कृषक अपनी सूखी सोयाबीन की फसल देख हुए बेकाबू डीएम का कार्यालय घेरा

डीएम शिवराज सिंह वर्मा का कहना है कि खरगोन जिला ही नहीं संपूर्ण राज्य में अगस्त माह के अंतर्गत बारिश बिल्कुल नहीं हुई। काफी कम बारिश हुई है फसलें बर्बाद होने की जानकारी किसानों के जरिए से मिली है। हमने भी कृषि विभाग और राजस्व विभाग की टीम को सतर्क किया है और उनसे कहा है कि वस्तु स्थिति पर निगरानी रखें और खेतों पर जाकर देखें फसलों की क्या हालत है। मध्य प्रदेश के खरगोन में सोयाबीन की फसल सूखने से हताश किसानों ने डीएम कार्यालय का घेराव किया। सोयाबीन की सूखी फसल लेकर किसान डीएम के कार्यालय पहुंच गए। परंतु, वहां डीएम के दफ्तर का गेट बंद देख किसानों का गुस्सा और अधिक बढ़ गया। किसानों ने डीएम कार्यालय का गेट खोला और भीतर घुस गए। डीएम कार्यालय का घेराव कर वहीं धरना डाल दिया, जिसके उपरांत झिरन्या के किसानों ने सोयाबीन की सूखी फसल पशुओं को खिला दी। खरगोन जनपदभर में सोयाबीन एवं कपास की फसल सूखने से नाराज बड़ी तादात में किसान सोयाबीन की सूखी फसल लेकर डीएम कार्यालय पहुंचे। डीएम परिसर का गेट बंद करने पर किसान भाइयों का गुस्सा फूट पड़ा। गुस्साए किसान नारेबाजी करते हुए दरवाजा खोलकर डीएम कार्यालय के समक्ष पहुंच गए। बिजली अधिकारी और डीएम के खिलाफ नारेबाजी की गयी। बड़ी संख्या में किसान धरने पर बैठे। संपूर्ण जिले की भीकनगांव, भगवानपुरा, बड़वाह, महेश्वर, झिरन्या तहसीलों से किसान पहुंचे। 

क्रोधित कृषकों ने प्रशासन एवं डीएम के खिलाफ की नारेबाजी

किसानों ने डीएम कार्यालय के सामने सरकार, पुलिस, प्रशासन एवं डीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों ने डीएम कार्यालय के सामने कई घंटे तक धरना दिया। जिला प्रशासन से 2 दिन का आश्वासन मिलने के पश्चात किसानों ने शाम लगभग 5 बजे अपना धरना खत्म कर दिया। 

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बिजली कंपनी अपनी मनमानी कर रही है- किसान संघ

किसान संघ जिला अध्यक्ष सदाशिव पाटीदार का कहना है, कि विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मनचाहे तरीके से 7 घंटे बिजली देने का शेड्यूल बनाया गया है। हम सूचना देने के लिए ज्ञापन के जरिए से यहां एकत्रित हुए थे। परंतु सवाल यह खड़ा है कि हमारे आने से पहले कलेक्टर कार्यालय का गेट बंद कर दिया गया। इससे कृषकों ने उग्र रूप धारण कर लिया एवं सभी किसान यहां पहुंच गए हैं। वर्तमान में डीएम साहब घर पर ही निवास कर रहे हैं और जानकारी मिली है कि वे निर्वाचन में काफी व्यस्त हैं। हमारा कहना है, कि जब वोट डालने वाले ही नहीं रहेंगे तो निर्वाचन किसके लिए होगा। विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कहा गया है, कि ये शेड्यूल ऊपर से तैयार किया गया है।