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मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना में लाभांवित होंगे हजारों किसान

मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना में लाभांवित होंगे हजारों किसान

लखनऊ। किसानों को सिंचाई के लिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना नाम से एक नई योजना शुरूआत की है। 

इस योजना के तहत वर्ष 2022-23 में प्रदेश हजारों किसान लाभांवित होंगे। लघु सिंचाई विभाग ने इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है। अब विभाग को इसकी स्वीकृति का इंतजार है। 

इस योजना के लिए बजट में 216 करोड़ प्रस्तावित हुए हैं। लघु सिंचाई के निःशुल्क बोरिंग योजना, मध्यम नहर नलकूप योजना और गहरी योजना को मिलाकर यह नई योजना शुरू की गई है। 

प्रभारी सहायक अभियंता लघु सिंचाई विनय कुमार ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पादन में वृद्धि हेतु कृषकों के निजी सिंचाई साधनों का निर्माण कराकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। 

जिससे प्रदेश के हर खेत मे सुनिश्चित सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सके। तथा प्रदेश के कृषक आधिकारिक खाद्यान्न उत्पादन का प्रदेश व देश के आर्थिक विकास में योगदान कर सकें। 

उन्होंने इस योजना के तहत 300 बोरिंग कराने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। जिसके तहत 60 बोरिंग अनुसूचित जाति व 220 बोरिंग सामान्य जाति के लोगों के लिए लगाए जाएंगे।

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सामान्य जाति के लघु एवं सीमान्त किसानों हेतु अनुदान

-इन योजना में सामान्य श्रेणी के लघु एवं सीमान्त कृषकों हेतु बोरिंग पर अनुदान की अधिकतम सीमा क्रमशः 5000 रु. तथा 7000 रु. निर्धारित की गई है सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों के लिए जोत सीमा 0.2 हेक्टेयर निर्धारित है। 

सामान्य श्रेणी के कृषकों की बोरिंग पर पम्पसेट स्थापित कराना अनिवार्य नहीं है। परंतु पम्पसेट क्रय कर स्थापित करने पर लघु कृषकों की अधिकतम 4500 रु. व सीमान्त कृषकों हेतु 6000 रु. का अनुदान अनुमन्य है।

अनुसूचित जाति/जनजाति कृषकों हेतु अनुदान

- अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थियों हेतु बोरिंग पर अनुदान की अधिकतम सीमा 10000 रुपए निर्धारित है। न्यूनतम जोत सीमा का प्रतिवर्ष तथा पम्पसेट स्थापित करने की बाध्यता नहीं है। 

10000 रुपए की सीमा के अंतर्गत बोरिंग से धनराशि शेष रहने पर रिफ्लेक्स वाल्व, डिलीवरी पाइप, बैंड आदि सामिग्री उपलब्ध करने की अतिरिक्त सुविधा भी उपलब्ध है। पम्पसेट स्थापित करने पर अधिकतम 9000रुपए का अनुदान अनुमान्य है। 

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एच.डी.पी.ई. पाइप हेतु अनुदान

- वर्ष 2012-13 से जल के अपव्यय को रोकने एवं सिंचाई दक्षता में अभिवृद्धि के दृष्टिकोण से कुल लक्ष्य के 25 प्रतिशत लाभार्थियों को 90 एमएम साइज का न्यूनतम 30 मी. से अधिकतम 60 मी. एचडीपीई पाइप स्थापित करने हेतु लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 3000 रुपए का अनुदान अनुमन्य करने जाने का प्रावधान किया गया है। 22 मई 2016 से 110 एमएम साइज के एचडीपीई पाइप स्थापित करने हेतु भी अनुमान्यता प्रदान कर दी गई है।

पम्पसेट क्रय हेतु अनुदान

- निःशुल्क बोरिंग योजना के अंतर्गत नाबार्ड द्वारा विभिन्न अश्वशक्ति के पम्पसेट के लिए ऋण की सीमा निर्धारित है। जिसके अधीन बैंकों के माध्यम से पम्पसेट हेतु ऋण की सुविधा उपलब्ध है। 

जनपदवार रजिस्टर्ड पम्पसेट डीलरों से नगद पम्पसेट क्रय करने की भी व्यवस्था है। दोनों विकल्पों में से कोई भी प्रक्रिया अपनाकर आईएसआई मार्क (ISI Mark) पम्पसेट क्रय करने का अनुदान अनुमन्य है। 

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कैसे करें आवदेन

- सर्वप्रथम आपको लघु सिंचाई विभाग, उत्तर प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।

यूपी निशुल्क बोरिंग योजना के अंतर्गत लक्ष्यों का निर्धारण

- लक्ष्य की प्राप्ति प्रत्येक वर्ष जनपद वार लक्ष्य शासन स्तर पर उपलब्ध कराए गए धनराशि के माध्यम से किया जाएगा। - ग्राम पंचायत के लक्ष्यों का निर्धारण क्षेत्र पंचायत द्वारा किया जाएगा।

