तो कॉफी की खेती करके आरंभ से ही अच्छा-खासा लाभ उठा सकते हैं।

भारत के इन राज्यों में सबसे ज्यादा कॉफी का उत्पादन किया जाता है

कॉफी की बेहतरीन गुणवत्ता वाली पैदावार लेने के लिये समुचित जलवायु एवं मिट्टी का होना अत्यंत आवश्यक होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, सम शीतोष्ण जमीन में इसकी खेती करना मुनाफे का सौदा साबित हो सकता है। भारत में केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक ही ऐसे राज्य है, जहां के बहुत सारे किसान सालों से कॉफी की खेती कर रहे हैं। बतादें, कि एक बार कॉफी की बुवाई-रोपाई करने के पश्चात तकरीबन 50-60 साल तक इसके बीजों की बेहतरीन पैदावार ली जा सकती है।

यह भी पढ़ें: चाय की खेती से जुड़ी विस्तृत जानकारी

जानें किस राज्य में कितने प्रतिशत कॉफी का उत्पादन किया जाता है

भारत कॉफी उत्पादन के मामले में 6वें नंबर पर आता है। भारत 8200 टन कॉफी का उत्पादन करता है। केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में किसान सर्वाधिक कॉफी की खेती करते हैं। कॉफी के कुल उत्पादन में कर्नाटक की भागीदारी 53 प्रतिशत है। इसी प्रकार तमिननाडु की भागीदारी 11 प्रतिशत एवं केरल की 28 प्रतिशत है। कॉफी की सबसे बड़ी विशेषता यह है, कि इसकी एक बार बिजाई करने पर इसके पेड़ से बहुत वर्षों तक कॉफी का उत्पादन ले सकते हैं।

विभिन्न राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर से कॉफी की खेती के लिए प्रोत्साहन देती हैं

वर्तमान में भारत सहित संपूर्ण विश्व में लोग चाय से अधिक कॉफी पीना पसंद कर रहे हैं। अब ऐसी स्थिति में कॉफी की मांग आहिस्ते-आहिस्ते बढ़ती जा रही है। परंतु, इसके उत्पादन में उस हिसाब से वृद्धि नहीं हो रही है। यदि पंजाब, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में किसान भाई कॉफी की खेती करते हैं, तो पारंपरिक फसलों की तुलना में उनको अधिक मुनाफा होगा। हालांकि, बहुत सारे राज्यों में वक्त-वक्त पर कॉफी की खेती करने के लिए कृषकों को अनुदान भी दिया जाता है। स्वयं छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में कॉफी की खेती करने के लिए किसानों को बढ़ावा दे रही है।

कॉफी बारिश से ही अपनी सिंचाई आवश्यकता पूर्ण कर लेती है

कॉफी की खेती के लिए गर्म मौसम सर्वाधिक उपयुक्त माना जाता है। दोमट मृदा में कॉफी का उत्पादन काफी अच्छा होता है। यदि किसान भाई चाहें, तो 6 से 6.5 पीएच मान वाली मृदा में कॉफी की खेती कर सकते हैं। जून और जुलाई माह में कॉफी के पौधों की बुवाई करना अच्छा रहेगा। सबसे खास बात किसान भाई कॉफी के खेत में सदैव उर्वरक के तौर पर जैविक खाद का ही उपयोग किया करते हैं। साथ ही, कॉफी की फसल की सिंचाई करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। यह बारिश के जल से अपनी आवश्यकता पूर्ण कर लेती है।

कॉफी के एक पेड़ से कितने वर्ष तक पैदावार ली जा सकती है

कॉफी की विशेषता यह है, कि इसके पौधों पर कीटों का संक्रमण भी बेहद कम होता है। रोपाई करने के 5 वर्ष पश्चात कॉफी की फसल तैयार हो जाती है। कॉफी के एक पेड़ से आप 50 वर्ष तक आमदनी कर सकते हैं। यदि किसान भाई एक एकड़ भूमि में कॉफी का बाग लगाते हैं, तो 3 क्विंटल तक उत्पादन मिलेगा। ऐसे में किसान कॉफी की खेती से अच्छा-खासा मुनाफा उठा सकते हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More