जानें कटाई छंटाई का क्या महत्व है, किस प्रकार पौधों का ख्याल रखें

फसलों से अच्छा मुनाफा पाने के लिए किसान भाइयों को उनकी कटाई-छंटाई से लेकर अन्य कई महत्वपूर्ण कार्य का ध्यान रखना होता है। यदि समय रहते पौधों की कटाई-छंटाई (Pruning of Plants) नहीं की जाएगी, तो वह जंगली पौधों की भाँति बढ़ना शुरू हो जाते हैं। इसी वजह से पौधों पर फल की मात्रा भी कम होनी शुरू हो जाती है। यदि कुछ पौधों की कटाई-छंटाई न की जाये, तो वह फल नहीं देते हैं। साथ ही, देखा जाए तो कुछ पौधों से फल पाने के लिए कटाई-छंटाई की जरूरत ही नहीं पड़ती है। आज के इस लेख में हम कटाई-छटाई के क्या फायदे हैं। इसके बारे में विस्तार से जानने का प्रयास करते हैं।

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पौधों की कटाई-छंटाई की क्या आवश्यकता है

  • पौधों की कटाई-छंटाई करने से सूर्य का प्रकाश यानी कि Sunlight पौधों की जड़ों तक अच्छे से पहुंचती है।
  • पौधे ज्यादा मजबूती व तेजी से विकसित होते हैं।
  • कटाई-छंटाई करने के पश्चात पौधे अपने बेहतर आकार में बढ़ते हैं।
  • नए फल देने वाली शाखाएं अच्छा विकास करती है।
  • पौधों में रोग और कीटों का प्रभाव कम होता है।
  • कटाई-छंटाई के क्या-क्या नियम होते हैं
  • यदि आप पौधों की कटाई-छंटाई करने जा रहे हैं, तो कुछ बातों का भी ख्याल रखें जो कि कुछ इस प्रकार से हैं।
  • सबसे पहले पौधों से मरी अथवा फिर सूखी हुई, रोगग्रस्त और कमजोर शाखाओं को काट कर फेंक दें।
  • यदि पौधों के आर-पार जाने वाली और एक दूसरे पर चढ़ी हुई शाखाओं को भी सबसे पहले काटें।
  • जमीन से टच करने वाली शाखाओं की भी कटाई-छंटाई करें।
  • इसके अलावा जिन शाखाओं में फल नहीं आ रहे हैं, तो उन्हें आप अपनी जरूरत के मुताबिक ही कटाई-छंटाई करें।

जानें पौधों की कटाई-छंटाई के लिए उपयोग किए जाने वाले औजारों के बारे में

चाकू (Pruning knife), कैंची (Pruning shears), सैकेटियर्स (Secateurs), आरी (Pruning saw), कृन्तन का गंडासा (Bill hook), ट्री पूनर (Tree pruner), लूपर्स (Loopers) आदि काफी महत्वपूर्ण औजार हैं।

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इन विधियों से कटाई-छंटाई करनी चाहिए

अगर आप अपने पौधे से ज्यादा मात्रा में फल अर्जित करना चाहते हैं, तो आपको कटाई-छंटाई के लिए कुछ विधियों को अपनाना चाहिए। इन विधियों का नाम पिन्चिंग एवं वलयन हैं, तो आइए अब इनके बारे में जानते हैं, कि यह क्या है और किस तरह से कार्य करती हैं। पिन्चिंग विधि (Pinching Method ) - इसमें आपको तने व शाखाओं के सबसे ऊपरी सिरे से 2 से 3 पनियों की कटाई करनी है। इस विधि में सिर्फ कुछ ही पौधों की कटाई की जाती है, जैसे कि- डहेलिया, गुलदाउदी इत्यादि। वलयन विधि (Fusion Method) - इस विधि में आपको पौधों के तने से लगभग 1 से 1.5 सेमी लंबाई में छाल वलय के रूप में काटकर बाहर निकाल देना है। जिससे कि पौधा बेहतर ढ़ंग से विकास कर सके।