पपीते की खेती से कमाएं: स्वाद भी सेहत भी

पपीता को सौन्दर्य प्रशाधन के रूप में भी प्रयोग में लाया जाता है. जिस तरह से एलोवीरा, हल्दी आदि को सौंदर्य प्रसाधन के रूप में प्रयोग में लाया जाता है

फ़रवरी-मार्च से मई से अक्टूबर के मध्य विशेष रूप से पैदा होता है, क्योंकि इसकी सफल खेती के लिए 10 डिग्री से. से 40 डिग्री से. तापमान उपयुक्त है।

पपीते के 1 हेक्टेयर के लिए आवश्यक पौधों की संख्या तैयार करने के लिए परंपरागत किस्मों का 500 ग्राम बीज एवं उन्नत किस्मों का 300 ग्राम बीज की मात्रा की आवश्यकता होती है।

पपीते की फसल में पेड़ से पेड़ की एक निश्चित दूरी होती है. उसमे हम और फसल भी ले सकते है.