- लक्ष्य से 25% से अधिक की संख्या में लाभार्थी ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम जल संसाधन समिति की सहमति से उपरोक्त अनुसार चयनित किए जाएंगे। - चयनित लाभार्थियों की सूची विकास अधिकारी को प्रस्तुत की जाएगी।

लाभार्थियों का चयन

-सभी पात्र लाभार्थियों को चयन उनकी पात्रता के अनुसार किया जाएगा। इस योजना का लाभ उन किसानों को नहीं प्रदान किया जाएगा जो पूर्व में किसी सिंचाई योजना के अंतर्गत लाभवंती हुए हैं। 

इसके अलावा वर्ष 2000 -01 मैं विभाग द्वारा लघु सिंचाई कार्यों का सेंसस करवाया गया है। इस सेंसस के माध्यम से ऐसे कृषकों की सूची तैयार की गई है जिन की भूमि असिंचित है। 

इस सूची में आय कृषकओ पर खास ध्यान दिया जाएगा। ग्राम पंचायत द्वारा एक अंतिम बैठक का आयोजन किया जाएगा जिसमें लाभार्थियों की सूची तैयार की जाएगी। 

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यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना की प्राथमिकताएं एवं प्रतिबंध

- बोरिंग के समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि जहां बोरिंग की जा रही है वहां खेती है या नहीं। बोरिंग के स्थान पर खेती होना अनिवार्य है। अतिदोहित/क्रिटिकल विकास खंडों में कार्य नहीं किया जाएगा। 

बोरिंग के संबंध में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि प्रस्तावित पंपसेट से लगभग 3 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि की सिंचाई हो सके। 

वह विकास खंड जो सेमी क्रिटिकल कैटेगरी में है उनमें नाबार्ड द्वारा स्वीकृत सीमा के अंतर्गत ही चयन किया जाएगा। पंपसेट के मध्य दूरी नाबार्ड द्वारा जनपद विशेष के लिए निर्धारित दूरी से कम नहीं होनी चाहिए। 

समग्र ग्राम विकास योजना एवं नक्सल प्रभावित समग्र ग्राम विकास योजना के अंतर्गत चयनित किए गए ग्रामों में सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर बोरिंग का कार्य किया जाएगा। 

उपलब्ध धनराशि से समग्र ग्राम विकास योजना एवं नक्सल प्रभावित समग्र ग्राम विकास योजना के ग्रामों को सर्वप्रथम पूर्ति की जाएगी।

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यूपी निशुल्क बोरिंग योजना के अंतर्गत सामग्री की व्यवस्था

इस योजना के अंतर्गत पीवीसी पाइप का प्रयोग किया जाएगा। एमएस पाइप का उपयोग केवल उन क्षेत्रों में किया जाएगा जहां हाइड्रोजियोलॉजिकल परिस्थितियों के कारण पीवीसी पाइप का प्रयोग नहीं किया जा सकता। 

एसएम पाइप का प्रयोग ऐसे जिलों में चिन्हित क्षेत्रों के संबंधित अधीक्षण अभियंता लघु सिंचाई वृत से अनुमोदन प्राप्त करके किया जाएगा। 

पीवीसी पाइप से होने वाली बोरिंग के लिए पीवीसी पाइप एवं अन्य सामग्री की व्यवस्था कृषकों द्वारा की जाएगी। जिलाधिकारी के अंतर्गत एक समिति का गठन किया जाएगा जिसके माध्यम से अनुदान स्वीकृति करने हेतु पीवीसी पाइप तथा अन्य सामग्री की दरें निर्धारित की जाएगी। 

 ----- लोकेन्द्र नरवार

फ्री बोरिंग योजना : किसानों के खेतों में फ्री बोरिंग लगा रही सरकार

फ्री बोरिंग योजना : किसानों के खेतों में फ्री बोरिंग लगा रही सरकार

कृषि में अच्छी उपज पाने के लिए पानी की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है। उत्तर प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसान जिनको ग्रामीण हिस्सों में सिंचाई करते समय पानी की कमी का सामना करना पड़ता है। 

समुचित मात्रा में जल ना होने की वजह से किसानों को फसल की सिंचाई के लिए बोरिंग की जरूरत पड़ती है। परंतु, आर्थिक हालत मजबूत ना होने की वजह से कुछ किसान बोरिंग करवाने के लिए समर्थ नहीं होते हैं। इस वजह से उनकी फसलें बर्बाद हो जाती हैं।

किसान भाईयों की इन समस्त समस्याओं को मन्देनजर रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यूपी नि:शुल्क बोरिंग योजना संचालित की गई है। इस योजना के जरिए राज्य के किसानों को सरकार की तरफ से निःशुल्क बोरिंग की व्यवस्था मुहैय्या कराएगी। 

