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फसल

रेशम किट पालन (सेरीकल्चर) क्या है: कैसे करें रेशम किट पालन?

रेशम किट पालन (सेरीकल्चर) क्या है: कैसे करें रेशम किट पालन?

रेशम उत्पादन को सेरीकल्चर कहते हैं, जिसमें रेशम के कीड़ों को पालकर उनसे रेशम का उत्पादन किया जाता है। भारत में रेशम की साड़ियां विशेष स्थान रखती हैं और यह बुनकरों की शिल्प कला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। रेशम किट पालन करके किसान अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकते हैं। यह एक प्राकृतिक रेशा है और इसे बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से किसानों को भरपूर सहयोग दिया जा रहा है।रेशम किट पालन एक लाभकारी व्यवसाय है जिसमें महिलाएं भी शामिल हो सकती हैं। सही मार्गदर्शन और ट्रेनिंग लेकर किसान इस व्यवसाय से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।रेशम उद्योग का...
भारत में विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों में उगाई जाने वाली फसलों के प्रकार

भारत में विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों में उगाई जाने वाली फसलों के प्रकार

भारत में विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों में उगाई जाने वाली फसलों को उनकी आवश्यकताओं और जलवायु परिस्थितियों के अनुसार वर्गीकृत किया जा सकता है। यहाँ हम आपको विभिन्न क्षेत्रों और उनकी प्रमुख फसलों का विवरण देंगे।1. उष्णकटिबंधीय क्षेत्र (Tropical Region)चावल, गन्ना, केला, आम, पपीता, नारियल, और काली मिर्च और इलायची जैसे मसाले भारत के गर्म और आर्द्र उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाए जाते हैं, जिसमें पश्चिमी घाट के तटीय क्षेत्र भी शामिल हैं (घाट केरल, तमिलनाडु राज्यों से होकर गुजरते हैं), कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात), उत्तर पूर्वी राज्यों के कुछ हिस्से, और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह आदि। उच्च तापमान और अधिक...
कपास की फसल में इंटरकल्चरल ऑपरेशंस करने से होने वाले फायदे

कपास की फसल में इंटरकल्चरल ऑपरेशंस करने से होने वाले फायदे

कपास की फसल में अंतर-खेती कार्य (Intercultural Operations) का उचित प्रबंधन, फसल की पैदावार और गुणवत्ता को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कपास की फसल में इंटरकल्चरल ऑपरेशंस, जिसमें रोपण और कटाई के बीच किए गए प्रबंधन अभ्यास शामिल हैं, इन कार्यों में खरपतवार नियंत्रण, मिट्टी की तैयारी, सिंचाई, उर्वरक प्रबंधन, कीट नियंत्रण, रोग नियंत्रण और कटाई शामिल हैं।उपज में वृद्धिनिराई, छंटाई और विरलन जैसे इंटरकल्चरल ऑपरेशन, कपास के पौधों के बीच पानी, पोषक तत्वों और धूप जैसे संसाधनों के लिए प्रतिस्पर्धा को कम करने में मदद कर सकते हैं।इससे बेहतर वृद्धि हो सकती है, कपास के बोल...
जून माह में मूंगफली की उन्नत खेती से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

जून माह में मूंगफली की उन्नत खेती से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

मूंगफली भारत की प्रमुख महत्त्वपूर्ण तिलहनी फसल है। यह गुजरात, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडू तथा कर्नाटक राज्यों में सर्वाधिक उगाई जाती है। भारत देश के बाकी राज्य जैसे कि मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान तथा पंजाब में भी यह अत्यंत महत्त्वपूर्ण फसल मानी जाने लगी है। राजस्थान में इसकी खेती तकरीबन 3.47 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में की जाती है, जिससे तकरीबन 6.81 लाख टन उपज प्राप्त होती है। मूंगफली की औसत उपज 1963 कि.ग्रा. प्रति हैक्टेयर (2010-11) है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्‌ के अधीनस्थ अनुसंधानों संस्थानों एवं कृषि विश्वविद्यालयों ने मूंगफली की उन्नत तकनीकियाँ जैसे उन्नत किस्में, रोग नियंत्रण, निराई-गुड़ाई एवं खरपतवार...
मूंगफली फसल में कीट और रोग नियंत्रण

मूंगफली फसल में कीट और रोग नियंत्रण

मूंगफली में उपज हानि करने वाले प्रमुख कीट एफिड्स, जैसिड, थ्रिप्स, सफेद मक्खी, लीफ माइनर, व्हाइट ग्रब, आर्मी वार्म और हेलियोथिस आदि है। एफिड्स, जैसिड्स, थ्रिप्स और व्हाइट फ्लाई जैसे प्रमुख रस चूसने वाले कीटों को नियंत्रण करने के लिए  फॉस्फैमिडोन 0.03% या डाइमेथोएट 0.03% या मिथाइल-ओ डेमेटॉन 0.025% का 10 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करे। लाइट ट्रैप लीफ माइनर के पतंगों को आकर्षित करता है, जिन्हें इकट्ठा किया जाता है और फिर नष्ट कर दिया जाता है।डाइक्लोरवोस 0.05% या मोनोक्रोटोफॉस 0.04% के छिड़काव से भी इन कीड़ों को नियंत्रित किया जा सकता है या क्विनालफॉस 0.05% या एंडोसल्फान 0.07%...
मूंगफली की फसल में बुवाई और बीज दर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी

मूंगफली की फसल में बुवाई और बीज दर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी

मूंगफली एक उष्ण कटिबंधीय पौधा है जिसके लिए लंबे और गर्म मौसम की आवश्यकता होती है। मूंगफली की फसल अच्छी तरह से वितरित वर्षा के 50 से 125 सेमी वाले क्षेत्रों में उच्च उपज देती है। धूप की प्रचुरता और अपेक्षाकृत गर्म तापमान में फसल वृद्धि, फूल आने की दर और फली का विकास अच्छी तरह होता है । बीज के अंकुरण के लिए  मिट्टी का तापमान बहुत महत्वपूर्ण होता है। जब मिट्टी का तापमान 19 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है, अंकुरण कम होता है। इसलिए बुवाई के समय पर मिट्टी के तापमान का ध्यान रखे। मूंगफली की किस्म के आधार...
जायद सीजन में मूंगफली की खेती किसानों को शानदार मुनाफा दिला सकती है

जायद सीजन में मूंगफली की खेती किसानों को शानदार मुनाफा दिला सकती है

भारत भर में बहुत सारे किसान आजकल परंपरागत खेती को छोड़कर नकदी फसलों की खेती कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है, कि महंगाई के इस युग में किसानों को मूंगफली जैसी फसलों की खेती पर अधिक बल देना चाहिए। आज हम किसानों को मूंगफली की खेती के बारे में जानकारी दे रहे हैं। मूंगफली की खेती से अधिक मुनाफा कमाने के लिए आपको इसकी उन्नत किस्म चुनने से लेकर फसल की बुवाई के आधुनिक तरीके एवं अन्य विधियों की जानकारी प्रदान करेंगे।मूंगफली की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु की आवश्यकता किसान भाई यदि अपने खेत में मूंगफली की फसल को...