भिंड़ी की खेती को प्रभावित करने वाले प्रमुख कीट एवं रोग

भारतीय किसान गेहूं कटाई के पश्चात अतिरिक्त आय करने के लिए सब्जियों की खेती करते हैं। इनमें सबसे ज्यादा खीरा, तोरई, बैंगन और भिंडी जैसी अन्य सब्जियों को उगाने में प्राथमिकता प्रदान करते हैं।

अगर हम गर्मी और बढ़ते तापमान से भिंडी की फसल को प्रभावित करने वाले रोगों की बात करें, तो इसमें चूर्णिल फफूंद रोग, पीला मोजैक, फल छेदक और कटुआ कीट इसकी फसल को बड़ी हानि पहुंचाते हैं।

चूर्णिल फफूंद रोग का प्रभाव सूखे मौसम में पत्तियों पर होता है। भिंडी की फसल में इस रोग के लगने से पत्तियों पर सफेद रंग की परत जमनी प्रारंभ हो जाती है।

चूर्णिल फफूंद रोग

भिंडी की फसल में पीला मोजैक रोग सफेद मक्खी के द्वारा फैलता है। इस रोग के चलते पत्तियों की शिराएं पीली पड़ने लग जाती हैं। यह रोग भिंडी की फसल में लगने के बाद फल के साथ-साथ पूरे पौधे को पीला कर देता है।

पीला मोजैक रोग

कटुआ कीट भिंडी की फसल में लगने के पश्चात काफी तीव्रता से इसको हानि पहुंचाते हैं। ये कीट लगने के बाद भिंडी के पौधे के तने को काटने लग जाता है। वहीं, पौधा टूटकर नीचे गिरने लग जाता है।

कटुआ कीट

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