उत्तराखंड के शीतोष्ण जलवायु वाले क्षेत्रों में भी इसकी बागवानी सीमित क्षेत्र में होने लगी है।
केंद्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान के शोधकर्ताओं के अनुसार किसानों को इस की बागवानी के बारे में पूरी जानकारी का ना होना इसकी खेती के विस्तार में बाधक है ।
पैशन फल के पौधे मोक्षित है बीज द्वारा तैयार किए जाते हैं। बीजों की बुवाई फलों से निकलने के तुरंत बाद कर देनी चाहिए।
फलों की तोड़ाई के पश्चात सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया भंडारण की होती है। पके फलों को ज्यादा समय तक सामान्य तापमान पर भंडारित किया जा सकता है ।