अब उत्तर प्रदेश में होगी स्ट्रॉबेरी की खेती, सरकार ने शुरू की तैयारी
स्ट्रॉबेरी (strawberry) एक शानदार फल है। जिसकी खेती समान्यतः पश्चिमी ठन्डे देशों में की जाती है। लेकिन इसकी बढ़ती हुई मांग को लेकर अब भारत में भी कई किसान इस खेती पर काम करना शुरू कर चुके हैं। पश्चिमी देशों में स्ट्रॉबेरी की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है जो वहां पर किसानों के लिए लाभ का सौदा है। इसको देखकर दुनिया में अन्य देशों के किसान भी इसकी खेती शुरू कर चुके हैं। भारत में स्ट्रॉबेरी की खेती करना और उसे खरीदना एक स्टेटस का सिंबल है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार दिनोंदिन इस खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है। इसके लिए प्रदेश में नई जमीन की तलाश की जा रही है जहां स्ट्रॉबेरी की खेती की जा सके। [caption id="attachment_10376" align="alignright" width="225"]
ये भी पढ़ें: अब सरकार बागवानी फसलों के लिए देगी 50% तक की सब्सिडी, जानिए संपूर्ण ब्यौरा स्ट्रॉबेरी की खेती करना बेहद महंगा सौदा है। लेकिन इस खेती में मुनाफा भी उतना ही शानदार मिलता है जितनी लागत लगती है। स्ट्रॉबेरी की खेती में लागत और मुनाफे का अंतर अन्य खेती की तुलना में बेहद ज्यादा होता है। भारत में स्ट्रॉबेरी की एक एकड़ में खेती करने में लगभग 4 लाख रुपये की लागत आती है। जबकि इसकी खेती के बाद किसानों को प्रति एकड़ 18-20 लाख रुपये का रिटर्न मिलता है, जो एक शानदार रिटर्न है। प्रयागराज के जिला बागवानी अधिकारी नलिन सुंदरम भट्ट ने बताया कि एक हेक्टेयर (2.47 एकड़) खेत में लगभग 54,000 स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाए जा सकते हैं और साथ ही इस खेती में ज्यादा से ज्यादा जमीन का इस्तेमाल किया जा सकता है। [caption id="attachment_10375" align="alignleft" width="321"]

ये भी पढ़ें: बिहार सरकार की किसानों को सौगात, अब किसान इन चीजों की खेती कर हो जाएंगे मालामाल स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए रेतीली मिट्टी या भुरभुरी जमीन की जरुरत होती है। इसके साथ ही स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए 12 से लेकर 18 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान हो तो बहुत ही अच्छा होता है। यह परिस्थियां उत्तर भारत में सर्दियों में निर्मित होती हैं, इसलिए सर्दियों के समय स्ट्रॉबेरी की खेती किसान भाई अपने खेतों में कर सकते हैं और मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। इजरायल की मदद से भारत में अब ड्रिप सिंचाई पर भी काम तेजी से हो रहा है, यह सिंचाई तकनीक इस खेती के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि इस माध्यम से सिंचाई करने पर सिंचाई की लागत में किसान भाई 30 प्रतिशत तक की कमी कर सकते हैं। इसके साथ ही भारी मात्रा में पानी की बचत होती है। ड्रिप सिंचाई का सेट-अप खरीदना और उसे इस्तेमाल करना बेहद आसान है। आजकल बाजार में तरह-तरह के ब्रांड ड्रिप सिंचाई का सेट-अप किसानों को उपलब्ध करवा रहे हैं। [caption id="attachment_10377" align="alignright" width="300"]