इन किसानों को मिलेगी निःशुल्क सुविधा 

उत्तर प्रदेश में इस सरकारी योजना को योगी सरकार द्वारा प्रारंभ किया गया है। यह योजना किसानों की फसल की सिंचाई के लिए बोरिंग की सुविधा उपलब्ध करती है। 

राज्य के कृषकों को अब अपनी फसल की सिंचाई के लिए धन खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि राज्य सरकार द्वारा सामान्य जाति और एससी एसटी के लघु एवं सीमांत कृषकों को सिंचाई करने के लिए बोरिंग की सुविधा निःशुल्क प्रदान की जा रही है। 

साथ ही, किसान अपने खेतों में पम्पसेट स्थापित करवाने के लिए बैंक से कर्जा भी उठा सकते हैं। इस योजना का फायदा प्रदेश के समस्त सामान्य श्रेणी के लघु और सीमांत किसान उठा सकते हैं, 

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जिनके पास न्यूनतम जोत सीमा 0.2 हेक्टेयर से कम है। अगर किसान के पास इससे कम भूमि है, तो किसान समूह बनाकर भी UP Nishulk Boring Yojana का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लघु और सीमांत कृषकों के लिए कोई न्यूनतम कृषि सीमा तय नहीं की गई है। 

यह योजना न सिर्फ कृषकों को सिंचाई की सुविधा से शानदार फसल उगाने में सहयोग करेगी बल्कि उन्हें आर्थिक तौर पर काफी मजबूत बनाएगी। 

यूपी नि:शुल्क बोरिंग योजना 2024 के बारे में जानकारी

  • योजना का नाम - UP Nishulk Boring Yojana
  • शुरू की गई - उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा
  • संबंधित विभाग - लघु सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश सरकार  
  • लाभार्थी - राज्य के किसान
  • उद्देश्य - किसानों को सिंचाई सुविधा हेतु नि:शुल्क बोरिंग की सुविधा उपलब्ध करवाना
  • राज्य - उत्तर प्रदेश
  • आवेदन प्रक्रिया - ऑनलाइन  
  • आधिकारिक वेबसाइट - minorirrigationup.gov.in

उत्तर प्रदेश नि:शुल्क बोरिंग योजना के लिए पात्रता क्या है ?

  • यूपी नि:शुल्क बोरिंग योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक को उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए।
  • राज्य के लघु एवं सीमांत वर्ग के सभी किसान इस योजना के लिए पात्र होंगे।
  • इस योजना के अंतर्गत सामान्य जाति, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कृषक आवेदन करने हेतु पात्र होंगे। 
  • आवेदक किसान के पास न्यूनतम जोत सीमा 0.2 हेक्टेयर होनी चाहिए।
  • अगर किसान के पास न्यूनतम 0.2 हेक्टेयर की जोत सीमा नहीं है तो किसान समूह बनाकर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
  • ऐसे उम्मीदवार जो किसी अन्य योजना के माध्यम से सिंचाई सुविधा का लाभ ले रहे हैं वह आवेदन करने हेतु पात्र नहीं होंगे।

UP Free Boring Yojana 2024 के लिए आवश्यक दस्तावेज

अगर आप उत्तर प्रदेश के किसान हैं और UP Free Boring Yojana के तहत आवेदन करना चाहते हैं तो आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। 

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इन कागजातों में आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, भूमि संबंधित दस्तावेज, मोबाइल नंबर, पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक खाता पासबुक आदि शम्मिलित हैं। 

यूपी नि:शुल्क बोरिंग योजना 2024 के तहत आवेदन कैसे करें?

यूपी नि:शुल्क बोरिंग योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए आप आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से आवेदन फॉर्म को डाउनलोड कर सकते है। 

इसके अलावा आप तहसील या लघु सिंचाई विभाग कार्यालय के माध्यम से भी आवेदन फॉर्म को जमा कर सकते हैं। जिसकी जानकारी नीचे दी गई है।

सबसे पहले आपको खंड विकास अधिकारी तहसील या लघु सिंचाई विभाग कार्यालय जाना होगा। वहां जाकर आपको यूपी नि:शुल्क बोरिंग योजना आवेदन फॉर्म प्राप्त करना होगा। 

आवेदन फॉर्म प्राप्त करने के बाद आपको उसमें पूछी गई सभी जानकारी को सही-सही और ध्यानपूर्वक दर्ज करना होगा। इसके बाद आपको मांगे गए दस्तावेजों को फॉर्म के साथ संलग्न करना होगा। 

अब आपको आवेदन फॉर्म उसी कार्यालय में जमा कर देना होगा जहां से आपने प्राप्त किया था। इस तरह आपकी UP Free Boring Yojana 2024 के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी।