पंजाब में बाढ़ (Punjab Floods) की वजह से काफी संकटमय स्थिति बन गई है। बाढ़ ने संपूर्ण राज्य को तबाह कर दिया है। सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार अब तक करीब 2 लाख एकड़ की फसल बर्बाद हो चुकी है। नदियां अपने उफान पर हैं, जिधर देखो उधर पानी का सैलाब दिखाई दे रहा है। इस सैलाब में जान और माल दोनों का नुकसान हो रहा है। करोड़ों रुपये की किसानों की फसल बर्बाद हो गई है।
लेकिन, इस बर्बादी का उन्हें मुआवजा भी नहीं मिलेगा। कारण है, कि न तो इस राज्य में केंद्र की पीएम बीमा फसल योजना लागू है और न ही राज्य सरकार की योजना। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर किसानों को हुए करोड़ों रुपये के नुकसान की भरपाई कौन करेगा। पंजाब की तरह दिल्ली में यमुना नदी उफान पर है।
बाढ़ की वजह से कई घर डूब गए हैं। लोग अपने ही घरों से बाहर रहने पर मजबूर हैं। राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार, लगभग 3 लाख एकड़ भूमि और लगभग 1.25 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। कीर्ति किसान संघ जैसे किसान संगठन सरकार से नुकसान के बराबर मुआवजा देने के सिद्धांत पर आधारित बीमा योजना लागू करने का आग्रह कर रहे हैं।
केंद्र सरकार द्वारा 2016 में शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और बीमारियों के खिलाफ व्यापक बीमा प्रदान करती है। किसान मामूली प्रीमियम का भुगतान करते हैं। खरीफ फसलों (मानसून के महीनों में बोई जाने वाली) के लिए 2%, रबी फसलों (सर्दियों के महीनों में बोई जाने वाली) के लिए 1.5%, और बागवानी एवं व्यावसायिक फसलों के लिए 5%—जबकि केंद्र और राज्य शेष लागत वहन करते हैं।
पंजाब सरकार ने कभी केंद्र की इस बीमा फसल योजना को लागू ही नहीं किया। राज्य सरकार इसे लागू न करने के पीछा का कारण खजाने पर वित्तीय बोझ और दावा निपटान में पारदर्शिता की चिंता बताती है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2016 की शुरुआत में शुरू की गई थी, उस समय पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) और भाजपा गठबंधन सत्ता में थी। हालांकि, SAD उस समय केंद्र में सत्तारूढ़ NDA का सहयोगी था, फिर भी तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इस योजना को लागू नहीं किया था। उसके बाद कांग्रेस की सरकार आई और अब आम आदमी पार्टी की सरकार है।
राज्य सरकार ने अपनी ओर से फसल बीमा योजना लाने की घोषणा की थी लेकिन अब तक वह योजना ला नहीं पाई है। बाढ़ (Punjab Flood) के बीच सवाल उठ रहे हैं, कि आखिर पिछले दशकों में बार-बार घोषणाओं के बावजूद पंजाब में फसल बीमा नीति क्यों नहीं है, और इसके अभाव में किसान कैसे जूझ रहे हैं ?
पंजाबी गायक मंकीरत औलख ने पंजाब में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 5 करोड़ रुपये और 100 ट्रैक्टर दान करने की घोषणा की है। यह मदद पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद की गई है, और मंकीरत औलख खुद भी जरूरतमंदों तक मदद पहुँचाने के लिए ज़मीन पर राहत टीमों के साथ काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा है कि यह उनके लिए एक पंजाबी बेटे का कर्तव्य है और वह अपने "परिवार" के साथ खड़े रहेंगे, जो कि पंजाब के लोग हैं। उनकी इस पहल की काफ़ी सराहना हो रही है, और लोग उन्हें एक "मिट्टी का असली बेटा" कह रहे हैं। मंकीरत औलख सिर्फ दान ही नहीं दे रहे, बल्कि खुद भी राहत कार्यों में सक्रिय रूप से हिस्सा ले रहे हैं।
अभिनेता और गायक दिलजीत दोसांझ ने पंजाब में बाढ़ पीड़ितों (Punjab Floods Update) की मदद के लिए गुहार लगाई है और अपने सांझ फाउंडेशन के माध्यम से गुरदासपुर और अमृतसर के 10 सबसे प्रभावित गांवों को गोद लिया है। उन्होंने एक वीडियो संदेश साझा कर लोगों से मदद की अपील की और कहा कि उनकी टीम पीड़ितों को भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता जैसी जरूरी चीजें पहुंचा रही है।
दिलजीत ने स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) और प्रशासन के साथ मिलकर भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता जैसी जरूरी चीजों की तत्काल डिलीवरी सुनिश्चित की है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो संदेश जारी कर लोगों से बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आने की अपील की, जिसमें उन्होंने पंजाब के घायल होने लेकिन हार न मानने का जिक्र किया।
दिलजीत दोसांझ अकेले नहीं हैं उनके अलावा, अन्य पंजाबी और बॉलीवुड सितारों जैसे एमी विर्क, सोनम बाजवा और शहनाज गिल ने भी राहत प्रयासों में योगदान दिया है। दिलजीत की टीम केवल तत्काल सहायता पर ही नहीं रुकी, बल्कि पुनर्वास और दीर्घकालिक पुनर्निर्माण की योजनाओं पर भी काम कर रही है।
उत्तर : पंजाब में बाढ़ की वजह से 3 लाख हेक्टेयर भूमि और लगभग 1.25 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
उत्तर : पंजाब में बाढ़ प्रभावित लोगों को पीएम फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
उत्तर : मंकीरत ओलख ने बाढ़ पीड़ित किसानों के लिए 100 ट्रैक्टर और 5 करोड़ रूपये की मदद की है।